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फरीदाबाद में 'भावांतर भरपाई योजना' फ्लॉप! किसान बोले, 'हमें जानकारी ही नहीं'

'मनोहर योजनाओं का रिएलिटी चेक' कार्यक्रम के तहत आज जानिए फरीदाबाद के किसानों से कि उन्हें 'भावांतर भरपाई योजना' का लाभ मिला या नहीं.

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Published : Aug 1, 2019, 6:06 AM IST

Updated : Sep 7, 2019, 8:17 PM IST

reality check

फरीदाबादः कोई भी पार्टी जब सत्ता में आती है और सरकार बनाती है तो अलग-अलग योजनाएं लेकर आती है और हर सरकार की योजनाओं के केंद्र में हमेशा किसान ही रहते हैं. अब हरियाणा में मनोहर सरकार का कार्यकाल अपने अंतिम पड़ाव पर है. इसलिए ये जानना जरूरी हो जाता है कि सरकार ने योजनाएं चलाईं उनका जमीन पर कितना असर हुआ और लोगों को क्या उस योजना का फायदा मिला या फिर योजना कागजों में ही कामयाब हो गई. इसीलिए ईटीवी भारत ने मनोहर सरकार की योजनाओं का रियलिटी चैक करने का फैसला किया है. जिसके तहत आज हमारी टीम फरीदाबाद के किसानों से भावांतर भरपाई योजना के फायदे जानने के लिए पहुंची. ये योजना सरकार ने सब्जी उगाने वाले किसानों को नुकसान से उबारने के लिए चलाई है.

क्लिक कर देखें वीडियो

क्या है भावांतर भरपाई योजना ?
ये योजना 1 जनवरी 2018 से लागू की गई थी और इसके रजिस्ट्रेशन 7 मई 2018 से ऑनलाइन शुरू हुए थे. इस योजना का मकसद बागवानी करने वाले किसानों को नुकसान से बचाना है.

किस फसल का कितना एमएसपी ?

  • प्याज का एमएसपी 500रु./क्विंटल रखा गया है
  • आलू का एमएसपी 400रु./क्विंटल रखा गया है
  • गोभी का एमएसपी 500रु./क्विंटल रखा गया है
  • टमाटर का एमएसपी 400रु./क्विंटल रखा गया है

कैसे काम करती है ये योजना ?
मान लीजिए अगर आपको सरकार द्वारा तय किए गए एमएसपी से मंडी में भाव कम मिलता है तो सरकार उसकी भरपाई करेगी. ये लाभ लेने के लिए आपको पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. उसके बाद जिस आढ़ती को आपने अपनी फसल बेची है वो आपको एक J-FORM देगा. जिसे आपको जिला उद्यान विभाग में जमा करवाना होगा. तब आप इस योजना का लाभ पाने के पात्र हो जाएंगे.

अब जानिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें ?

  • सबसे पहले आपको www.agriharyana.in पर क्लिक करना होगा
  • इसके बाद आपको किसान पंजीकरण का एक लिंक दिखेगा
  • किसान पंजीकरण पर क्लिक करने के बाद आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा
  • इस फॉर्म में आप सारी जानकारी सही-सही भरें
  • अगर आप फॉर्म में कोई गलत जानकारी देंगे तो आप योजना के लाभ से वंचित रह सकते हैं
  • फॉर्म भरने के बाद सेव बटन पर क्लिक करें और आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा

फरीदाबादः कोई भी पार्टी जब सत्ता में आती है और सरकार बनाती है तो अलग-अलग योजनाएं लेकर आती है और हर सरकार की योजनाओं के केंद्र में हमेशा किसान ही रहते हैं. अब हरियाणा में मनोहर सरकार का कार्यकाल अपने अंतिम पड़ाव पर है. इसलिए ये जानना जरूरी हो जाता है कि सरकार ने योजनाएं चलाईं उनका जमीन पर कितना असर हुआ और लोगों को क्या उस योजना का फायदा मिला या फिर योजना कागजों में ही कामयाब हो गई. इसीलिए ईटीवी भारत ने मनोहर सरकार की योजनाओं का रियलिटी चैक करने का फैसला किया है. जिसके तहत आज हमारी टीम फरीदाबाद के किसानों से भावांतर भरपाई योजना के फायदे जानने के लिए पहुंची. ये योजना सरकार ने सब्जी उगाने वाले किसानों को नुकसान से उबारने के लिए चलाई है.

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क्या है भावांतर भरपाई योजना ?
ये योजना 1 जनवरी 2018 से लागू की गई थी और इसके रजिस्ट्रेशन 7 मई 2018 से ऑनलाइन शुरू हुए थे. इस योजना का मकसद बागवानी करने वाले किसानों को नुकसान से बचाना है.

किस फसल का कितना एमएसपी ?

  • प्याज का एमएसपी 500रु./क्विंटल रखा गया है
  • आलू का एमएसपी 400रु./क्विंटल रखा गया है
  • गोभी का एमएसपी 500रु./क्विंटल रखा गया है
  • टमाटर का एमएसपी 400रु./क्विंटल रखा गया है

कैसे काम करती है ये योजना ?
मान लीजिए अगर आपको सरकार द्वारा तय किए गए एमएसपी से मंडी में भाव कम मिलता है तो सरकार उसकी भरपाई करेगी. ये लाभ लेने के लिए आपको पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. उसके बाद जिस आढ़ती को आपने अपनी फसल बेची है वो आपको एक J-FORM देगा. जिसे आपको जिला उद्यान विभाग में जमा करवाना होगा. तब आप इस योजना का लाभ पाने के पात्र हो जाएंगे.

अब जानिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें ?

  • सबसे पहले आपको www.agriharyana.in पर क्लिक करना होगा
  • इसके बाद आपको किसान पंजीकरण का एक लिंक दिखेगा
  • किसान पंजीकरण पर क्लिक करने के बाद आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा
  • इस फॉर्म में आप सारी जानकारी सही-सही भरें
  • अगर आप फॉर्म में कोई गलत जानकारी देंगे तो आप योजना के लाभ से वंचित रह सकते हैं
  • फॉर्म भरने के बाद सेव बटन पर क्लिक करें और आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा
Intro:हरियाणा में सब्जी उगाने वाले किसानों को निरंतर हो रहे नुकसान से बचाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा चलाई गई फसल भावांतर भरपाई योजना का फायदा जमीन स्तर पर किसानों को नहीं हो रहा है ज्यादातर किसानों को सरकार की इस योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं है जिस कारण आलू ,प्याज, टमाटर, गोभी की खेती करने वाले किसान लगातार नुकसान उठा रहे हैं


Body:सरकार ने सब्जी उगाने वाले किसानों को नुकसान से उबरने के लिए एक स्कीम चलाई जिसका नाम है फसल भावांतर भरपाई योजना । यह योजना 1 जनवरी 2018 को लागू की गई और इस योजना के अंतर्गत होने वाले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 7 मई 2018 को शुरू हुए। यह योजना हरियाणा सरकार ने पूरे हरियाणा में शुरू की। इस योजना का मुख्य मकसद प्याज, गोभी ,आलू, टमाटर की खेती करने वाले किसान को निरंतर हो रहे नुकसान से बचाना है इन चारों सब्जियों के एमएसपी भी निर्धारित किए गए प्याज का एमएसपी ₹500, आलू का ₹400 ,गोभी का ₹500 और टमाटर का एमएसपी ₹400 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया, इस योजना के अंतर्गत यदि किसान कि इन चारों सब्जियों का भाव किसान को एमएसपी यानी कि तय मूल्य से कम मिलता है तो सरकार इस योजना के अंतर्गत किसान को एमएसपी और मिले हुए भाव की भरपाई करेगी इस योजना के तहत यदि किसान की चारों सब्जियों का भाव उसको एमएसपी से कम मिलता है तो सरकार किसानों को एमएसपी और मिले हुए भाव की भरपाई करेगी इसके लिए किसानों को पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना होगा उसके बाद फसल बेचने वाले आढेती से लेने के बाद उद्यान विभाग के कार्यालय में जमा करवाना होगा
फरीदाबाद में इस योजना के तहत फरीदाबाद में मार्च 2018 से लेकर मार्च 2019 तक आलू की खेती 325.3 हेक्टेयर में की गई जिसमें 91 लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराकर फायदा लिया इसके अलावा प्याज में 21 हेक्टेयर की खेती की गई और 20 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराकर फायदा लिया वहीं टमाटर में 82.5 हेक्टेयर में खेती की गई और 37 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराकर फायदा लिया इसके अलावा गोभी की खेती 117 हेक्टेयर में की गई और 51 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराकर फायदा उठाया फरीदाबाद मे 199 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराकर फायदा लिया अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि 2100000 से भी ज्यादा आबादी वाले फरीदाबाद में इतनी कम संख्या में किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है जबकि इससे ज्यादा भारी संख्या में किसान सब्जी की खेती कर रहे हैं

ईटीवी भारत ने जमीनी स्तर पर जाकर सब्जी की खेती करने वाले किसानों से इस योजना के बारे में रियलिटी चेक किया किसानों से बातचीत में खुलासा हुआ कि इतनी भारी आबादी वाले क्षेत्र में इतने कम रजिस्ट्रेशन होने का मुख्य कारण यह है कि किसानों को इस योजना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है इसके अलावा कुछ इलाकों में तो किसानों को इस योजना के बारे में पता ही नहीं है ईटीवी भारत पर बातचीत करते हुए किसानों ने बताया कि वह पिछले 10 और लगभग 20 सालों से आलू प्याज टमाटर गोभी सहित दूसरी सब्जियों की खेती करते आ रहे हैं लेकिन आज तक उनको इस योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं है उन्होंने कहा कि जब वह अपनी सब्जी को मंडी में लेकर जाते हैं वहां आढेती से भी उनको भावांतर भरपाई योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं किसानों ने बताया कि हमेशा जब भी को सब्जी लेकर जाते हैं उनको उचित मूल्य नहीं मिलता और वह हमेशा घाटे का शिकार होते रहे

बाईट--किसान, 1 2 3 4 5

वीओ - वही जिला उद्यान विभाग के जिला अधिकारी अशोक वर्मा ने बताया की उनके विभाग के द्वारा फसल भावांतर भरपाई योजना की जानकारी किसानों तक कैंपेन के द्वारा दी जाती है और अब तक कुल 199 किसान उनके पास रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं उन्होंने कहा कि वह लगातार प्रयासरत हैं कि ज्यादा से ज्यादा सब्जी उगाने वाले किसानों को इस योजना का लाभ मिले

बाईट- अशोक वर्मा ,जिला उद्यान अधिकारी


Conclusion:हरियाणा सरकार द्वारा चलाई गई फसल भावांतर भरपाई योजना का किसानों को जमीन पर मिल रहा नहीं कोई लाभ ज्यादातर किसान इस योजना की पहुंच से दूर
Last Updated : Sep 7, 2019, 8:17 PM IST
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