फरीदाबाद: फरीदाबाद को भले ही स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया जाता हो, लेकिन फरीदाबाद की कॉलोनियों में लगी स्ट्रीट लाइट लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं. करीब 24 लाख की आबादी वाले फरीदाबाद शहर में 100 से भी ज्यादा कालोनियां और बस्तियां हैं. इन कॉलोनियों के रास्तों को जगमग रखने की जिम्मेदारी नगर निगम फरीदाबाद के कंधों पर है.
कहने को तो नगर निगम फरीदाबाद की तरफ से करीब 80,000 लाइटें फरीदाबाद में लगाई गई हैं और दावा किया जाता है कि शहर में पर्याप्त मात्रा में ये लाइट लगाई हुई हैं जो रात के समय में रास्तों पर उजाला देती हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
फरीदाबाद की कॉलोनियों में लगी लाइटों में आधे से ज्यादा लाइट हर समय बंद पड़ी रहती हैं और इनके बंद होने का सबसे मुख्य कारण है मेंटेनेंस की कमी. स्थानीय लोगों का कहना है कि शिकायत देने के बाद भी लाइटों को ठीक नहीं करवाया जाता.
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नगर निगम फरीदाबाद के अधिकारियों की मानें तो प्रत्येक वार्ड में सेंटर बनाए गए हैं जहां पर कोई भी खराब लाइट की शिकायत दे सकता है और 72 घंटे के अंदर खराब लाइट को ठीक करने का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत बिल्कुल इसके उल्ट है. लाइट खराब होने के लिए शिकायत करने के लिए वार्ड में किसी प्रकार का कोई सेंटर नहीं है, और स्थानीय पार्षद को भी शिकायत करने के बाद लाइट ठीक नहीं होती है.
स्ट्रीट लाइटों की देखभाल का जिम्मा नगर निगम फरीदाबाद के इलेक्ट्रिशियन विभाग के पास होता है. जब विभाग के एक्सईएन ज्ञान प्रकाश से सवाल किया तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. उन्होंने ऑफ कैमरा कहा कि उनको कोई भी ऑफिशियल बयान देने के लिए ऊपर से इजाजत नहीं है. बहरहाल तस्वीरें ये बताने के लिए काफी हैं कि किस तरह से अधिकारियों की लापरवाही के कारण लाखों रुपये से लगाई गई ये स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं.
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