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गुरुग्राम विधानसभा के सिलोखरा गांव में विधायक ने किया था स्कूल बनाने का वादा लेकिन नहीं हुआ पूरा - हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019

गुरुग्राम विधानसभा का गांव सिलोखरा साइबर सिटी के बीचों बीच बसा गांव है जिसमें लगभग 4 हजार वोट हैं लेकिन इस गांव और साइबर सिटी को आप अगर सुविधाओं के हिसाब से देखेंगे तो जमीन आसमान की असर मिलेगा.

gurugram assembly constituency
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Published : Sep 11, 2019, 4:45 PM IST

गुरुग्रामः विधानसभा के सिलोखरा गांव में ईटीवी भारत की टीम विधायक के 5 साल का रिपोर्ट कार्ड लेने पहुंची. जहां पता चला कि मूलभूत सुविधाएं तो छोड़िए गांव वालों को वो भी नहीं मिला जो खुद मुख्यमंत्री और विधायक ने वादा किया था. सिलोखरा गांव के लोग यही शिकायत करते नजर आए कि विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री ने हमसे वादा किया जो 5 साल बाद भी पूरा नहीं किया गया.

गुरुग्राम विधानसभा के सिलोखरा गांव की समस्याएं देखिए

बीजेपी ने अपना ऑफिस बनाने के लिए एक्व्यायर की जमीन
दरअसल कुछ दिन पहले यहां की जमीन बीजेपी का ऑफिस बनाने के लिए एक्वायर कर ली गई थी. जिसके बाद यहां मंदिर और दरगाह तोड़ दिया गया. इतना ही नहीं यहां बनी गौशाला को भी खत्म कर दिया. इसके बाद गांव वाले धरने पर बैठ गए. लगभग 37 दिन तक धरना चला और शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने आकर आश्वासन देकर धरना खत्म करवाया.

सांसद ने कहा एक इंच भी जमीन आपकी नहीं
जब अपनी समस्या लेकर सिलोखरा गांव के लोग अपने सांसद राव इंद्रजीत के पास पहुंचे तो उन्होंने कहा कि यहां एक इंच जमीन भी आपकी नहीं है. जिसके बाद निराश होकर गांव वाले वापस लौट आए.

सीएम ने दिया आश्वासन
सिलोखरा गांव के लोगों का कहना है कि इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री ने मिलने बुलाया था. तब उन्होंने आश्वासन दिया था कि आपके गांव की इस जमीन पर स्कूल बनाया जाएगा और कम्युनिटी सेंटर भी खोला जाएगा लेकिन आज तक कोई काम नहीं हुआ है.

क्या वादे किए गए थे ?
गांव वालों के मुताबिक उनसे विधायक और मुख्यमंत्री ने कई वादे किए थे जैसे-

  • गांव का तालाब खोदने का वादा किया गया था
  • स्कूल बनाने का वादा किय गया था
  • कम्युनिटी सेंटर बनाने का वादा किया गया था
  • स्टेडियम बनाने का वादा किया गया था
  • पार्क बनाने का वादा भी किया गया था

क्या है वादों की हकीकत ?
ग्रामीणों का कहना है कि जितने भी वादे उनसे किए गए थे उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है और आगे उम्मीद भी नहीं है क्योंकि किसी भी काम की अभी तक शुरुआत भी नहीं हुई है.

'तालाब के लिए भूमि पूजन के बाद कोई नहीं आया'
गुरुग्राम विधानसभा के इस गांव सिलोखरा के लोगों का कहना है कि तालाब खुदवाने के लिए एक बार डीसी ने आकर भूमि पूजन किया था. उस वक्त गांव वालों को उम्मीद जगी थी कि अब कुछ होगा लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ. अभी तक कोई देखने तक नहीं आया.

ये भी पढ़ें- ऐलनाबाद विधानसभा सीट के 20 गांवों की 25 साल से 22 हजार एकड़ जमीन बंजर! आज तक कोई समाधान नहीं

गुरुग्राम विधानसभा का राजनीतिक इतिहास
अहीर बेल्ट की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में गुरुग्राम विधानसभा भी एक सीट है. यहां से 2014 में बीजेपी के उमेश अग्रवाल ने बड़ी जीत दर्ज की थी. दिल्ली से सटे होने की वजह से यहां केंद्र में बनी सरकार का भी असर दिखाई दिया. एक दिलचस्प बात ये है कि यहां से बीजेपी दो ही बार चुनाव जीती है और दोनों ही बार बनिया जाति के उम्मीदवार ने बाजी मारी है. इस बार भी उमेश अग्रवाल ने इनेलो को गोपीचंद गहलोत को बड़े अंतर से हराया था. उमेश अग्रवाल को लगभग 56 फीसदी वोट मिले तो गोपीचंद गहलोत को मात्र 11.59 फीसदी.

गुरुग्रामः विधानसभा के सिलोखरा गांव में ईटीवी भारत की टीम विधायक के 5 साल का रिपोर्ट कार्ड लेने पहुंची. जहां पता चला कि मूलभूत सुविधाएं तो छोड़िए गांव वालों को वो भी नहीं मिला जो खुद मुख्यमंत्री और विधायक ने वादा किया था. सिलोखरा गांव के लोग यही शिकायत करते नजर आए कि विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री ने हमसे वादा किया जो 5 साल बाद भी पूरा नहीं किया गया.

गुरुग्राम विधानसभा के सिलोखरा गांव की समस्याएं देखिए

बीजेपी ने अपना ऑफिस बनाने के लिए एक्व्यायर की जमीन
दरअसल कुछ दिन पहले यहां की जमीन बीजेपी का ऑफिस बनाने के लिए एक्वायर कर ली गई थी. जिसके बाद यहां मंदिर और दरगाह तोड़ दिया गया. इतना ही नहीं यहां बनी गौशाला को भी खत्म कर दिया. इसके बाद गांव वाले धरने पर बैठ गए. लगभग 37 दिन तक धरना चला और शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने आकर आश्वासन देकर धरना खत्म करवाया.

सांसद ने कहा एक इंच भी जमीन आपकी नहीं
जब अपनी समस्या लेकर सिलोखरा गांव के लोग अपने सांसद राव इंद्रजीत के पास पहुंचे तो उन्होंने कहा कि यहां एक इंच जमीन भी आपकी नहीं है. जिसके बाद निराश होकर गांव वाले वापस लौट आए.

सीएम ने दिया आश्वासन
सिलोखरा गांव के लोगों का कहना है कि इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री ने मिलने बुलाया था. तब उन्होंने आश्वासन दिया था कि आपके गांव की इस जमीन पर स्कूल बनाया जाएगा और कम्युनिटी सेंटर भी खोला जाएगा लेकिन आज तक कोई काम नहीं हुआ है.

क्या वादे किए गए थे ?
गांव वालों के मुताबिक उनसे विधायक और मुख्यमंत्री ने कई वादे किए थे जैसे-

  • गांव का तालाब खोदने का वादा किया गया था
  • स्कूल बनाने का वादा किय गया था
  • कम्युनिटी सेंटर बनाने का वादा किया गया था
  • स्टेडियम बनाने का वादा किया गया था
  • पार्क बनाने का वादा भी किया गया था

क्या है वादों की हकीकत ?
ग्रामीणों का कहना है कि जितने भी वादे उनसे किए गए थे उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है और आगे उम्मीद भी नहीं है क्योंकि किसी भी काम की अभी तक शुरुआत भी नहीं हुई है.

'तालाब के लिए भूमि पूजन के बाद कोई नहीं आया'
गुरुग्राम विधानसभा के इस गांव सिलोखरा के लोगों का कहना है कि तालाब खुदवाने के लिए एक बार डीसी ने आकर भूमि पूजन किया था. उस वक्त गांव वालों को उम्मीद जगी थी कि अब कुछ होगा लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ. अभी तक कोई देखने तक नहीं आया.

ये भी पढ़ें- ऐलनाबाद विधानसभा सीट के 20 गांवों की 25 साल से 22 हजार एकड़ जमीन बंजर! आज तक कोई समाधान नहीं

गुरुग्राम विधानसभा का राजनीतिक इतिहास
अहीर बेल्ट की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में गुरुग्राम विधानसभा भी एक सीट है. यहां से 2014 में बीजेपी के उमेश अग्रवाल ने बड़ी जीत दर्ज की थी. दिल्ली से सटे होने की वजह से यहां केंद्र में बनी सरकार का भी असर दिखाई दिया. एक दिलचस्प बात ये है कि यहां से बीजेपी दो ही बार चुनाव जीती है और दोनों ही बार बनिया जाति के उम्मीदवार ने बाजी मारी है. इस बार भी उमेश अग्रवाल ने इनेलो को गोपीचंद गहलोत को बड़े अंतर से हराया था. उमेश अग्रवाल को लगभग 56 फीसदी वोट मिले तो गोपीचंद गहलोत को मात्र 11.59 फीसदी.

Intro:विश्व के मानचित्र पर अपनी पहचान बना चुका साइबर सिटी गुरुग्राम...जहा बड़ी बड़ी इमारते, कॉर्पोरेट दफ्तर के चलते इस शहर की तुलना सिंगापुर से करते है तो वही जब ईटीवी भारत की टीम गुरुग्राम विधानसभा में लोगो का मूड जानने पहुची तो लोगो का दर्द सामने आया....दरअसल सायबर सिटी की पहचान बना रहा गुरुग्राम आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है.... हालांकि गुरुग्राम प्रदेश की आर्थिक नगरी माना जाता लेकिन उसके बावजूद भी कई इलाके ऐसे हैं जहां पर बिजली, पानी, स्कूल, जोहड़, सामुदायिक केंद्र जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नही है
.... जिनके अभाव के चलते ग्रामीणों में मुख्यमंत्री और मंत्री के प्रति काफी निराशा और रोष है....दिखये ईटीवी भारत की खास पेशकश सुनिए नेता जी मे क्या ह गुरुग्राम की जनता का मूड...




Body:साइबर सिटी गुरुग्राम का एक ऐसा गांव भी ह जिसका नाम सिलोखरा है गुरुग्राम की ऊंची ऊंची इमारतों के बीच यह गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है..... हालांकि गगनचुंबी इमारतों के बीच यह गांव आज भी अपनी अलग ही लड़ाई लड़ रहा है चलिए आपको बताते हैं गुरुग्राम के सिलोखरा गांव में किस तरह की सुविधाएं ना होने के चलते ग्रामीण काफी हताश और निराश है....दरअसल सिलोखरा गांव की यह जमीन बीजेपी ने अपने दफ्तर बनाने के लिए ले ली थी....जिसको लेकर ग्रामीण धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल पर बैठ गए थे....और करीब 38 दिन यह लड़ाई चली.... जिसके बाद मुख्यमंत्री और मंत्री रामविलास शर्मा ने आश्वासन देकर धरना प्रदर्शन को खत्म तो किया.... लेकिन उसके बावजूद भी यहां पर जो सुविधा देनी थी वह आज तक नहीं मिल पाई है जिस जमीन को सरकार बीजेपी दफ्तर बनाना चाहती थी उस जमीन पर एक गहरा गड्ढा खोदा गया था जहां पर कार्य शुरू किया गया था.... यहां पर एक शिव मंदिर भी बना हुआ था, एक पीर बाबा की मजार भी थी और यहां पर एक गौशाला भी बनी हुई थी.... लेकिन जब बीजेपी ने इस जमीन को अकूवयर की तो यहां पर बीजेपी दफ्तर के लिए कार्य शुरू किया गया वही दूसरी ओर ग्रामीणों का विरोध लगातार बढ़ गया....वही भाजपा सरकार ने लोगो से वादा किया था कि स्कूल, कम्युनिटी सेंटर का भी निर्माण किया जाएगा....

बाइट= ग्रामीण

ग्रामीणों की माने तो बीजेपी ने दफ्तर का काम तो रोक दिया लेकिन जो जमीन को दी गई थी वहां पर बड़ा गड्ढा आज भी हो रखा है जिसमें कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है वही जब सिलोखरा गांव के विकास कार्य को लेकर वह मंत्री और विधायक से मिले तो उन्हें सिर्फ आज तक आश्वासन ही मिला और सिलोखरा गांव में कम्युनिटी सेंटर स्कूल तक नहीं बनवाए गए वहीं गुरुग्राम विधायक भी आज तक इस क्षेत्र की समस्याएं सुनने नहीं पहुंचे जिससे ग्रामीणों में काफी रोष है....

बाइट= ग्रामीण

वही ईटीवी भारत की टीम जब सिलोखरा गांव में पड़ताल करती हुई अंदर गई तो सड़क के बीचोंबीच एक गंदगी का अंबर जगह-जगह पड़ा हुआ मिला.... जिसको लेकर वहां से गुजर पाना भी मुश्किल साबित हो रहा था... वही जब आसपास रह रहे लोगों से हम ने जानना चाहा कि यह कूड़ा कब से यहां पर पड़ा है तो लोगों का साफ तौर पर कहना था कि यह कूड़ा बीत कई महीनों से यहीं पर पड़ा हुआ है जिससे बच्चों से लेकर बुजुर्ग बीमारी का शिकार हो रहे हैं और इसकी शिकायत भी कई बार वह अधिकारियों से कर चुके हैं लेकिन हालात जस के तस बने हुए जिसको लेकर अब लोगों को रास्ता बदलकर लंबे रास्ते से अपने घर जाने को मजबूर है...

बाइट=स्थानीय निवासी


Conclusion:साइबर सिटी गुरुग्राम का सिलोखरा गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है हालांकि सिलोखरा गांव में विकास कार्यों को लेकर मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक यहां के विकास का आश्वासन दे चुके लेकिन ना तो स्कूल, कम्युनिटी सेंटर, जोड़ता डेवलपमेंट और ना ही मंदिर अभी तक बन पाया है जिससे ग्रामीणों में काफी रोष है और विधायक के कामकाज को 0 अंक ग्रामीणों ने दिए ह
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