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आग के ढेर पर गुरूग्राम की सरकारी इमारतें, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

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Published : Dec 10, 2019, 5:26 PM IST

गुरूग्राम की सरकारी इमारतें और सरकारी दफ्तर आग के ढ़ेर पर बैठे हैं. गुरूग्राम नगर निगम की बिल्डिंग को छोड़कर किसी भी सरकारी इमारत के पास फायर विभाग की एनओसी नहीं है. ऐसे में गुरूग्राम की सभी सरकारी इमारतें सुरक्षित नही हैं.

gurugram government buildings unsafe
gurugram government buildings unsafe

गुरूग्राम: आग लगने के चांस हमेशा रहते हैं और दिल्ली के अग्निकांड के बाद गुरूग्राम में एक बार फिर फायर विभाग मुस्दैत हो गया है. ऐसे में गुरूग्राम में ज्यादा आग ना लगे और इससे बचने के लिए गुरूग्राम फायर विभाग ने एक सर्वे करवाया कि गुरूग्राम की कितनी हाई राईज बिल्डिंग हैं जिनके पास फायर विभाग की एनओसी नहीं है.

सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि गुरूग्राम में नगर निगम की बिल्डिंग को छोड़कर किसी भी सरकारी बिल्डिंग के पास फायर एनओसी नही है यानी साफ है गुरूग्राम के छोटे ऑफिस से लेकर बड़ी सरकारी बिल्डिंग तक के पास फायर विभाग की एनओसी नहीं है. गुरूग्राम के सभी छोटे-बड़े अधिकारी और जरूरी फाईलें आग के ढेर पर हैं जो कभी भी खाख हो सकती हैं.

गुरूग्राम की सरकारी इमारतें हैं आग के ढेर पर, किसी के पास नहीं है फायर एनओसी.

गुरूग्राम की सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण बिल्डिंग यानी मिनी सचिवालय जहां छोटे अधिकारी के ऑफिस से लेकर गुरूग्राम के मालिक डीसी तक के दफ्तर हैं. इस बिल्डिंग में हर समय हजारों लोग अपने कामकाज को लेकर अधिकारियों के ऑफिसों में चक्कर काटते रहते हैं लेकिन फायर विभाग की मानें तो इस बिल्डिंग के पास फायर विभाग की एनओसी तक नहीं है यानी कभी भी यहां आग लग सकती है जिसके बुझाने के लिए फायर विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी.

ये भी पढ़ेंः जानिए महाराजा सूरजमल का असल इतिहास, जिस वजह से पानीपत फिल्म पर मचा है बवाल

इसके अलावा गुरूग्राम के सरकारी अस्पताल जहां हर दिन सैकड़ों मरीज अपने परिजनों के साथ ईलाज के लिए पहुचते हैं. इस बिल्डिंग की तरफ से भी इस साल फायर विभाग की एनओसी नहीं ली गई. इतना ही नहीं गुरूग्राम की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाली गुरूग्राम पुलिस के जवान जहां रहते हैं यानी गुरूग्राम पुलिस की बिल्डिंग भी पूरी तरह से आग की लपटो में हैं. फायर विभाग ने इस बिल्डिंग के बारे में भी बयान दिया है कि यहां अगर कभी आग लगने जैसी घटना हुई तो फायर विभाग को कड़ी मशक्कत करनी होगी.

इसके अलावा गुरूग्राम के ट्रैफिक को चलाने वाली पुलिस के ऑफिस यानी ट्रैफिक टावर के पास भी एनओसी नही है. इन सबके अलावा गुरूग्राम की विजिलेंस बिल्डिंग, हुडा विभाग बिल्डिंग के अलावा सभी सरकारी इमारतें कभी भी आग के हवाले हो सकती हैं जिसके चलते फायर ने अब इन सबको नोटिस देने की तैयारी कर दी है ताकि किसी भी बड़ी घटना से बचा जा सके.

ये भी पढ़ेंः रणदीप सुरजेवाला के बाद अब पुरानी SIT पर भी शिकंजा, अनिल विज ने दिए जांच के आदेश

गुरूग्राम: आग लगने के चांस हमेशा रहते हैं और दिल्ली के अग्निकांड के बाद गुरूग्राम में एक बार फिर फायर विभाग मुस्दैत हो गया है. ऐसे में गुरूग्राम में ज्यादा आग ना लगे और इससे बचने के लिए गुरूग्राम फायर विभाग ने एक सर्वे करवाया कि गुरूग्राम की कितनी हाई राईज बिल्डिंग हैं जिनके पास फायर विभाग की एनओसी नहीं है.

सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि गुरूग्राम में नगर निगम की बिल्डिंग को छोड़कर किसी भी सरकारी बिल्डिंग के पास फायर एनओसी नही है यानी साफ है गुरूग्राम के छोटे ऑफिस से लेकर बड़ी सरकारी बिल्डिंग तक के पास फायर विभाग की एनओसी नहीं है. गुरूग्राम के सभी छोटे-बड़े अधिकारी और जरूरी फाईलें आग के ढेर पर हैं जो कभी भी खाख हो सकती हैं.

गुरूग्राम की सरकारी इमारतें हैं आग के ढेर पर, किसी के पास नहीं है फायर एनओसी.

गुरूग्राम की सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण बिल्डिंग यानी मिनी सचिवालय जहां छोटे अधिकारी के ऑफिस से लेकर गुरूग्राम के मालिक डीसी तक के दफ्तर हैं. इस बिल्डिंग में हर समय हजारों लोग अपने कामकाज को लेकर अधिकारियों के ऑफिसों में चक्कर काटते रहते हैं लेकिन फायर विभाग की मानें तो इस बिल्डिंग के पास फायर विभाग की एनओसी तक नहीं है यानी कभी भी यहां आग लग सकती है जिसके बुझाने के लिए फायर विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी.

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इसके अलावा गुरूग्राम के सरकारी अस्पताल जहां हर दिन सैकड़ों मरीज अपने परिजनों के साथ ईलाज के लिए पहुचते हैं. इस बिल्डिंग की तरफ से भी इस साल फायर विभाग की एनओसी नहीं ली गई. इतना ही नहीं गुरूग्राम की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाली गुरूग्राम पुलिस के जवान जहां रहते हैं यानी गुरूग्राम पुलिस की बिल्डिंग भी पूरी तरह से आग की लपटो में हैं. फायर विभाग ने इस बिल्डिंग के बारे में भी बयान दिया है कि यहां अगर कभी आग लगने जैसी घटना हुई तो फायर विभाग को कड़ी मशक्कत करनी होगी.

इसके अलावा गुरूग्राम के ट्रैफिक को चलाने वाली पुलिस के ऑफिस यानी ट्रैफिक टावर के पास भी एनओसी नही है. इन सबके अलावा गुरूग्राम की विजिलेंस बिल्डिंग, हुडा विभाग बिल्डिंग के अलावा सभी सरकारी इमारतें कभी भी आग के हवाले हो सकती हैं जिसके चलते फायर ने अब इन सबको नोटिस देने की तैयारी कर दी है ताकि किसी भी बड़ी घटना से बचा जा सके.

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Intro:दिल्ली के आग कांड के बाद भी नही बदले हालात

नगर निगम की बिल्डिग को छोडकर किसी भी सरकारी बिल्डिग के पास नही हैं फायर विभाग की एनओसी

आग के ढेर पर सरकारी अधिकारी और फाईले ,

कभी भी लग सकती हीैं आग , डीसी ऑफिस से लेकर तमाम सरकारी दफ्तर आग के ढेर

कभी भी कही भी हो सकता हैं बडा हादसा

गुरूग्राम की सरकारी बिल्डिगे और सरकारी दफ्तर आग के ढ़ेर पर बैठे हैं ....गुरूग्राम नगर निगम की बिल्डिग को छोडकर किसी भी सरकारी बिल्डिगों के पास फायर विभाग की एनओसी नही हैं ..... ऐसे में गुरूग्राम की सभी सरकारी बिल्डिगे आग के लिहाज से सुरक्षित नही हैं .....फायर विभाग ने भी सर्वे करवाकर अब इन बिल्डिगों और अधिकारियो को नोटिस भेजने की तैयारी शुरू कर दी हैं...Body:आग लगने के चांस हमेशा रहते हैं ...और दिल्ली के अग्नी कांड 43 लोगों की मौत हो चूकी हैं लेकिन उसके बाद गुरूग्राम मे एक बार फिर फायर विभाग मुस्दैत हो गया हैं ......ऐसे में गुरूग्राम में ज्यादा आग ना लगे और इससे बचने के लिए गुरूग्राम फायर विभाग ने एक सर्वे करवाया कि गुरूग्राम की कितनी हाई राईज बिल्डिगे हैं जिसने पास फायर विभाग की एनओसी नही हैं ......तो सर्वे में चौकाने वाला खुलासा हुआ की गुरूग्राम में नगर निगम की बिल्डिग को छोडकर किसी भी सरकारी बिल्डिग के पास फायर एनओसी नही हैं .......यानी साफ है गुरूग्राम के छोटे ऑफिस से लेकर बडी सरकारी बिल्डिग तक के पास फायर विभाग की एनओसी नही हैं ....यानी गुरूग्राम के सभी छोटे-बडे अधिकारी और जरूरी फाईले आग के ढेर पर हैं .....जो कभी भी खाख हो सकती हैं .....

बाइट - आई एस , कश्यप , सीनियर फायर अधिकारी , गुरूग्राम

गुरूग्राम की सबसे जरूरी और महत्वपूर्व बिल्डिग यानी मिनी सचिवालय ....जहां छोटे अधिकारी के ऑफिस से लेकर गुरूग्राम के मालिक डीसी तक के सैकड़ो दफ्तर हैं ....और इस हाईराईज बिल्डिग में हर समय हजारो लोग अपने काम - काज को लेकर अधिकारियों के ऑफिसो में चक्कर काटते रहते हैं .....लेकिन फायर विभाग की माने इस बिल्डिग के पास फायर विभाग की एनओसी तक नही यानी कभी भी यहां आग लग सकती हैं ....जिसके बुझाने के लिए फयार विभाग को कडी मश्कत करनी पडेगी । इसके अलावा गुरूग्राम के सरकारी अस्पताल जहां हर दिन सैकड़ों मरीज अपने परिजनों के साथ ईलाज के लिए पहुचते हैं .....इस बिल्डग की तरफ से भी इस साल फायर विभाग की एनओसी नही ली गई ।

बाइट - आई एस , कश्यप , सीनियर फायर अधिकारी , गुरूग्राम

इतना ही गुरूग्राम की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाली गुडगांव पुलिस के जवान जहां रहते हैं यानी गुरूग्राम पुलिस की हाइराईज बिल्डिग भी पूरी तरह से आग की लपटो में हैं .....फायर विभाग ने इस बिल्डिग के बार में भी बयान दिया हैं यहां अगर कभी आग लगने जैसे वारदात हुए तो फायर विभाग को कडी मश्कत करनी होगी .....इसके लिए गुरूग्राम के ट्रैफिक कोे चलाने वाले पुलिस के ऑफिस यानी ट्रैफिक टांवर के पास भी एनओसी नही हैं ....इन सब के अलाव गुरूग्राम की विजिलेंस बिल्डिग .....हुड्डा विभाग हाईराईज बिल्डग के अलावा सभी सरकारी बिल्डिगे आगे के हवाले कभी भी हो सकती हैं । जिसके चलते फायर ने अब इन सब को नोटिस देने की तैयारी कर दी हैं ताकि किसी भी बडी घटना से बचा जा सके।

बाइट - आई एस , कश्यप , सीनियर फायर अधिकारी , गुरूग्राम Conclusion:गुरूग्राम की ये तमाम बिल्डिगे आग को कितना सहन कर पायेगी इस बात से फायर विभाग ने सर्वे करवाकर पर्दा उठा दिया हैं ....लेकिन अब जरूरत हैं तो बस फायर विभाग की तरफ से इन बिल्डिगों को एनओसी लेने की ताकि इन बिल्डिगों में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी अपने आप को महफूस समझ सके ....साथ ही आम जनता भी बिना किसी भय के यहां जा सके

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