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हिसार: खून पसीने की मजदूरी न मिलने से खफा होकर DC दरबार पहुंचे मजदूर, अधिकारियों पर लगाए घोटाले के आरोप - MNREGA work in Hisar

मजदूरी न दिए जाने से खफा होकर हिसार जिले के कई गांव के मनरेगा मजदूर (MNREGA work in Hisar) मंगलवार को प्रदर्शन करते हुए हिसार लघु सचिवालय पहुंचे और अपने मेहनत की कमाई दिए जाने की मांग उठाई. मजदूरों ने आरोप लगाया कि उन्होंने 14 दिन तक मनरेगा के तहत नहर मेंटेनेंस का काम किया, लेकिन अधिकारियों ने मिलीभगत करके सिर्फ 8 दिन का ही काम दिखाया और 6 दिन की मजदूरी का घोटाला कर दिया.

MNREGA work in Hisar
मजदूरी न मिलने से खफा मजदूर
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Published : May 10, 2022, 4:09 PM IST

हिसार: मजदूरी न दिए जाने से खफा होकर हिसार जिले के कई गांव के मनरेगा मजदूर (MNREGA work in Hisar) मंगलवार को प्रदर्शन करते हुए हिसार लघु सचिवालय (Hisar Mini Secretariat) पहुंचे और अपने मेहनत की कमाई दिए जाने की मांग उठाई. मजदूरों ने आरोप लगाया कि उन्होंने 14 दिन तक मनरेगा के तहत नहर मेंटेनेंस का काम किया, लेकिन अधिकारियों ने मिलीभगत करके सिर्फ 8 दिन का ही काम दिखाया और 6 दिन की मजदूरी का घोटाला कर दिया.

मदनहेड़ी गांव के रहने वाले पारस सिंह ने बताया कि सीसर खरबला खांडा गांव के करीब 600 से ज्यादा मजदूरों ने मनरेगा योजना के तहत नहर की मिट्टी हटाने का काम किया था और 14 दिन तक किए गए इस काम की मजदूरी में से 6 दिन की मजदूरी काट दी गई. उन्होंने कहा कि सभी मजदूरों ने काम पूरा किया था, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते उन्हें सिर्फ 8 दिन के ही पैसे मिले हैं. इसी कड़ी में मजदूरों ने मंगलवार को उपायुक्त को ज्ञापन भी (laborer submitted memorandum to DC Hisar) सौंपा. मजदूरों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें उनकी मजदूरी नहीं मिली, तो वह उपायुक्त कार्यालय के बाहर स्थाई धरना बैठ जाएंगे और मुख्यमंत्री तक जाएंगे.

हिसार: मजदूरी न दिए जाने से खफा होकर हिसार जिले के कई गांव के मनरेगा मजदूर (MNREGA work in Hisar) मंगलवार को प्रदर्शन करते हुए हिसार लघु सचिवालय (Hisar Mini Secretariat) पहुंचे और अपने मेहनत की कमाई दिए जाने की मांग उठाई. मजदूरों ने आरोप लगाया कि उन्होंने 14 दिन तक मनरेगा के तहत नहर मेंटेनेंस का काम किया, लेकिन अधिकारियों ने मिलीभगत करके सिर्फ 8 दिन का ही काम दिखाया और 6 दिन की मजदूरी का घोटाला कर दिया.

मदनहेड़ी गांव के रहने वाले पारस सिंह ने बताया कि सीसर खरबला खांडा गांव के करीब 600 से ज्यादा मजदूरों ने मनरेगा योजना के तहत नहर की मिट्टी हटाने का काम किया था और 14 दिन तक किए गए इस काम की मजदूरी में से 6 दिन की मजदूरी काट दी गई. उन्होंने कहा कि सभी मजदूरों ने काम पूरा किया था, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते उन्हें सिर्फ 8 दिन के ही पैसे मिले हैं. इसी कड़ी में मजदूरों ने मंगलवार को उपायुक्त को ज्ञापन भी (laborer submitted memorandum to DC Hisar) सौंपा. मजदूरों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें उनकी मजदूरी नहीं मिली, तो वह उपायुक्त कार्यालय के बाहर स्थाई धरना बैठ जाएंगे और मुख्यमंत्री तक जाएंगे.

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