हिसार: सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के अंर्तगत जिंदल ज्ञान केंद्र के ओपन एयर थियेटर में बुधवार को नगर निगम प्रशासन द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में बतौर मुख्यवक्ता अजय सिन्हा पहुंचे. कार्यशाला की अध्यक्षता मेयर गौतम सरदाना, निगम आयुक्त अशोक गर्ग ने की. कार्यशाला में हांसी, नारनौंद, बास, सिसाय, उकलाना और बरवाला से पालिकाओं के अधिकारी विशेष रूप से उपस्थित रहे.
मुख्य वक्ता अजय सिन्हा ने कचरा प्रबंधन के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि घरों से निकलने वाली पूजा सामग्री हमारे लिये शुद्ध होती है और घर की रसोई और दूसरी जगह से निकलने वाली चीजों को हम अशुद्ध मानते हैं. दोनों चीजें में भेदभाव करने की जरूरत नहीं है. कचरा का निस्तारण हमें आना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों की सोच में बदलाव लाना होगा. उन्होंने कहा कि लोगों में जब प्लास्टिक के प्रति घृणा का भाव पैदा होगा तो कचरे में अपने आप कमी आ जाएगी.
उन्होंने कहा कि आज के समय में कचरा प्रबंधन में लोगों को रोजगार मिल रहा है. 95 फीसद कचरा पुन: प्रयोग में लाने योग्य है. किचन वेस्ट से खाद बनती है. वहीं प्लास्टिक और अन्य चीजों को बाजार में बेचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि अनुमान अनुसार 5 से 7 रुपये प्रति किलो के हिसाब से कचरा बिकता है. ऐसे में नगर निगम के प्रतिदिन निकलने वाले 180 टन कचरे की कीमत आप लोग लगा सकते हैं.
मुख्य वक्ता अजय सिन्हा ने बताया कि साल 1970 से पहले कभी भी कचरे के पहाड़ देखने को नहीं मिलते थे. लोग कचरा पैदा ही नहीं करते थे. क्योंकि उस दौर में घर से निकलने वाला कचरा-कचरा नहीं होता था. वो खाद होती थी. लेकिन जब से प्लास्टिक आया है तब से घर से निकलने वाला अच्छा कचरा भी कूड़ा बन गया है. इसलिये लोगों को प्लास्टिक और स्वच्छता के प्रति जागरूक करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिस दिन शहरवासी जागरूक हो जाएंगे. उस दिन शहर में कचरा अपने आप खत्म हो जाएगा.
ये भी पढ़ें: सामने आई सपना चौधरी के लाडले की पहली फोटो, यहां देखिए पहली झलक