गुरूग्राम: आग लगने के चांस हमेशा रहते हैं और दिल्ली के अग्निकांड के बाद गुरूग्राम में एक बार फिर फायर विभाग मुस्दैत हो गया है. ऐसे में गुरूग्राम में ज्यादा आग ना लगे और इससे बचने के लिए गुरूग्राम फायर विभाग ने एक सर्वे करवाया कि गुरूग्राम की कितनी हाई राईज बिल्डिंग हैं जिनके पास फायर विभाग की एनओसी नहीं है.
सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि गुरूग्राम में नगर निगम की बिल्डिंग को छोड़कर किसी भी सरकारी बिल्डिंग के पास फायर एनओसी नही है यानी साफ है गुरूग्राम के छोटे ऑफिस से लेकर बड़ी सरकारी बिल्डिंग तक के पास फायर विभाग की एनओसी नहीं है. गुरूग्राम के सभी छोटे-बड़े अधिकारी और जरूरी फाईलें आग के ढेर पर हैं जो कभी भी खाख हो सकती हैं.
गुरूग्राम की सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण बिल्डिंग यानी मिनी सचिवालय जहां छोटे अधिकारी के ऑफिस से लेकर गुरूग्राम के मालिक डीसी तक के दफ्तर हैं. इस बिल्डिंग में हर समय हजारों लोग अपने कामकाज को लेकर अधिकारियों के ऑफिसों में चक्कर काटते रहते हैं लेकिन फायर विभाग की मानें तो इस बिल्डिंग के पास फायर विभाग की एनओसी तक नहीं है यानी कभी भी यहां आग लग सकती है जिसके बुझाने के लिए फायर विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी.
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इसके अलावा गुरूग्राम के सरकारी अस्पताल जहां हर दिन सैकड़ों मरीज अपने परिजनों के साथ ईलाज के लिए पहुचते हैं. इस बिल्डिंग की तरफ से भी इस साल फायर विभाग की एनओसी नहीं ली गई. इतना ही नहीं गुरूग्राम की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाली गुरूग्राम पुलिस के जवान जहां रहते हैं यानी गुरूग्राम पुलिस की बिल्डिंग भी पूरी तरह से आग की लपटो में हैं. फायर विभाग ने इस बिल्डिंग के बारे में भी बयान दिया है कि यहां अगर कभी आग लगने जैसी घटना हुई तो फायर विभाग को कड़ी मशक्कत करनी होगी.
इसके अलावा गुरूग्राम के ट्रैफिक को चलाने वाली पुलिस के ऑफिस यानी ट्रैफिक टावर के पास भी एनओसी नही है. इन सबके अलावा गुरूग्राम की विजिलेंस बिल्डिंग, हुडा विभाग बिल्डिंग के अलावा सभी सरकारी इमारतें कभी भी आग के हवाले हो सकती हैं जिसके चलते फायर ने अब इन सबको नोटिस देने की तैयारी कर दी है ताकि किसी भी बड़ी घटना से बचा जा सके.
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