हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में संयुक्त कृषि निदेशक (कपास) डॉ. रामप्रताप सिहाग की अध्यक्षता में एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में जिला हिसार के कृषि विभाग से जुडें सभी अधिकारी/कर्मचारियों, उपमण्डल कृषि अधिकारी, विषय विशेषज्ञ, खण्ड कृषि अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी, एटीएम, बीटीएम एवं कृषि सुपरवाइजर्स ने भाग लिया.
पिछले वर्ष कपास बिजाई क्षेत्र में फसल में बीमारी, कीट एवं अन्य समस्या का प्रकोप बड़ी मात्रा में हुआ था. प्रशिक्षण शिविर में कृषि विभाग एवं चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इन समस्याओं के समाधान एवं तकनीकी बिंदुओं पर प्रकाश डाला.
ट्रेनिंग में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के प्लांट ब्रीडिंग विभाग से डॉ. सोमबीर, शस्य विभाग से डॉ. करमल मलिक, पैथोलोजी विभाग से डॉ. मनमोहन, कीट विभाग से डॉ. अनिल जाखड़ ने तकनीकी विषय रखे. वैज्ञानिकों ने अपने अनुभवों से कपास फसल में समस्या के निवारण हेतू अपने विचार सांझा किए और आगामी आने वाली बीमारी/कीट पतंगा एवं शस्य क्रियाओं के बारे में विस्तार से बताया.
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अपने संबोधन में संयुक्त कृृषि निदेशक (कपास) डॉ. राम प्रताप सिहाग ने बताया कि कृषि विभाग एवं कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के समन्वय से हर जिले में दो-दो कपास के प्रदर्शन प्लांट लगाने हैं, जिसके लिए किसानों की सूची मांग ली गई है.
इन प्लांटों को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की समग्र सिफारिशों के अनुसार लगाने और किसानों को कपास फसल के बारे में व्यवहारिक एवं तकनीकी ज्ञान देकर ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने के कार्यक्रम तैयार किए गए हैं, ताकि गत वर्ष हुई कपास फसल में बीमारी, कीट के प्रकोप एवं नुकसान से किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके. फील्ड स्तर पर दिन-प्रतिदिन इस समस्या का समाधान करना भी सुनिश्चित किया जाएगा.
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