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फरीदाबाद: CBSE 10वीं में आध्या ने जिले में किया टॉप, पढ़ाई के साथ स्लम बच्चों को दे रही ट्यूशन - फरीदाबाद आध्या सीबीएसई टॉपर

फरीदाबाद के सेक्टर 19 की रहने वाली आध्या ने सीबीएसई की दसवीं कक्षा में 99% अंक लेकर जिला में पहला स्थान प्राप्त किया. बताया जा रहा है कि आध्या ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ स्लम बस्तियों के बच्चों को भी पढ़ाने का काम किया.

faridabad girl adhya scored 99% in cbse10th class
फरीदाबाद की आध्या ने CBSE की 10वीं में किया टॉप, पढ़ाई के साथ स्लम बच्चों को भी दिया ट्यूशन
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Published : Jul 17, 2020, 2:31 PM IST

फरीदाबाद: सेक्टर 19 की रहने वाली आध्या ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा में 99% अंक लेकर जिले में पहला स्थान प्राप्त किया. इस दौरान उसने स्लम बस्तियों के बच्चों को भी पढ़ाने का काम किया. बताया जा रहा है कि पहले आध्या स्कूल में अपनी पढ़ाई करती और स्कूल से जाने के बाद अपनी पढ़ाई के साथ-साथ गरीब बच्चों को भी पढ़ाती हैं.

आज के इस भागदौड़ भरे दौर में जहां हर कोई अपने लिए जीना चाहता है. वहीं समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो दूसरों के लिए जीते हैं. ऐसा ही एक उदाहरण बन कर सामने आई है. फरीदाबाद के सेक्टर 19 की रहने वाली दसवीं कक्षा की छात्रा आध्या जिन्होंने एक तरफ अपनी पढ़ाई को सुचारु रूप से चालू रखा और दूसरी तरफ उन गरीब बच्चों को भी पढ़ाया जो ट्यूशन अफोर्ड नहीं कर सकते.जिस कारण वो कहीं ना कहीं पढ़ाई के क्षेत्र में पिछड़ रहे थे.

फरीदाबाद की आध्या ने CBSE की 10वीं में किया टॉप, पढ़ाई के साथ स्लम बच्चों को भी दिया ट्यूशन

आध्या ने हाल सीबीएसई की दसवीं कक्षा में 99% अंक हासिल किए हैं. आध्या के परिणाम से उनके परिवार वाले बेहद खुश हैं. लेकिन आध्या जहां एक तरफ परिणाम आने से खुश है तो वहीं वो खुश इसलिए भी है कि उसने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ गरीब बच्चों की पढ़ाई को भी चालू रखा है.

आध्या ने बताया कि स्कूल से आने के बाद वो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद गरीब बच्चों को जाकर पढ़ाती थी. उन्होंने कहा कि वो जो स्वयं पढ़ती वही बच्चों को भी पढ़ाती थी. जिससे चलते गरीब बच्चों को ट्यूशन नहीं लगाना पड़ा था. उन्होंने कहा कि जिन बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं उनमें से कई बच्चों की मेरिट आई है और अब वो अपनी आगे की पढ़ाई के साथ-साथ उन बच्चों की भी पढ़ाई को साथ लेकर चलेगी.

ये भी पढ़िए: कांग्रेस के मेंढक वाले बयान पर बोले ओपी धनखड़- राजनीति में भाषा की मर्यादा होनी चाहिए

ताकि वो बच्चे भी भविष्य में कामयाब हो सके. उन्होंने कहा कि वो भविष्य में बायोटेक इंजीनियर बनना चाहती हैं और समाज के लिए वैक्सीन का निर्माण करना चाहती हैं. क्योंकि जिस तरह से कोरोना के चलते हाल ही में बड़ी बड़ी आईटी कंपनियां फेल हो रही हैं इस समय में वैक्सीन निर्माता की बेहद आवश्यकता है. इसीलिए वो अब बायोटेक इंजीनियरिंग करना चाहती हैं उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने भी इसमें भरपूर योगदान दिया है.

फरीदाबाद: सेक्टर 19 की रहने वाली आध्या ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा में 99% अंक लेकर जिले में पहला स्थान प्राप्त किया. इस दौरान उसने स्लम बस्तियों के बच्चों को भी पढ़ाने का काम किया. बताया जा रहा है कि पहले आध्या स्कूल में अपनी पढ़ाई करती और स्कूल से जाने के बाद अपनी पढ़ाई के साथ-साथ गरीब बच्चों को भी पढ़ाती हैं.

आज के इस भागदौड़ भरे दौर में जहां हर कोई अपने लिए जीना चाहता है. वहीं समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो दूसरों के लिए जीते हैं. ऐसा ही एक उदाहरण बन कर सामने आई है. फरीदाबाद के सेक्टर 19 की रहने वाली दसवीं कक्षा की छात्रा आध्या जिन्होंने एक तरफ अपनी पढ़ाई को सुचारु रूप से चालू रखा और दूसरी तरफ उन गरीब बच्चों को भी पढ़ाया जो ट्यूशन अफोर्ड नहीं कर सकते.जिस कारण वो कहीं ना कहीं पढ़ाई के क्षेत्र में पिछड़ रहे थे.

फरीदाबाद की आध्या ने CBSE की 10वीं में किया टॉप, पढ़ाई के साथ स्लम बच्चों को भी दिया ट्यूशन

आध्या ने हाल सीबीएसई की दसवीं कक्षा में 99% अंक हासिल किए हैं. आध्या के परिणाम से उनके परिवार वाले बेहद खुश हैं. लेकिन आध्या जहां एक तरफ परिणाम आने से खुश है तो वहीं वो खुश इसलिए भी है कि उसने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ गरीब बच्चों की पढ़ाई को भी चालू रखा है.

आध्या ने बताया कि स्कूल से आने के बाद वो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद गरीब बच्चों को जाकर पढ़ाती थी. उन्होंने कहा कि वो जो स्वयं पढ़ती वही बच्चों को भी पढ़ाती थी. जिससे चलते गरीब बच्चों को ट्यूशन नहीं लगाना पड़ा था. उन्होंने कहा कि जिन बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं उनमें से कई बच्चों की मेरिट आई है और अब वो अपनी आगे की पढ़ाई के साथ-साथ उन बच्चों की भी पढ़ाई को साथ लेकर चलेगी.

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ताकि वो बच्चे भी भविष्य में कामयाब हो सके. उन्होंने कहा कि वो भविष्य में बायोटेक इंजीनियर बनना चाहती हैं और समाज के लिए वैक्सीन का निर्माण करना चाहती हैं. क्योंकि जिस तरह से कोरोना के चलते हाल ही में बड़ी बड़ी आईटी कंपनियां फेल हो रही हैं इस समय में वैक्सीन निर्माता की बेहद आवश्यकता है. इसीलिए वो अब बायोटेक इंजीनियरिंग करना चाहती हैं उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने भी इसमें भरपूर योगदान दिया है.

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