हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में 'अनुप्रयुक्त विज्ञान के लिए कम्प्यूटेशनल' तकनीक विषय आयोजित दो दिवसीय वेबिनार मंगलवार को संपन्न हुआ.
बता दें कि अभिकलन की तकनीकों का कृषि विज्ञान, अनुप्रयुक्त विज्ञान और व्यावहारिक विज्ञान के शोध में हमेशा से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है. वर्तमान समय में कम्प्यूटर तकनीकों के विकास के कारण इसकी भूमिका और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गयी है. इन तकनीकों ने प्रयोगशालाओं में शोध निष्कर्षों को आम जनता के लिए बहुत ही उपयोगी बना दिया है.
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने कहा की ऑनलाइन माध्यम से मौलिक विज्ञान और मानविकी महाविद्यालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय वेबिनार के समापन समाहरोह का आयोजन किया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में गणितीय मॉडलिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन सीखने और डेटा विश्लेषण तकनीकों ने अनुसंधान को वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए अधिक यथार्थवादी और उपयोगी बना दिया है.
अनुसंधान निदेशक डॉ. एसके सहरावत और महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. राजबीर सिंह ने प्रतिभागियों के ज्ञान और कम्प्यूटेशनल कौशल को बढ़ाने के विशिष्ट उद्देश्य के साथ इस वेबिनार के सफल आयोजन के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि सत्तत अनुकरण, कृत्रिम तकनीकों व आंकड़ा विश्लेषण का कृषि वैज्ञानिकों व अनुप्रयुक्त वैज्ञानिकों के शोध कार्यों को शिखर पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान है.
उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये वेबिनार सभी प्रतिभागियों के शिक्षा और शोध कार्यों को आगे बढ़ाने में लाभदायक सिद्ध होगा. विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मंजू सिंह टांक ने सभी वक्ताओं का स्वागत किया और बताया कि वेबिनार के लिए लगभग 430 प्रतिभागियों ने पंजीकरण किया था और 240 से अधिक प्रतिभागी इस वेबिनार में शामिल हुए हैं.
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