गुरुग्राम: ईटीवी भारत की टीम हरियाणा के अलग-अलग जिलों में महिला सुरक्षा की पड़ताल पर निकली हुई है. इस कड़ी में हमारी टीम पहुंची साइबर सिटी गुरुग्राम में. यहां हमारे संवाददाता ने महिलाओं और छात्राओं से बात की और जाना कि आखिर महिलाएं गुरुग्राम में अपने आप को कितना सुरक्षित महसूस करती है.
सबसे पहले गुरुग्राम से हमारे संवाददाता करन जयसिंह ने बस और ई-रिक्शा में सफर करने वाली छात्राओं से बात की. छात्राओं से बात करने पर जो बात सामने आई वह चौंकाने वाली थी. जिस ई-रिक्शा में छात्राएं रोजाना कॉलेज जाती हैं उस ईरिक्शा में बैठकर हमारी टीम ने महिलाओं की सुरक्षा के बारे में जायजा लिया. जब हमने ई-रिक्शा में बैठी छात्राओं से बातचीत की तो साफतौर पर छात्राओं का कहना था कि आज भी वह अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करती.
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छात्राओं ने बताया कि जब वो रोजाना ई-रिक्शा में बैठकर अपने कॉलेज का सफर तय करती हैं तभी कुछ असामाजिक तत्व और मनचले आसपास आकर कमेंट करते हैं और यह सिर्फ इसलिए क्योंकि पुलिस की गश्त इस इलाके में काफी कम है.
छात्राओं ने बताया कि इन रास्तों पर दिन के जाने में भी डर लगता है तो रात की बात तो छोड़ ही दीजिए. छात्राओं का कहना था कि पढ़ाई करनी है तो आना तो पड़ेगा लेकिन अगर इन रास्तों पर पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ा दी जाए तो बिना डरें हम लोग आ जा सकेंगी.
ईटीवी भारत की टीम की इस पड़ताल में पाया गया कि छात्राएं आज भी साइबर सिटी गुरुग्राम में असुरक्षित हैं. अगर हरियाणा के मुख्यमंत्री हमारा प्रोग्राम देख रहे हैं तो हम उनसे पूछना चाहते हैं कि आखिर सरकार के लाख दावों के बाद भी क्यों छात्राएं अपने आपको गुरुग्राम में असुरक्षित महसूस कर रही हैं? आखिर क्यों महिलाओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा रहे? क्या ये सच्चाई देखने के बाद सरकार कोई कदम उठाएगी या फिर अभी भी किसी के वारदात के इंतजार में बैठी रहेगी.
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