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हिसार: ग्रामीणों की प्रशासन को चेतावनी, नहरी पानी नहीं छोड़ा तो करेंगे आंदोलन

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Published : Nov 11, 2020, 7:19 AM IST

हिसार में दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को करीब दो महीनों से नहरी पानी और पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही नहर में पानी नहीं छोड़ा गया तो वो आंदोलन करने को मजबूर होंगे.

Villagers face water problem in Hisar
ग्रामीणों की प्रशासन को चेतावनी, नहरी पानी नहीं छोड़ा तो करेंगे आंदोलन

हिसार: पेटवाड़ नहर से जुड़े दर्जनों गांवों के ग्रामीण पिछले करीब दो महीनों से नहरी पानी और पेयजल की समस्या से जुझ रहे हैं. बिजाई का मौसम होने के बावजूद भी माइनर में पानी नहीं आ रहा है. जिससे न केवल किसानों की बिजाई प्रभावित हो रही है. साथ ही पेयजल संकट भी गहरा रहा है. इसके विरोध में ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा.

ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 24 घंटे में उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो मय्यड़ में संबंधित गांवों की एक महापंचायत आयोजित की जाएगी. जिसमें आर-पार की लड़ाई का फैसला लिया जाएगा. इस दौरान गांव सुलतानपुर, उमरा, रामायण, ढंढेरी, देपल, भगाना, मय्यड़, खरड़, अलीपुर, सातरोड कलां, दाहिमा, गुंजार, धमाना गांवों के लोग मौजूद रहे.

ग्रामीणों ने कहा कि वे इस पेजयल और नहरी पानी संकट से पिछले 60-70 दिनों से जूझ रहे हैं. हालात यहां तक खराब है कि ढाणियों में रहने वाले ग्रामीणों को 500 से 600 रुपये खर्च कर पानी के टैंकर मंगाने पड़ रहे हैं. साथ ही पानी की किल्लत के चलते मौसमी फसल नहीं हो पा रही है.

ये भी पढ़ें: बरोदा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार इंदुराज नरवाल की जीत, योगेश्वर दत्त हारे

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि उक्त माइनर में किसानों को दो सप्ताह नहरी पानी दिया जाए. ताकि वे अपनी फसलों की बिजाई कर सके. भारतीय किसान संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष बबलु सहरावत ने कहा कि अगर 24 घंटे में माइनर में पानी नहीं आता है तो मय्यड़ में आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा. जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

हिसार: पेटवाड़ नहर से जुड़े दर्जनों गांवों के ग्रामीण पिछले करीब दो महीनों से नहरी पानी और पेयजल की समस्या से जुझ रहे हैं. बिजाई का मौसम होने के बावजूद भी माइनर में पानी नहीं आ रहा है. जिससे न केवल किसानों की बिजाई प्रभावित हो रही है. साथ ही पेयजल संकट भी गहरा रहा है. इसके विरोध में ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा.

ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 24 घंटे में उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो मय्यड़ में संबंधित गांवों की एक महापंचायत आयोजित की जाएगी. जिसमें आर-पार की लड़ाई का फैसला लिया जाएगा. इस दौरान गांव सुलतानपुर, उमरा, रामायण, ढंढेरी, देपल, भगाना, मय्यड़, खरड़, अलीपुर, सातरोड कलां, दाहिमा, गुंजार, धमाना गांवों के लोग मौजूद रहे.

ग्रामीणों ने कहा कि वे इस पेजयल और नहरी पानी संकट से पिछले 60-70 दिनों से जूझ रहे हैं. हालात यहां तक खराब है कि ढाणियों में रहने वाले ग्रामीणों को 500 से 600 रुपये खर्च कर पानी के टैंकर मंगाने पड़ रहे हैं. साथ ही पानी की किल्लत के चलते मौसमी फसल नहीं हो पा रही है.

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ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि उक्त माइनर में किसानों को दो सप्ताह नहरी पानी दिया जाए. ताकि वे अपनी फसलों की बिजाई कर सके. भारतीय किसान संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष बबलु सहरावत ने कहा कि अगर 24 घंटे में माइनर में पानी नहीं आता है तो मय्यड़ में आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा. जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

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