ETV Bharat / city

सरकार की गलत नीतियों के कारण मंडियों में आढ़तियों का व्यापार खत्म हो रहा है- बजरंग गर्ग - हिसार हिंदी समाचार

हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि हर अनाज की सरकारी और प्राइवेट खरीद पर आढ़तियों को लगभग 30 सालों से 2.5 प्रतिशत कमीशन मिल रहा था मगर ये सरकार आढ़तियां का कमीशन बंद और कम करने पर तुली हुई है.

Arhati meeting in hisar
author img

By

Published : Nov 11, 2019, 7:43 PM IST

हिसार: हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष और हरियाणा कॉन्फेड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने व्यापारी प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई. बैठक के बाद बजरंग दास गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण मंडियों में आढ़तियों का व्यापार खत्म हो रहा है.

सरकार कमीशन बंद करने पर तुली- गर्ग

बजरंग गर्ग ने कहा कि हर अनाज की सरकारी और प्राइवेट खरीद पर आढ़तियों को लगभग 30 सालों से 2.5 प्रतिशत कमीशन मिल रहा था मगर ये सरकार आढ़तियां का कमीशन बंद और कम करने पर तुली हुई है. जबकि 30 सालों में महंगाई पहले से कई गुना बढ़ चुकी है. कमीशन कम होने की बजाय बढ़ाना चाहिए था.

आढ़ती को पहले की तरह 2.5 प्रतिशत कमीशन मिलना चाहिए, देखें वीडियो

पहले की तरह 2.5 प्रतिशत कमीशन मिलना चाहिए- गर्ग
प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि अनाज चाहे सरकारी एजेंसी खरीदे या मिलर खरीदें, हर अनाज पर आढ़ती को पहले की तरह 2.5 प्रतिशत कमीशन मिलना चाहिए. जबकि सरकारी खरीद सरसों पर 1 प्रतिशत, मूंग पर .75 प्रतिशत और कपास पर कोई कमीशन नहीं है, जो उचित नहीं है.

मंडियों की दुकानों की कीमत आधी- गर्ग
गर्ग ने कहा कि मंडियों में काम ना होने के कारण मंडियों में दुकानों की कीमत आधी हो गई. जबकि मंडियों में दुकान का सरकारी कलेक्टर रेट से लगभग 65 प्रतिशत कीमत की दुकानों का रेट रह गया है.

हरियाणा सरकार को सरकारी कलेक्टर रेट में 35 प्रतिशत की कटौती करनी चाहिए. यहां तक हरियाणा मार्केट बोर्ड ने हरियाणा में जहां-जहां भी मंडी की दुकानों की बोली पर बेचनी चाही वहां पर मंडियों में दुकानों का कोई भी खरीदार नहीं आया.

खरीद नहीं होने से किसान परेशान- गर्ग
प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकारी एजेंसियों द्वारा कपास, धान, बाजरा की खरीद ना करने से भी किसान बहुत ज्यादा दुखी हैं. जबकि प्रदेश में बारिश होने के कारण भी किसान की फसल खेत और मंडियों में भीगने के कारण भी खराब हो गई है.सरकार को किसान की खराब फसल का तुरंत प्रभाव से मुआवजा देना चाहिए.

फसल की खुली बोली लगे- गर्ग
किसान की हर फसल की खरीद और उसका भुगतान आढ़तियों के माध्यम से किया जाए और किसान की फसल ऑनलाइन की बजाए खुली बोली में बिकनी चाहिए. ताकि किसान को फसल के पूरे दाम मिल सके और खेती में उपयोग आने वाली खाद, दवाइयां और उपकरणों पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं होना चाहिए.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, पराली प्रबंधन के लिए किसानों को दिए जाएंगे 1000 रुपए

हिसार: हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष और हरियाणा कॉन्फेड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने व्यापारी प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई. बैठक के बाद बजरंग दास गर्ग ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण मंडियों में आढ़तियों का व्यापार खत्म हो रहा है.

सरकार कमीशन बंद करने पर तुली- गर्ग

बजरंग गर्ग ने कहा कि हर अनाज की सरकारी और प्राइवेट खरीद पर आढ़तियों को लगभग 30 सालों से 2.5 प्रतिशत कमीशन मिल रहा था मगर ये सरकार आढ़तियां का कमीशन बंद और कम करने पर तुली हुई है. जबकि 30 सालों में महंगाई पहले से कई गुना बढ़ चुकी है. कमीशन कम होने की बजाय बढ़ाना चाहिए था.

आढ़ती को पहले की तरह 2.5 प्रतिशत कमीशन मिलना चाहिए, देखें वीडियो

पहले की तरह 2.5 प्रतिशत कमीशन मिलना चाहिए- गर्ग
प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि अनाज चाहे सरकारी एजेंसी खरीदे या मिलर खरीदें, हर अनाज पर आढ़ती को पहले की तरह 2.5 प्रतिशत कमीशन मिलना चाहिए. जबकि सरकारी खरीद सरसों पर 1 प्रतिशत, मूंग पर .75 प्रतिशत और कपास पर कोई कमीशन नहीं है, जो उचित नहीं है.

मंडियों की दुकानों की कीमत आधी- गर्ग
गर्ग ने कहा कि मंडियों में काम ना होने के कारण मंडियों में दुकानों की कीमत आधी हो गई. जबकि मंडियों में दुकान का सरकारी कलेक्टर रेट से लगभग 65 प्रतिशत कीमत की दुकानों का रेट रह गया है.

हरियाणा सरकार को सरकारी कलेक्टर रेट में 35 प्रतिशत की कटौती करनी चाहिए. यहां तक हरियाणा मार्केट बोर्ड ने हरियाणा में जहां-जहां भी मंडी की दुकानों की बोली पर बेचनी चाही वहां पर मंडियों में दुकानों का कोई भी खरीदार नहीं आया.

खरीद नहीं होने से किसान परेशान- गर्ग
प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकारी एजेंसियों द्वारा कपास, धान, बाजरा की खरीद ना करने से भी किसान बहुत ज्यादा दुखी हैं. जबकि प्रदेश में बारिश होने के कारण भी किसान की फसल खेत और मंडियों में भीगने के कारण भी खराब हो गई है.सरकार को किसान की खराब फसल का तुरंत प्रभाव से मुआवजा देना चाहिए.

फसल की खुली बोली लगे- गर्ग
किसान की हर फसल की खरीद और उसका भुगतान आढ़तियों के माध्यम से किया जाए और किसान की फसल ऑनलाइन की बजाए खुली बोली में बिकनी चाहिए. ताकि किसान को फसल के पूरे दाम मिल सके और खेती में उपयोग आने वाली खाद, दवाइयां और उपकरणों पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं होना चाहिए.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, पराली प्रबंधन के लिए किसानों को दिए जाएंगे 1000 रुपए

Intro:सरकार की गलत नीतियों के कारण मंडियों में आढ़तियों का व्यापार खत्म हो रहा है - बजरंग गर्ग
मंडी की दुकानों का सरकारी कलेक्टर रेट से 35 प्रतिशत कम पर मार्केट में दुकाने मिलती है - बजरंग गर्गBody:हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने व्यापारी प्रतिनिधियों की मीटिंग लेने के उपरांत पत्रकार सम्मेलन में कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण मंडियों में आढ़तियों का व्यापार खत्म हो रहा है। जबकि हर अनाज की सरकारी व प्राइवेट खरीद पर आढ़तियों को लगभग 30 सालों से 2.5 प्रतिशत कमीशन मिल रहा था। मगर यह सरकार आढ़तियां का कमीशन बंद व कम करने पर तुली हुई है। जबकि 30 सालों में महंगाई पहले से कई गुना बढ़ चुकी है। कमीशन कम होने की बजाय बढ़ाना चाहिए था। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि अनाज चाहे सरकारी एजेंसी खरीदे या मिलर खरीदें हर अनाज पर आढ़ती को पहले की तरह 2.5 प्रतिशत कमीशन मिलना चाहिए। जब की सरकारी खरीद सरसों पर 1 प्रतिशत, मूंग पर .75 प्रतिशत और कपास पर कोई कमीशन नहीं है, जो उचित नहीं है।Conclusion:मंडियों में काम ना होने के कारण मंडियों में दुकानों की कीमत आधी हो गई। जबकि मंडियों में दुकान का सरकारी कलेक्टर रेट से लगभग 65 प्रतिशत कीमत की दुकानों का रेट रह गया है। हरियाणा सरकार को सरकारी कलेक्टर रेट में 35 प्रतिशत की कटौती करनी चाहिए। यहां तक हरियाणा मार्केट बोर्ड ने हरियाणा में जहां-जहां भी मंडी की दुकानों की बोली पर बेचनी चाही वहां पर मंडियों में दुकानों का कोई भी खरीदार नहीं आया। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकारी एजेंसियों द्वारा कपास, धान, बाजरा की खरीद ना करने से भी किसान बहुत ज्यादा दुखी है। जबकि प्रदेश में बारिश होने के कारण भी किसान की फसल खेत व मंडियों में भीगने के कारण भी खराब हो गई है। सरकार को किसान की खराब फसल का तुरंत प्रभाव से मुआवजा देना चाहिए और किसान की हर फसल कि खरीद व उसका भुगतान आढ़तियों के माध्यम से किया जाए और किसान की फसल ऑनलाइन की बजाए खुली बोली में बिकिनी चाहिए। ताकि किसान को फसल के पूरे दाम मिल सके और खेती में उपयोग आने वाली खाद्ध, दवाइयां व उपकरणों पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं होना चाहिए।
बाईट -व्यापार मंडल के प्रान्तीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.