ETV Bharat / city

कड़ाके की सर्दी में ठिठुरा हरियाणा, मौसम विभाग ने किसानों को दी सावधानी बरतने की सलाह

author img

By

Published : Dec 20, 2019, 10:39 PM IST

पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही भारी बर्फबारी के चलते उत्तर भारत का तापमान लगातार लुढ़क रहा है. हरियाणा में ठंड का कहर जारी है. वहीं धुंध के कारण दिन भर वाहनों की रफ्तार भी धीमी रही.

weather in haryana
weather in haryana

हिसार: पूरे प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की ठंड से आम जीवन प्रभावित हो रहा है. मौसम विभाग के अनुसार आगामी दो दिनों तक आसमान में बादल छाए रहने से धुंध में कमी आएगी लेकिन उसके बाद धुंध बढ़ेगी. हिसार में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान लगभग 4 डिग्री रहा जो सामान्य से 3 डिग्री कम था.

वहीं हिसार में अधिकतम तापमान सामान्य से लगभग 10 डिग्री कम रहा. लगातार बढ़ रही ठंड से बचने के लिए लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं. वहीं अगर खेती की बात करें तो गेंहू की फसल को इस मौसम से सबसे अधिक फायदा होगा. साथ ही सरसों को भी इससे फायदा पहुंचेगा लेकिन सरसों में सफेद चूर्णी रोग का खतरा भी बढ़ने की आशंका है.

हरियाणा में बढ़ती सर्दी को लेकर मौसम विभाग ने किसानों को दी सावधानी बरतने की सलाह.

ये भी पढ़ेंः धान फिजिकल वेरिफिकेशन को लेकर अभय चौटाला का बयान, कहा- पैसा ऐंठने का काम कर रही सरकार

किसानों को सलाह दी गई है कि फसलों में हल्का पानी दें लेकिन कुछ दिनों के अंतराल में दें. फलदार छोटे पौधों को सर्दी से बचने के लिए पराली आदि से ढ़क कर रखने की सलाह कृषि विशेषज्ञों की तरफ से दी गई है. हरियाणा कृषि विश्वविधालय हिसार के मौसम वैज्ञानिक डॉ रामनिवास ने बताया कि आने वाले दो से तीन दिन आसमान में बादल छाए रहने के कारण धुंध में कमी आएगी.

उन्होंने बताया कि तापमान सामान्य से चार डिग्री कम चल रहा है. वर्तमान में लगभग चार डिग्री तापमान चल रहा है जिससे किसानों को फसलों में नुकसान की सम्भावना होने के चलते सावधानी रखनी आवश्यक है. सब्जी और स्ट्राबेरी की फसलों पर अधिक ध्यान देने की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सभी फसलों में लगभग 5 दिन के अंतराल से हल्का पानी दें. छोटे पौधों को पराली आदि से ढ़क लें ताकि सर्दी से बचाया जा सके.

मौसम को लेकर डॉ रामनिवास ने कहा कि गेंहू के लिए ऐसा मौसम फायदेमंद है. वहीं सरसों की फसल में भी ऐसे मौसम में कम पानी की आवश्यकता होती है. सरसों की फसल में ऐसे मौसम के कारण सफेदी चूर्णी रोग का खतरा भी रहता है. ऐसा मौसम यदि एक महीने तक बना रहता है तो गेंहू की फसल में पैदावार अधिक होगी.

ये भी पढ़ेंः बॉर्डर सील करने की गुरुग्राम पुलिस को नहीं दी गई जानकारी, दिल्ली पुलिस पर उठे सवाल

हिसार: पूरे प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की ठंड से आम जीवन प्रभावित हो रहा है. मौसम विभाग के अनुसार आगामी दो दिनों तक आसमान में बादल छाए रहने से धुंध में कमी आएगी लेकिन उसके बाद धुंध बढ़ेगी. हिसार में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान लगभग 4 डिग्री रहा जो सामान्य से 3 डिग्री कम था.

वहीं हिसार में अधिकतम तापमान सामान्य से लगभग 10 डिग्री कम रहा. लगातार बढ़ रही ठंड से बचने के लिए लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं. वहीं अगर खेती की बात करें तो गेंहू की फसल को इस मौसम से सबसे अधिक फायदा होगा. साथ ही सरसों को भी इससे फायदा पहुंचेगा लेकिन सरसों में सफेद चूर्णी रोग का खतरा भी बढ़ने की आशंका है.

हरियाणा में बढ़ती सर्दी को लेकर मौसम विभाग ने किसानों को दी सावधानी बरतने की सलाह.

ये भी पढ़ेंः धान फिजिकल वेरिफिकेशन को लेकर अभय चौटाला का बयान, कहा- पैसा ऐंठने का काम कर रही सरकार

किसानों को सलाह दी गई है कि फसलों में हल्का पानी दें लेकिन कुछ दिनों के अंतराल में दें. फलदार छोटे पौधों को सर्दी से बचने के लिए पराली आदि से ढ़क कर रखने की सलाह कृषि विशेषज्ञों की तरफ से दी गई है. हरियाणा कृषि विश्वविधालय हिसार के मौसम वैज्ञानिक डॉ रामनिवास ने बताया कि आने वाले दो से तीन दिन आसमान में बादल छाए रहने के कारण धुंध में कमी आएगी.

उन्होंने बताया कि तापमान सामान्य से चार डिग्री कम चल रहा है. वर्तमान में लगभग चार डिग्री तापमान चल रहा है जिससे किसानों को फसलों में नुकसान की सम्भावना होने के चलते सावधानी रखनी आवश्यक है. सब्जी और स्ट्राबेरी की फसलों पर अधिक ध्यान देने की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सभी फसलों में लगभग 5 दिन के अंतराल से हल्का पानी दें. छोटे पौधों को पराली आदि से ढ़क लें ताकि सर्दी से बचाया जा सके.

मौसम को लेकर डॉ रामनिवास ने कहा कि गेंहू के लिए ऐसा मौसम फायदेमंद है. वहीं सरसों की फसल में भी ऐसे मौसम में कम पानी की आवश्यकता होती है. सरसों की फसल में ऐसे मौसम के कारण सफेदी चूर्णी रोग का खतरा भी रहता है. ऐसा मौसम यदि एक महीने तक बना रहता है तो गेंहू की फसल में पैदावार अधिक होगी.

ये भी पढ़ेंः बॉर्डर सील करने की गुरुग्राम पुलिस को नहीं दी गई जानकारी, दिल्ली पुलिस पर उठे सवाल

Intro:एंकर - पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फ़बारी के चलते उत्तर भारत का तापमान लगातार लुढ़क रहा है। हरियाणा में ठण्ड का कहर जारी है धुंध ने वाहनों की रफ़्तार धीमी कर दी है वहीँ ठण्ड से आम जीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी दो दिनों तक आसमान में बादल छाए रहने से धुंध में कमी आएगी लेकिन उसके बाद धुंध बढ़ेगी। हिसार में न्यूनतम तापमान लगभग 4 डिग्री रहा जो सामान्य से 3 डिग्री कम वहीँ अधिकतम तापमान सामान्य से लगभग 10 डिग्री कम रहा। लगातार बढ़ रही ठंड से बचने के लिए लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे है।

गेंहूं की फसल को इस मौसम से सबसे अधिक फायदा होगा वहीं सरसों को भी इससे फायदा पहुंचेगा लेकिन सरसों में सफेद चूर्णी रोग का खतरा भी बढ़ने की आशंका है। किसानों को सलाह दी गई है फसलों में हल्का पानी लेकिन कुछ दिनों के अंतराल में दे। फलदार छोटे पौधों को सर्दी से बचने के लिए पराली आदि से ढक कर रखने की सलाह कृषि विशेषज्ञों की तरफ़ से दी गई है।


Body:वीओ - हरियाणा कृषि विश्वविधालय हिसार के मौसम वैज्ञानिक डॉ रामनिवास ने बताया की आने वाले 2 से तीन दिन आसमान में बादल छाए रहने के कारण धुंध में कमी आएगी। उन्होंने बताया की तापमान सामान्य से चार डिग्री कम चल रहा है। वर्तमान में लगभग चार डिग्री तापमान चल रहा है जिससे किसानों को फसलों में नुकसान की सम्भावना होने के चलते सावधानी रखनी आवश्यक है। सब्जी और स्ट्राबेरी की फसलों पर अधिक ध्यान देने की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया की सभी फसलों में लगभग 5 दिन के अंतराल से हल्का पानी दें। फलदार पोधों को लेकर डॉ रामनिवास ने कहा की छोटे पौधों को पराली आदि से ढक ले ताकि सर्दी से बचाया जा सके।

वर्तमान में चल रहे मौसम को लेकर कृषि विशेष्ज्ञ डॉ रामनिवास ने कहा की गेंहू के लिए ऐसा मौसम फायदेमंद है। वहीँ सरसों की फसल में भी ऐसे मौसम में कम पानी की आवश्यकता होती है। सरसों की फसल में ऐसे मौसम के कारण सफेदी चूर्णी रोग का खतरा भी रहता है। ऐसा मौसम यदि एक महीने तक बना रहता है तो गेंहू की फसल में पैदावार अधिक होगी।

बाइट - डॉ रामनिवास, प्रो. हरियाणा कृषि विश्वविधालय हिसार। Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.