फरीदाबाद: स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी के तहत शहर में वेंडर्स का नए सिरे से पंजीकरण हो रहा है. राज्य सरकार ने 19 हजार वेंडर्स को चिह्नित करने का टारगेट दिया है. पंजीकरण होने व सत्यापन के बाद नगर निगम बैंकों के माध्यम से इन्हें अपना कारोबार बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत 10 हजार रुपये का लोन देगा.
पंजीकरण की डेट 31 मार्च तय की गई है. कोई भी वेंडर इसके लिए नगर निगम मुख्यालय के कमरा नंबर-63 में अपना आवेदन जमा करा सकता है. इस पॉलिसी के प्रोजेक्ट ऑफिसर का कहना है कि पंजीकृत होने वाले वेंडरों को एक प्रमाण पत्र और आईकार्ड निशुल्क दिया जाएगा. वेंडरों का फिजिकल सत्यापन होने के बाद ही बैंक से ऋण मिलेगा.
पहले किए गए सर्वे फर्जी निकले
स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी के प्रोजेक्ट ऑफिसर द्वारिका प्रसाद के अनुसार पहले राज्य सरकार ने नोएडा की एक कंपनी रूद्रा इंटरप्राइजेज से सर्वे कराया था, लेकिन उक्त एजेंसी ने जो सर्वे किया था उसकी जांच करने पर सभी नाम फर्जी निकले. उनमें से कोई किसी भी स्थान पर रेहड़ी पटरी लगाता ही नहीं था. बाद में सरकार ने उक्त एजेंसी के सर्वे को खारिज कर दिया.
अब निगम कर्मचारी कर रहे सर्वे
सरकार के आदेश पर अब नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा स्ट्रीट वेंडरों का सर्वे किया जा रहा है. 15 जुलाई से सर्वे शुरू किया गया है. अब तक करीब 3600 स्ट्रीट वेंडर चिह्नित किए जा चुके हैं. उन्होंने बताया सरकार ने फरीदाबाद जिले में कुल 19 हजार स्ट्रीट वेंडरों को चिह्नित करने का टारगेट दिया है.
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31 मार्च तक इस सर्वे को पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद उनका भौतिक सत्यापन करने के बाद प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत बैंकों से दस हजार रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे अपने कारोबार का विस्तार कर सकें.
कोई भी वेंडर कर सकता है आवेदन
प्रोजेक्ट ऑफिसर के अनुसार कोई भी स्ट्रीट वेंडर नगर निगम मुख्यालय के रूम नंबर-63 में जाकर सर्वे सूची में शामिल होने के लिए आवेदन कर सकता है. उसके पास आधार कार्ड, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है. 31 मार्च तक आवेदन स्वीकार किए जाएंगे.
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