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अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए बड़ा मौका, रोजगार के लिए मत्स्य पालन विभाग दे रहा फ्री ट्रेनिंग - हिसार मत्स्य पालन विभाग

हिसार मत्स्य पालन विभाग अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवाओं (scheduled caste youth in Haryana) को बहुत बड़ा मौका दे रहा है. मछली पालन विभाग की ओर से अनुसूचित जाति के लोगों लिए विशेष योजना चलाई जा रही है जिसके तहत ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को अब वित्तीय सहायता दी जाती है. ट्रेनिंग के बाद युवा अपना उद्योग स्थापित करने के लिए आसानी से बैंक लोन भी प्राप्त कर सकते हैं.

Fisheries department is giving free training to sc youth
मत्स्य पालन विभाग एससी युवाओं को दे रहा नि:शुल्क प्रशिक्षण
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Published : May 18, 2022, 11:49 AM IST

हिसार: अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवाओं (scheduled caste youth in Haryana) के लिए हिसार मत्स्य पालन विभाग एक बड़ा मौका दे रहा है. युवा अपना स्वरोजगार स्थापित कर सकें इसलिए जिला मत्स्य पालन विभाग द्वारा समय-समय पर मछली पालन प्रशिक्षण (Fisheries department is giving free training to sc youth ) देता है. अब मछली पालन विभाग की ओर से अनुसूचित जाति के लोगों लिए विशेष योजना चलाई जा रही है जिसके तहत ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को अब वित्तीय सहायता दी जाती है.

मत्स्य पालन अधिकारी भीम सिंह ने बताया मत्स्य पालन विभाग द्वारा अनुसूचित जाति के प्रशिक्षु को 10 दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके बाद पंचायती तालाब भी पट्टे पर दिलवाए जाते हैं. उन्होंने बताया मत्स्य विभाग द्वारा 10 दिन के प्रशिक्षण के लिए 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से खर्च या मानदेय भी दिए जाता है. प्रशिक्षण के बाद लाभार्थियों को पंचायती तालाब मछली पालन के लिए तालाब पट्टे पर लेना है, तो मत्स्य पालन विभाग द्वारा प्रथम वर्ष के पट्टे की धनराशि का 50 हजार या पट्टेनामे की राशि का 50 प्रतिशत जो भी कम हो प्रार्थी को सब्सिडी दी जाती है. सब्सिडी 2 हेक्टेयर या एकड़ तक ही सीमित है.

इसी प्रकार दूसरे और तीसरे वर्ष की पट्टे राशि का 25 हजार या पट्टानामा राशि का 25 प्रतिशत जो भी कम हो का अनुदान अनुसूचित जाति के प्रार्थी को दिया जाता है. यह अनुदान भी 2 हेक्टेयर की सीमा पर उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए ब्लू बर्ड के नजदीक स्थित जिला मत्स्य अधिकारी के कार्यालय में संपर्क स्थापित किया जा सकता है.

गौर रहे कि मत्स्य पालन की ट्रेनिंग (fisheries training in haryana) लेकर युवा अपना खुद का रोजगार स्थापित कर सकते हैं और मछली पालन के क्षेत्र में अब लगातार इजाफा हो रहा है नई आधुनिक तकनीक के आने से पानी की खपत और कम जगह में अधिक मछली पालन किया जा सकता है. मत्स्य पालन के लिए एक्वा कल्चर, बायो फ्लॉक जैसे तकनीकों की जानकारी के लिए प्रशिक्षण ट्रेन्ड और एक्सपर्ट वैज्ञानिक देते हैं. इस ट्रेनिंग के बाद युवा अपना उद्योग स्थापित करने के लिए आसानी से बैंक लोन भी प्राप्त कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: मामूली बजट में मछली पालन कर इस महिला ने बदल दिए अपने हालात, महीने में होती है लाखों की आय

हिसार: अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवाओं (scheduled caste youth in Haryana) के लिए हिसार मत्स्य पालन विभाग एक बड़ा मौका दे रहा है. युवा अपना स्वरोजगार स्थापित कर सकें इसलिए जिला मत्स्य पालन विभाग द्वारा समय-समय पर मछली पालन प्रशिक्षण (Fisheries department is giving free training to sc youth ) देता है. अब मछली पालन विभाग की ओर से अनुसूचित जाति के लोगों लिए विशेष योजना चलाई जा रही है जिसके तहत ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को अब वित्तीय सहायता दी जाती है.

मत्स्य पालन अधिकारी भीम सिंह ने बताया मत्स्य पालन विभाग द्वारा अनुसूचित जाति के प्रशिक्षु को 10 दिन का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके बाद पंचायती तालाब भी पट्टे पर दिलवाए जाते हैं. उन्होंने बताया मत्स्य विभाग द्वारा 10 दिन के प्रशिक्षण के लिए 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से खर्च या मानदेय भी दिए जाता है. प्रशिक्षण के बाद लाभार्थियों को पंचायती तालाब मछली पालन के लिए तालाब पट्टे पर लेना है, तो मत्स्य पालन विभाग द्वारा प्रथम वर्ष के पट्टे की धनराशि का 50 हजार या पट्टेनामे की राशि का 50 प्रतिशत जो भी कम हो प्रार्थी को सब्सिडी दी जाती है. सब्सिडी 2 हेक्टेयर या एकड़ तक ही सीमित है.

इसी प्रकार दूसरे और तीसरे वर्ष की पट्टे राशि का 25 हजार या पट्टानामा राशि का 25 प्रतिशत जो भी कम हो का अनुदान अनुसूचित जाति के प्रार्थी को दिया जाता है. यह अनुदान भी 2 हेक्टेयर की सीमा पर उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए ब्लू बर्ड के नजदीक स्थित जिला मत्स्य अधिकारी के कार्यालय में संपर्क स्थापित किया जा सकता है.

गौर रहे कि मत्स्य पालन की ट्रेनिंग (fisheries training in haryana) लेकर युवा अपना खुद का रोजगार स्थापित कर सकते हैं और मछली पालन के क्षेत्र में अब लगातार इजाफा हो रहा है नई आधुनिक तकनीक के आने से पानी की खपत और कम जगह में अधिक मछली पालन किया जा सकता है. मत्स्य पालन के लिए एक्वा कल्चर, बायो फ्लॉक जैसे तकनीकों की जानकारी के लिए प्रशिक्षण ट्रेन्ड और एक्सपर्ट वैज्ञानिक देते हैं. इस ट्रेनिंग के बाद युवा अपना उद्योग स्थापित करने के लिए आसानी से बैंक लोन भी प्राप्त कर सकते हैं.

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