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हिसार: विद्यार्थियों की फीस में क्लर्क ने की थी धांधली, पूर्व प्रिंसिपल के सभी वित्तीय लाभ रोके गए - clerk rigged the fees of the students in hisar

उच्चतर शिक्षा विभाग ने महालेखाकार हरियाणा को 5 जनवरी को पत्र लिखा गया है. उच्चतर शिक्षा विभाग 2017-18 से लेकर 2019-20 तक फीस में धांधली के अलग-अलग मामलों में जांच कर रहा है.

The clerk rigged the fees of the students in hisar
विद्यार्थियों की फीस में क्लर्क ने की थी धांधली
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Published : Jan 9, 2021, 2:18 PM IST

हिसार: गवर्नमेंट पीजी कॉलेज में विद्यार्थियों की फीस में क्लर्क द्वारा की गई धांधली के मामले में उच्चतर शिक्षा विभाग ने पूर्व प्राचार्य डॉ. पीएस रोहिल्ला के सभी वित्तीय लाभ रोक दिए हैं. फिलहाल उन्हें प्रोविजनल पेंशन मिलेगी और सेक्शन 7 के तहत जांच प्रक्रिया चलती रहेगी.

इसको लेकर उच्चतर शिक्षा विभाग ने महालेखाकार हरियाणा को 5 जनवरी को पत्र लिखा गया है. उच्चतर शिक्षा विभाग 2017-18 से लेकर 2019-20 तक फीस में धांधली के अलग-अलग मामलों में जांच कर रहा है.

इस धांधली में क्लर्क अरुण कुमार की मुख्य भूमिका थी, जिसे बाद में निलंबित कर दिया गया था. कॉलेज के पैसे से संबंधित लेनदेन पर नजर रखने का कार्य तत्कालीन बर्सर डॉ. एनएस तोमर का था, जो कॉलेज में गणित के शिक्षक भी हैं.

16 लाख रुपये हो चुके रिकवर
कॉलेज में 2017 से 2019 तक विद्यार्थियों से फीस तो ली गई, लेकिन लाखों रुपये को कॉलेज के खाते में जमा नहीं करवाए गए. अकेले 2017-18 में ही 7 लाख 87 हजार से अधिक का गोलमाल था. इसके बाद परतें खुलती गईं और कॉलेज का स्पेशल ऑडिट करवाया गया, जिसमें विभिन्न विभागों में 70 लाख रुपये से अधिक की अनियमितताएं सामने आई हैं. अब तक मामले में 16 लाख रुपये की रिकवरी भी हो चुकी है.

ये भी पढ़ें- बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद हरियाणा में मारी जायेंगी डेढ़ लाख से ज्यादा मुर्गियां, टास्क फोर्स का गठन

हिसार: गवर्नमेंट पीजी कॉलेज में विद्यार्थियों की फीस में क्लर्क द्वारा की गई धांधली के मामले में उच्चतर शिक्षा विभाग ने पूर्व प्राचार्य डॉ. पीएस रोहिल्ला के सभी वित्तीय लाभ रोक दिए हैं. फिलहाल उन्हें प्रोविजनल पेंशन मिलेगी और सेक्शन 7 के तहत जांच प्रक्रिया चलती रहेगी.

इसको लेकर उच्चतर शिक्षा विभाग ने महालेखाकार हरियाणा को 5 जनवरी को पत्र लिखा गया है. उच्चतर शिक्षा विभाग 2017-18 से लेकर 2019-20 तक फीस में धांधली के अलग-अलग मामलों में जांच कर रहा है.

इस धांधली में क्लर्क अरुण कुमार की मुख्य भूमिका थी, जिसे बाद में निलंबित कर दिया गया था. कॉलेज के पैसे से संबंधित लेनदेन पर नजर रखने का कार्य तत्कालीन बर्सर डॉ. एनएस तोमर का था, जो कॉलेज में गणित के शिक्षक भी हैं.

16 लाख रुपये हो चुके रिकवर
कॉलेज में 2017 से 2019 तक विद्यार्थियों से फीस तो ली गई, लेकिन लाखों रुपये को कॉलेज के खाते में जमा नहीं करवाए गए. अकेले 2017-18 में ही 7 लाख 87 हजार से अधिक का गोलमाल था. इसके बाद परतें खुलती गईं और कॉलेज का स्पेशल ऑडिट करवाया गया, जिसमें विभिन्न विभागों में 70 लाख रुपये से अधिक की अनियमितताएं सामने आई हैं. अब तक मामले में 16 लाख रुपये की रिकवरी भी हो चुकी है.

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