हिसार: फीफा वर्ल्ड कप अंडर 17 की टीम (FIFA Under 17 World Cup) में हिसार जिले के मंगाली गांव की दो लड़कियां नेहा और काजल शामिल हैं. खिलाड़ी नेहा के पिता धर्मबीर मनरेगा मजदूर हैं, वहीं काजल एक छोटे किसान की बेटी हैं. तीसरी बेटी हिसार जिले के चुली बगड़ियां गांव की रहने वाली नकेता है. इनके अलावा मिनी ब्राजील के नाम से मशहूर भिवानी जिले के अलखपुरा गांव की वार्शिका और शैलजा 11 से 30 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले इस टूर्नामेंट में देश के लिए खेलेंगी.
शिक्षा विभाग के कोच सुखविंदर ढिल्लों ने कहा कि करीब 16 साल पहले मांगली गांव के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पोस्टिंग मिलने पर उन्होंने लड़कियों को फुटबॉल खेलने के लिए प्रोत्साहित किया. लड़कियां इतनी कुशल और सख्त हैं कि हम कम समय में एक अच्छी टीम बनाने में कामयाब रहे. मंगाली गांव के स्कूल की टीम तीन बार स्टेट चैंपियन बन चुकी है और 2015 स्कूल की टीम सुब्रतो कप जीत चुकी है.
कोच ढिल्लों ने बताया कि हिसार जिले के अलखपुरा गांव में राजकीय बालिका विद्यालय की टीम ने भी कुछ साल पहले सुब्रतो कप जीत था. इसके अलावा हिसार जिले के सदलपुर और चुली बागड़ियां गांव की लड़कियां राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी हैं. फुटबॉल कोच ढिल्लों ने कहा कि वर्तमान में, मांगली गांव के आसपास के विभिन्न गांवों की लगभग 30 लड़कियां, जो सरकारी गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंगली में पढ़ती हैं, देश के विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल क्लबों के साथ खेल रही हैं.
ये लड़कियां गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों से ताल्लुक रखती हैं. जो खेल के लिए पौष्टिक आहार और उपकरणों का खर्च वहन नहीं कर सकती हैं. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित किया है और उनमें से 20 को खेल कोटे में सरकारी नौकरी मिली है.
मिनी ब्राजील कहा जाता है अलखपुरा- हरियाणा के भिवानी जिले का छोटा सा गांव अलखपुरा पूरे देश में फुटबॉल के जुनून के लिए मिनी ब्राजील के नाम से जाना जाता है. इस गांव के हर घर की बेटी फुटबॉल खेलती है. यहां फुटबॉल का जुनून ऐसा है कि बच्चे, जवान, अधेड़ सब फुटबॉल के दिवाने हैं. सूट-सलवार, घाघरे में महिलाएं किक मारती दिख जायेंगी. इसीलिए इस गांव को मिनी ब्राजिल कहा जाता है. गांव की इसी दीवानगी के चलते प्रदेश सरकार ने यहां अलग से दो फुटबॉल कोच भी नियुक्ति किया है. हर साल भारत की नेशनल टीम में इस गांव की लड़कियां जरूर शामिल होती हैं.
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