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राफेल को भारत लाने वाले पायलटों में हरियाणा के रोहित कटारिया भी शामिल

आधुनिक तकनीक से लैस लड़ाकू विमान राफेल की पहली खेप आज भारत पहुंच गई. पहली खेप में पांच फाइटर विमान आज अंबाला एयरबेस पर उतरे. राफेल का भारत आना पूरे देश के लिए खुशी की बात है लेकिन हरियाणा के लिये ये और भी खास है. क्योंकि इन विमानों को भारते लाने में हरियाणा के एक पायलट भी शामिल हैं.

pilot of rafael rohit kataria
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Published : Jul 29, 2020, 5:45 PM IST

Updated : Jul 29, 2020, 8:07 PM IST

गुरुग्राम: चीन से तनातनी के बीच पांच राफेल विमान की पहली खेप भारत पहुंच चुकी है. इन पांच विमानों में तीन सिंगल सीटर और दो डबल सीटर विमान शामिल हैं. ये विमान भारतीय वायु सेना के स्क्वाड्रन नंबर 17 'द गोल्डन एरोज' में शामिल किए गए हैं. बुधवार दोपहर ये विमान अंबाला स्थित एयरबेस पर लैंड हुए. ये खबर हरियाणा को खासतौर पर गर्व से भरने वाली है क्योंकि इन विमानों के पायलट में हरियाणा के रहने वाले पायलट रोहित कटारिया भी शामिल रहे हैं.

हरियाणा का लाल राफेल का पायलट

पायलट रोहित कटारिया गुरुग्राम के बसई गांव के रहने वाले हैं. रोहित के पिता भी आर्मी से कर्नल रिटायर्ड हैं और करनाल के सैनिक स्कूल में प्रिंसिपल रहे हैं. घर से ही सैनिक माहौल को देखते हुए रोहित कटारिया का रुझान सेना की ओर था. पहले सैनिक स्कूल करनाल और उसके बाद एनडीए में रोहित का सेलेक्शन हुआ और फिर देहरादून आईएमए से ट्रेनिंग लेकर रोहित एयरफोर्स में शामिल हुए थे.

राफेल को भारत लाने वाले पायलटों में हरियाणा के रोहित कटारिया भी शामिल, देखिए ये वीडियो.

पोते की कामयाबी देख छलके दादा के आंसू

रोहित कटारिया के दादा नारायण सिंह ने कहा कि उन्हें अपने पोते पर बेहद गर्व है. मैं रोहित को कहता था कि तेरे करतब देखना चाहता हूं, आज पोते रोहित का करतब पूरी दुनिया ने देखा है. मेरे पोते ने देश और हरियाणा के साथ-साथ गुरुग्राम और बसई गांव का नाम भी रौशन किया है. रोहित की इस कामयाबी पर बात करते हुए दादा की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए.

फ्रांस जाकर ली थी राफेल की ट्रेनिंग

रोहित कटारिया ने फ्रांस जाकर राफेल की ट्रेनिंग ली थी. पांच लड़ाकू विमानों के इस बेड़े ने सोमवार को फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोरदु के मेरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरी थी. ये विमान लगभग 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बुधवार तीन बजे अंबाला एयरबेस पहुंचें. उड़ान भरने के बाद राफेल विमान सिर्फ एक जगह संयुक्त अरब अमीरात में रुका, जहां से बुधवार को सुबह ग्यारह बजे के करीब टेक ऑफ किया गया. इनमें से एक विमान की कमान रोहित के हाथ में थी.

राफेल के भारत आने पर पीएम मोदी ने संस्कृत में ट्वीट कर इस लड़ाकू विमान का स्वागत किया है. बता दें कि, चीन से तनातनी के बीच पांच राफेल विमान की पहली खेप भारतीय वायुसेना को सौंपी जा चुकी है. इन पांच विमानों में तीन सिंगल सीटर और दो डबल सीटर विमान शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- बेहद खास है राफेल, जानिए अंबाला एयरबेस को ही क्यों सौंपी गई कमान?

ये विमान भारतीय वायु सेना के स्क्वाड्रन नंबर 17 'द गोल्डन एरोज' में शामिल किए गए हैं. अंबाला स्थित एयरबेस को ये पांच राफेल विमान सौंपे गए हैं. भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदें हैं जिसमें से 5 विमान आ चुके हैं और बाकी विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाएगी. इसी के साथ ही भारतीय वायुसेना में राफेल की एंट्री के साथ ही अब कोई भी मुल्क भारत की ओर नजर उठाकर देखने से पहले 10 बार सोचेगा.

गुरुग्राम: चीन से तनातनी के बीच पांच राफेल विमान की पहली खेप भारत पहुंच चुकी है. इन पांच विमानों में तीन सिंगल सीटर और दो डबल सीटर विमान शामिल हैं. ये विमान भारतीय वायु सेना के स्क्वाड्रन नंबर 17 'द गोल्डन एरोज' में शामिल किए गए हैं. बुधवार दोपहर ये विमान अंबाला स्थित एयरबेस पर लैंड हुए. ये खबर हरियाणा को खासतौर पर गर्व से भरने वाली है क्योंकि इन विमानों के पायलट में हरियाणा के रहने वाले पायलट रोहित कटारिया भी शामिल रहे हैं.

हरियाणा का लाल राफेल का पायलट

पायलट रोहित कटारिया गुरुग्राम के बसई गांव के रहने वाले हैं. रोहित के पिता भी आर्मी से कर्नल रिटायर्ड हैं और करनाल के सैनिक स्कूल में प्रिंसिपल रहे हैं. घर से ही सैनिक माहौल को देखते हुए रोहित कटारिया का रुझान सेना की ओर था. पहले सैनिक स्कूल करनाल और उसके बाद एनडीए में रोहित का सेलेक्शन हुआ और फिर देहरादून आईएमए से ट्रेनिंग लेकर रोहित एयरफोर्स में शामिल हुए थे.

राफेल को भारत लाने वाले पायलटों में हरियाणा के रोहित कटारिया भी शामिल, देखिए ये वीडियो.

पोते की कामयाबी देख छलके दादा के आंसू

रोहित कटारिया के दादा नारायण सिंह ने कहा कि उन्हें अपने पोते पर बेहद गर्व है. मैं रोहित को कहता था कि तेरे करतब देखना चाहता हूं, आज पोते रोहित का करतब पूरी दुनिया ने देखा है. मेरे पोते ने देश और हरियाणा के साथ-साथ गुरुग्राम और बसई गांव का नाम भी रौशन किया है. रोहित की इस कामयाबी पर बात करते हुए दादा की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए.

फ्रांस जाकर ली थी राफेल की ट्रेनिंग

रोहित कटारिया ने फ्रांस जाकर राफेल की ट्रेनिंग ली थी. पांच लड़ाकू विमानों के इस बेड़े ने सोमवार को फ्रांसीसी बंदरगाह शहर बोरदु के मेरिग्नैक एयरबेस से उड़ान भरी थी. ये विमान लगभग 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बुधवार तीन बजे अंबाला एयरबेस पहुंचें. उड़ान भरने के बाद राफेल विमान सिर्फ एक जगह संयुक्त अरब अमीरात में रुका, जहां से बुधवार को सुबह ग्यारह बजे के करीब टेक ऑफ किया गया. इनमें से एक विमान की कमान रोहित के हाथ में थी.

राफेल के भारत आने पर पीएम मोदी ने संस्कृत में ट्वीट कर इस लड़ाकू विमान का स्वागत किया है. बता दें कि, चीन से तनातनी के बीच पांच राफेल विमान की पहली खेप भारतीय वायुसेना को सौंपी जा चुकी है. इन पांच विमानों में तीन सिंगल सीटर और दो डबल सीटर विमान शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- बेहद खास है राफेल, जानिए अंबाला एयरबेस को ही क्यों सौंपी गई कमान?

ये विमान भारतीय वायु सेना के स्क्वाड्रन नंबर 17 'द गोल्डन एरोज' में शामिल किए गए हैं. अंबाला स्थित एयरबेस को ये पांच राफेल विमान सौंपे गए हैं. भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदें हैं जिसमें से 5 विमान आ चुके हैं और बाकी विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाएगी. इसी के साथ ही भारतीय वायुसेना में राफेल की एंट्री के साथ ही अब कोई भी मुल्क भारत की ओर नजर उठाकर देखने से पहले 10 बार सोचेगा.

Last Updated : Jul 29, 2020, 8:07 PM IST
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