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कोरोना काल में पैरोल पर छोड़े गए कैदियों को करना होगा सरेंडर - फरीदाबाद कोरोना पैरोल सरेंडर

कोरोना काल में संक्रमण से बचाने के लिए पैरोल पर छोड़े गए कैदियों को जल्द सरेंडर करना होगा. फरीदाबाद की नीमका जेल के भी कुल 268 कैदी पैरोल पर छोड़े गए थे जिन्हें अब सरेंडर करना होगा.

prisoners parole corona time haryana
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Published : Feb 14, 2021, 3:15 PM IST

Updated : Jun 8, 2021, 3:20 PM IST

फरीदाबाद: कोरोना काल में जेलों में बंद कैदियों को संक्रमण से बचाने के लिए पैरोल पर छोड़ा गया था और इन कैदियों को नौ चरणों में सरेंडर करना होगा. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की हाई लेवल कमेटी ने सभी जेल अधीक्षकों और जिला एवं सत्र न्यायाधीश को आदेश जारी किया है. इन कैदियों को नौ चरणों में सरेंडर करना होगा.

ये जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम मंगलेश कुमार चौबे और पैनल एडवोकेट रवींद्र गुप्ता ने दी. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश भर की सभी जेलों में बंद कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए पैरोल दी गई थी.

ये भी पढ़ें- कुरुक्षेत्र: अवैध हथियार रखने व बेचने के आरोप में दो गिरफ्तार

हाईकोर्ट की हाई लेवल कमेटी ने इस पर अमल करते हुए प्रदेशभर के 2580 जेल बंदियों को रिहा कर दिया था. जिससे कैदियों को जेल के अंदर संक्रमण से बचाया जा सके. अब चंडीगढ़ में हुई हाई लेवल कमेटी की बैठक में न्यायमूर्ति राजन गुप्ता ने कमेटी के सदस्यों के साथ विचार विमर्श करने के बाद सभी छोड़े गए कैदियों को सरेंडर कराने का निर्णय लिया.

23 फरवरी से 14 मई तक नौ चरणों में सभी कैदियों को फिर अपनी संबंधित जेल में सरेंडर करना होगा. फरीदाबाद की नीमका जेल के भी कुल 268 कैदी पैरोल पर छोड़े गए थे जिन्हें अब सरेंडर करना होगा.

ये भी पढ़ें- ''बेशक सिर फोड़ देना या फुड़वा लेना, लेकिन किसी को भी सड़क पर आने मत देना'' जानिए कैथल पुलिस ने क्यों कहा ऐसा?

फरीदाबाद: कोरोना काल में जेलों में बंद कैदियों को संक्रमण से बचाने के लिए पैरोल पर छोड़ा गया था और इन कैदियों को नौ चरणों में सरेंडर करना होगा. पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की हाई लेवल कमेटी ने सभी जेल अधीक्षकों और जिला एवं सत्र न्यायाधीश को आदेश जारी किया है. इन कैदियों को नौ चरणों में सरेंडर करना होगा.

ये जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम मंगलेश कुमार चौबे और पैनल एडवोकेट रवींद्र गुप्ता ने दी. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश भर की सभी जेलों में बंद कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए पैरोल दी गई थी.

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हाईकोर्ट की हाई लेवल कमेटी ने इस पर अमल करते हुए प्रदेशभर के 2580 जेल बंदियों को रिहा कर दिया था. जिससे कैदियों को जेल के अंदर संक्रमण से बचाया जा सके. अब चंडीगढ़ में हुई हाई लेवल कमेटी की बैठक में न्यायमूर्ति राजन गुप्ता ने कमेटी के सदस्यों के साथ विचार विमर्श करने के बाद सभी छोड़े गए कैदियों को सरेंडर कराने का निर्णय लिया.

23 फरवरी से 14 मई तक नौ चरणों में सभी कैदियों को फिर अपनी संबंधित जेल में सरेंडर करना होगा. फरीदाबाद की नीमका जेल के भी कुल 268 कैदी पैरोल पर छोड़े गए थे जिन्हें अब सरेंडर करना होगा.

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Last Updated : Jun 8, 2021, 3:20 PM IST
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