गुरुग्राम: किसानों ने हरेरा के खिलाफ प्रदर्शन किया है. प्रदर्शन के दौरान धरने पर बैठे किसानों ने आरोप लगाया (Farmers protest against builder in Gurugram) है कि उनकी समस्या के समाधान के लिए बने हरेरा का गलत उपयोग हो रहा है. उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है. दरअसल, हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानि हरेरा का गठन किसानों और बिल्डर प्रोजेक्ट में निवेश करने वालों की समस्या का समाधान करने के लिए हुआ (Haryana Real Estate Regulatory Authority) था.
किसानों का आरोप है कि हरेरा अब बिल्डरों का एजेंट बन गया है. किसानों और निवेशकों की समस्या का समाधान करने में हरेरा विफल हो गया है. धरने पर बैठे धनवापुर गांव के किसानों ने कहा कि उन्होंने बिल्डर को सोसाइटी बनाने के लिए अपनी जमीन दी थी. बिल्डर ने उन्हें प्रोजेक्ट में 35 प्रतिशत फ्लैट देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक यहां प्रोजेक्ट नहीं बनाया गया है. किसानों का कहना है कि निवेशकों की राशि भी उसने अपने निजी खाते में ट्रांसफर कर ली.
किसानों का कहना है कि माहिरा होम्स सोसाइटी बनाने के लिए बिल्डर ने उनकी जमीन ली थी. सोसाइटी में 1400 से अधिक फ्लैट बनाए जाने थे. इनमें से 35 प्रतिशत फ्लैट उन्हीं किसानों को दिए जाने थे, जिन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन दी है. किसानों का कहना है कि सेक्टर-103, सेक्टर-104 समेत अन्य स्थानों पर प्रोजेक्ट विकसित करने के लिए बिल्डर ने निवेशकों से करोड़ों रुपए तो ले लिए लेकिन यह रुपए वह खुद डकार गये.
किसानों ने आरोप लगाया कि डीटीपी से लाइसेंस लेने के लिए किसानों के फर्जी हस्ताक्षर भी किए हैं. फिलहाल हरेरा और डीटीपी की ओर से राहत न दिए जाने के बाद किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए धरने पर बैठ गए हैं. किसानों ने साफ कर दिया है कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वह बड़ा आंदोलन करने को विवश हो (Builder took land of farmers in gurugram) जाएंगे.