गुरुग्रामः विधानसभा के सिलोखरा गांव में ईटीवी भारत की टीम विधायक के 5 साल का रिपोर्ट कार्ड लेने पहुंची. जहां पता चला कि मूलभूत सुविधाएं तो छोड़िए गांव वालों को वो भी नहीं मिला जो खुद मुख्यमंत्री और विधायक ने वादा किया था. सिलोखरा गांव के लोग यही शिकायत करते नजर आए कि विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री ने हमसे वादा किया जो 5 साल बाद भी पूरा नहीं किया गया.
बीजेपी ने अपना ऑफिस बनाने के लिए एक्व्यायर की जमीन
दरअसल कुछ दिन पहले यहां की जमीन बीजेपी का ऑफिस बनाने के लिए एक्वायर कर ली गई थी. जिसके बाद यहां मंदिर और दरगाह तोड़ दिया गया. इतना ही नहीं यहां बनी गौशाला को भी खत्म कर दिया. इसके बाद गांव वाले धरने पर बैठ गए. लगभग 37 दिन तक धरना चला और शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने आकर आश्वासन देकर धरना खत्म करवाया.
सांसद ने कहा एक इंच भी जमीन आपकी नहीं
जब अपनी समस्या लेकर सिलोखरा गांव के लोग अपने सांसद राव इंद्रजीत के पास पहुंचे तो उन्होंने कहा कि यहां एक इंच जमीन भी आपकी नहीं है. जिसके बाद निराश होकर गांव वाले वापस लौट आए.
सीएम ने दिया आश्वासन
सिलोखरा गांव के लोगों का कहना है कि इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री ने मिलने बुलाया था. तब उन्होंने आश्वासन दिया था कि आपके गांव की इस जमीन पर स्कूल बनाया जाएगा और कम्युनिटी सेंटर भी खोला जाएगा लेकिन आज तक कोई काम नहीं हुआ है.
क्या वादे किए गए थे ?
गांव वालों के मुताबिक उनसे विधायक और मुख्यमंत्री ने कई वादे किए थे जैसे-
- गांव का तालाब खोदने का वादा किया गया था
- स्कूल बनाने का वादा किय गया था
- कम्युनिटी सेंटर बनाने का वादा किया गया था
- स्टेडियम बनाने का वादा किया गया था
- पार्क बनाने का वादा भी किया गया था
क्या है वादों की हकीकत ?
ग्रामीणों का कहना है कि जितने भी वादे उनसे किए गए थे उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है और आगे उम्मीद भी नहीं है क्योंकि किसी भी काम की अभी तक शुरुआत भी नहीं हुई है.
'तालाब के लिए भूमि पूजन के बाद कोई नहीं आया'
गुरुग्राम विधानसभा के इस गांव सिलोखरा के लोगों का कहना है कि तालाब खुदवाने के लिए एक बार डीसी ने आकर भूमि पूजन किया था. उस वक्त गांव वालों को उम्मीद जगी थी कि अब कुछ होगा लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ. अभी तक कोई देखने तक नहीं आया.
गुरुग्राम विधानसभा का राजनीतिक इतिहास
अहीर बेल्ट की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में गुरुग्राम विधानसभा भी एक सीट है. यहां से 2014 में बीजेपी के उमेश अग्रवाल ने बड़ी जीत दर्ज की थी. दिल्ली से सटे होने की वजह से यहां केंद्र में बनी सरकार का भी असर दिखाई दिया. एक दिलचस्प बात ये है कि यहां से बीजेपी दो ही बार चुनाव जीती है और दोनों ही बार बनिया जाति के उम्मीदवार ने बाजी मारी है. इस बार भी उमेश अग्रवाल ने इनेलो को गोपीचंद गहलोत को बड़े अंतर से हराया था. उमेश अग्रवाल को लगभग 56 फीसदी वोट मिले तो गोपीचंद गहलोत को मात्र 11.59 फीसदी.