गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में सरस आजीविका मेले (Saras Aajeevika Mela in Gurugram) का विधिवत उद्घाटन किया गया. केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज्य मंत्री गिरिराज सिंह और हरियाणा के पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने उद्घाटन किया. दरअसल इस साल गुरुग्राम में दो बार सरस मेले का आयोजन किया गया है. इससे पहले अप्रैल में हरियाणा आजीविका मिशन ने सरस मेले (Haryana Aajeevika Mission Saras Mela) का आयोजन किया था. इस बार ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से गुरुग्राम के सेक्टर 29 स्थित लेजर वैली ग्राउंड में सरस मेले का आयोजन हो रहा है जिसमें भारत के 27 राज्य हिस्सा ले रहे हैं.
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जिस दिन बहनों के हाथ में आर्थिक ताकत आ जाएगी उस दिन देश के ग्रामीण विकास को कोई रोक नहीं सकता. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी के सपने को पूरा करने में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का बड़ा योगदान होगा. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि साल 2024 तक 10 करोड़ परिवारों की महिलाओं को आजीविका मिशन से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है.
मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि वर्तमान में 8.5 करोड़ परिवारों तक पहुंच पाए हैं. जबकि वर्ष 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी उस समय देश में 2.35 करोड़ परिवार ही इस व्यवस्था से जुड़े थे. यह मेला 23 अक्टूबर तक लगा रहेगा. वही केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि आजीविका मिशन से जुड़ी प्रत्येक बहन की वार्षिक आय ₹10लाख सालाना करने का लक्ष्य रखा गया है। इसे उन्होंने मिशन लखपति की संज्ञा दी.
केंद्रीय मंत्री ने एमएसएमई और आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की तुलना करते हुए कहा कि देश में एमएसएमई उद्योगों का जाल है जिनकी बैंक लिंकेज 13.2 लाख करोड रुपये है. इसके विपरीत स्वयं सहायता समूहो से जुड़ी महिलाओं की बैंक लिंकेज 5.5 लाख करोड रुपये है. एमएसएमई का एनपीए 9.3 प्रतिशत है जबकि स्वयं सहायता समूहों का एनपीए मात्र 2.4 प्रतिशत है.
उन्होंने बताया कि सरस मेलों का आयोजन सन 1999 में शुरू हुआ था. अब इनकी संख्या बढी है. उन्होंने हरियाणा को भी महिलाओं के स्वयं सहायता समूहो की संख्या बढ़ाने पर बधाई दी. मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय में प्रदेश में केवल 8000 परिवार स्वयं सहायता समूह से जुड़े हुए थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 5:30 लाख से अधिक हो गई है. इस लिहाज से आजीविका मिशन पहले की अपेक्षा 12 गुना से ज्यादा घरों तक पहुंचा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ हरियाणा सरकार भी स्वयं सहायता समूहों की आय बढ़ाने के काम में लगी हुई है.
हरियाणा के विकास एवं पंचायती मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि सरस आजीविका मेला हमारी ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने व सभी प्रदेशों से आई बहनो को एक दूसरे के रीति-रिवाजों से परिचय कराने का प्रमुख माध्यम है. उन्होंने कहा कि आज स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा देश की आर्थिक उन्नति में दिए जा रहे योगदान के चलते हम सभी नए भारत के सृजन की ओर बढ़ रहे है. वहीं डिप्टी कमिश्नर निशांत कुमार यादव ने भी कहा कि इस सरस मेले को देखने काफी लोग आएंगे.
7 अक्तूबर से 23 अक्टूबर के बीच गुरुग्राम में आयोजित किए जा रहे सरस आजीविका मेला में 27 राज्यों से करीब 500 महिला उद्यमी भाग ले रही है. इसके साथ ही मेले में देश के अलग-अलग राज्यों के पकवानों के 29 स्टॉल लगाए गए हैं. मेले के दौरान उत्पादों की पैकेजिंग और डिजाइन, संचार संबंधी कुशलता, सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार और व्यापार से व्यापार के विपणन संबंधी प्रशिक्षण हेतु कार्यशाला का भी आयोजन किया जाएगा. इसमें ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों और हस्तशिल्पियों को प्रशिक्षित किया जाएगा. इस मेले में सुबह 11 बजे से रात रात्रि 9.30 बजे तक प्रतिदिन आम लोग शिरकत कर सकते हैं.