हिसार: पीटीआई टीचरों को हटाए जाने को लेकर सर्व कर्मचारी संघ ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में पीटीआई टीचरों को बहाल करने की मांग की गई.
जिला प्रधान सुरेन्द्र यादव ने बताया कि प्रदर्शन में बिजली, नगर निगम, पीटीआई, अध्यापक संघ, पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल यूनियन, मंडी बोर्ड, स्वास्थ्य, टूरिज्म, पशुपालन और अन्य विभागों के कर्मचारियों ने सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया है.
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने कोरोना महामारी में 100 करोड़ से ज्यादा वितीय सहायता दी, लेकिन हरियाणा सरकार कोरोना महामारी की आड़ में विभागों में कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को नौकरी से हटाने का काम कर रही हैं. हरियाणा सरकार द्वारा 1983 पीटीआई, स्वास्थ्य, हरियाणा टूरिज्म, कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड, नगर निगम और अन्य में कर्मचारियों को नौकरी से बाहर निकाला जा चुका है.
उन्होंने कहा कि सरकार आर्थिक कटोतियों डीए, एलटीसी और अन्य भत्तों पर रोक लगा चुकी हैं, जिनकी संघ कडे़ शब्दों मे निंदा करता है. केंद्र सरकार लगातार मुनाफे के विभागों का निजीकरण करने पर लगी हुई है. अपने चहते पूंजीपतियों को टैक्स में छूट दी जा रही है.
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इस दौरान कर्मचारियों ने जिला प्रशासन हिसार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए सर्व कर्मचारी संघ के कच्चे कर्मचारियों को डीसी रेट लगाने की मांग की और हटाए गए सभी पीटीआई सहित सभी कच्चे कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर लगाने की मांग की.