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हांसी सिविल अस्पताल में कई साल से खराब पड़ी है छोटी एक्स-रे मशीन, डिमांड के बावजूद नहीं हुई सुनवाई - small X-ray machine bad condition hansi

हांसी के सिविल अस्पताल में छोटी नई एक्स-रे मशीन सालों से खराब पड़ी है और सालों पुरानी बड़ी मशीन पर लोड बढ़ गया है. इसी कारण कई तरह से एक्स-रे अस्पताल में नहीं हो पा रहे और मरीजों को निजी एक्स-रे सेंटरों पर जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

Civil Hospital Hansi
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Published : Apr 5, 2021, 12:38 PM IST

हिसार: एक तरफ जहां सरकार अस्पतालों को हर सुविधा मुहैया करवाने के वादे कर रही है. दूसरी तरफ इन सरकारी अस्पतालों की सच्चाई कुछ और ही है. हांसी के सिविल अस्पताल में छोटी नई एक्स-रे मशीन सालों से खराब पड़ी है. छोटी एक्स-रे मशीन खराब होने से सालों पुरानी बड़ी मशीन पर लोड बढ़ गया है.

अस्पताल प्रशासन ना जाने कितनी बार नई मशीनों के लिए स्वास्थ्य विभाग को डिमांड भेज चुका है, लेकिन समस्या जस की तस बरकरार है. इसी कारण कई तरह से एक्स-रे अस्पताल में नहीं हो पा रहे और मरीजों को निजी एक्स-रे सेंटरों पर जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

ये भी पढ़े- कैथल नगर परिषद जेई को सौंपी गई स्ट्रीट लाइटों को ऑन-ऑफ करने की जिम्मेदारी

स्वास्थ्य विभाग ही मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर लापरवाह बरतता दिखाई दे रहा है. अस्पताल में सालों पुरानी एक्स-रे एक मशीन खराब पड़ी है. केवल एक मशीन से ही मरीजों के एक्स-रे किये जा रहे हैं. जिस मशीन से काम लिया जा रहा है वह बड़ी मशीन पेट, कुल्हे, सिर, चेहरे व रीढ़ की हड्डी के एक्स-रे करने में पूरी तरह से सक्षम नहीं है. इसके अलावा दशकों पुरानी ये दोनों ही एक्स-रे मशीनें अनियंत्रित रेडियो विकिरणों को छोड़ती हैं जो मरीजों के साथ-साथ डाक्टरों के लिए भी खतरनाक बताई जाती है.

एइआरबी (एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड) के नियमों पर भी ये मशीनें खरा नहीं उतरती. ऐसे में इन पुरानी एक्स-रे मशीन से मरीजों की जांच कर उनके स्वास्थ को खतरे में डाला जा रहा है. यहां तक की ये मशीनें निर्धारित स्टैंडर्ड के एक्स-रे करने में असक्षम हो चुकी हैं.

हर रोज अस्पताल में 30-40 मरीजों के एक्स-रे किए जाते हैं. एक्स-रे मशीन से हर रोज काम लेने की उसकी क्षमता के अनुसार सीमा निर्धारित है. मरीजों की संख्या को देखते हुए एक ही मशीन से ज्यादा एक्स-रे किए जा रहे हैं. एक्सपर्ट के अनुसार मशीन से ज्यादा काम लेने पर उसका ट्यूब हेड फटने का खतरा रहता है.

ये भी पढ़े- देखिए कैसे कुछ ही देर में महिंद्रा जाइलो गाड़ी हुई राख, चालक ने ऐसे बचाई जान

अस्पताल में तैनात रेडियोलॉजिस्ट जसवंत कुमार ने बताया कि अस्पताल प्रशासन द्वारा दो नई एक्स-रे मशीनों लगाने के लिए कई बार डिमांड भेजी जा चुकी है. वर्तमान में दो मशीनें हैं जिनमें से एक खराब है. हर रोज अस्पताल में करीब 30 से 40 एक्स-रे होते हैं.

हिसार: एक तरफ जहां सरकार अस्पतालों को हर सुविधा मुहैया करवाने के वादे कर रही है. दूसरी तरफ इन सरकारी अस्पतालों की सच्चाई कुछ और ही है. हांसी के सिविल अस्पताल में छोटी नई एक्स-रे मशीन सालों से खराब पड़ी है. छोटी एक्स-रे मशीन खराब होने से सालों पुरानी बड़ी मशीन पर लोड बढ़ गया है.

अस्पताल प्रशासन ना जाने कितनी बार नई मशीनों के लिए स्वास्थ्य विभाग को डिमांड भेज चुका है, लेकिन समस्या जस की तस बरकरार है. इसी कारण कई तरह से एक्स-रे अस्पताल में नहीं हो पा रहे और मरीजों को निजी एक्स-रे सेंटरों पर जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

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स्वास्थ्य विभाग ही मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर लापरवाह बरतता दिखाई दे रहा है. अस्पताल में सालों पुरानी एक्स-रे एक मशीन खराब पड़ी है. केवल एक मशीन से ही मरीजों के एक्स-रे किये जा रहे हैं. जिस मशीन से काम लिया जा रहा है वह बड़ी मशीन पेट, कुल्हे, सिर, चेहरे व रीढ़ की हड्डी के एक्स-रे करने में पूरी तरह से सक्षम नहीं है. इसके अलावा दशकों पुरानी ये दोनों ही एक्स-रे मशीनें अनियंत्रित रेडियो विकिरणों को छोड़ती हैं जो मरीजों के साथ-साथ डाक्टरों के लिए भी खतरनाक बताई जाती है.

एइआरबी (एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड) के नियमों पर भी ये मशीनें खरा नहीं उतरती. ऐसे में इन पुरानी एक्स-रे मशीन से मरीजों की जांच कर उनके स्वास्थ को खतरे में डाला जा रहा है. यहां तक की ये मशीनें निर्धारित स्टैंडर्ड के एक्स-रे करने में असक्षम हो चुकी हैं.

हर रोज अस्पताल में 30-40 मरीजों के एक्स-रे किए जाते हैं. एक्स-रे मशीन से हर रोज काम लेने की उसकी क्षमता के अनुसार सीमा निर्धारित है. मरीजों की संख्या को देखते हुए एक ही मशीन से ज्यादा एक्स-रे किए जा रहे हैं. एक्सपर्ट के अनुसार मशीन से ज्यादा काम लेने पर उसका ट्यूब हेड फटने का खतरा रहता है.

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अस्पताल में तैनात रेडियोलॉजिस्ट जसवंत कुमार ने बताया कि अस्पताल प्रशासन द्वारा दो नई एक्स-रे मशीनों लगाने के लिए कई बार डिमांड भेजी जा चुकी है. वर्तमान में दो मशीनें हैं जिनमें से एक खराब है. हर रोज अस्पताल में करीब 30 से 40 एक्स-रे होते हैं.

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