हिसार: हरियाणा के एससी, बीसी वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा. सरकार ने 15 नवंबर, 2018 को अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से पदोन्नति में आरक्षण देने संबंधी आदेश 23 जून, 2020 को वापस ले लिए हैं.
इसके खिलाफ हिसार जिले में सोमवार को एससी, बीसी वर्ग से संबंधित विभिन्न सामाजिक व कर्मचारी संगठनों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ कड़ा रोष जताया है. इस मुद्दे को लेकर विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने को लघु सचिवालय पहुंचकर उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. बताया जा रहा है कि सरकार के इस कदम से एससी, बीसी वर्ग के करीब 30 हजार कर्मचारियों को तगड़ा झटका लगा है. आरक्षण खत्म होने से इन श्रेणियों के हजारों कर्मचारी बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो जाएंगे.
क्या है मांग ?
कर्मचारियों ने ज्ञापन पत्र के माध्यम से मांग की कि सरकार ने गत 23 जून को जो तुगलकी फरमान जारी किया है, उसे तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए. इसके साथ ही प्रदेश में सीधी भर्ती तथा पदोन्नति के सारे लंबित केसों को तुरंत प्रभाव से सुलझाए. इसके अलावा प्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण दूसरी और पहली श्रेणी में लागू करे तथा प्रदेश में खाली पड़े बैकलॉग को तुरंत प्रभाव से भरा जाए. इसके साथ ही प्रदेश में सभी संवैधानिक पदों में भी आरक्षण व्यवस्था लागू की जाए और विश्वविद्यालयों में रजिस्ट्रार व कुलपति एससी बीसी के अनुपात में लगाए जाएं.
ज्ञापन के माध्यम से सरकार से आग्रह किया है कि समय रहते प्रदेश सरकार उक्त मांगों पर कोई ठोस कदम उठाए. अन्यथा एससी बीसी कर्मचारी और सामाजिक संगठन सड़क पर उतरकर आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे.
इस दौरान फैसला लिया गया कि उक्त मुद्दों को लेकर एससी, बीसी कर्मचारियों व सामाजिक संगठनों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलेगा और इस बारे में विस्तार से चर्चा करेगा.
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