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हरियाणा के इस जिले में श्मशान घाट पर लगा है शवों का ढेर, अंतिम संस्कार करने वाले बोले भयावह है स्थिति

फरीदाबाद में कोविड-19 के चलते रोजाना दर्जनभर लोगों की मौत हो रही है. श्मशान घाट में शवों का ढेर लगा हुआ है. वहीं जिले में नए मरीजों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है.

faridabad Crematorium corona death
faridabad Crematorium corona death
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Published : Apr 21, 2021, 6:09 PM IST

फरीदाबाद: जिले में एक तरफ जहां लगातार कोरोना वायरस के नए मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है तो वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या भी दिनों-दिन बढ़ रही है. फरीदाबाद नगर निगम द्वारा कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के नियमों के तहत किया जा रहा है.

श्मशान घाट में लगा शवों का ढेर

फरीदाबाद में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 900 से अधिक मामले सामने आए हैं. वहीं मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. श्मशान घाट में जलती लाशों के ढेर को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से काफी अलग है.

हरियाणा में यहां श्मशान घाट में लगा है कोरोना मरीजों के शवों का ढेर

कोरोना से मरने वाले मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी राजेंद्र दहिया ने बताया कि कोविड-19 से रोजाना 15 से अधिक लोगों की मौत हो रही है. पिछले 24 घंटे में 16 लोगों की जान गई. सरकार द्वारा तय की गई है कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

राजेंद्र दहिया ने बताया कि फरीदाबाद में कुछ बाहर के लोग भी शामिल हैं. जिनका इलाज फरीदाबाद के अस्पताल में हुआ और इलाज के दौरान उनकी कोरोना से मौत हो गई. उनका भी फरीदाबाद के श्मशान घाट में ही कोविड की गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद इतने दिन तक ना करें रक्तदान, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर

उन्होंने बताया कि दिल्ली शहर में बेड ना मिलने के चलते उन्हें दिल्ली एनसीआर के आसपास के जिलों में इलाज के लिए भर्ती करवा दिया जाता है. यही कारण है कि बाहरी शवों का अंतिम संस्कार भी फरीदाबाद में किया जा रहा है.

यहां किया जा रहा है अंतिम संस्कार

शवों को जलाने के लिए अजरौंदा चौक ले जाया जाता है जहां पीएनजी के स्टेशन है. पीएनजी में एक दिन में केवल दो शवों का ही अंतिम संस्कार किया जा सकता है. बाकी शवों का लकड़ियों के माध्यम से अंतिम संस्कार किया जाता है.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा सेक्टर-37, पटेल चौक हनुमान मंदिर, प्याली, एनएच-3, सेक्टर-23 मुजेसर, बल्लभगढ़ तिगांव रोड, खेड़ी पुल, ओल्ड फरीदाबाद, गौछी इत्यादि क्षेत्र भी शामिल हैं. शवों का दाह संस्कार करने से पहले कोविड-19 के लिए जारी की गई गाइडलाइंस का पालन करते हैं, और पीपीई किट पहन कर ही संस्कार किया जाता है.

श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर रहे आचार्य मोहन ने बताया कि स्थिति भयावह हो चुकी है. वह पिछले डेढ़ साल से कोविड-19 से ग्रस्त मरीजों के शवों का दाह संस्कार करने में जुटे हुए हैं. अभी तक वे ढाई-तीन सौ से ज्यादा शवों का दाह संस्कार कर चुके हैं. वहीं हाल ही में मृतकों की संख्या तेजी से बढ़ी है.

ये भी पढ़ें- रेमडेसिविर की कालाबाजारी पर हरियाणा में सख्ती, अब आधार कार्ड दिखा कर ही मिलेगी दवा

फरीदाबाद: जिले में एक तरफ जहां लगातार कोरोना वायरस के नए मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है तो वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या भी दिनों-दिन बढ़ रही है. फरीदाबाद नगर निगम द्वारा कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के नियमों के तहत किया जा रहा है.

श्मशान घाट में लगा शवों का ढेर

फरीदाबाद में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 900 से अधिक मामले सामने आए हैं. वहीं मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. श्मशान घाट में जलती लाशों के ढेर को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से काफी अलग है.

हरियाणा में यहां श्मशान घाट में लगा है कोरोना मरीजों के शवों का ढेर

कोरोना से मरने वाले मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी राजेंद्र दहिया ने बताया कि कोविड-19 से रोजाना 15 से अधिक लोगों की मौत हो रही है. पिछले 24 घंटे में 16 लोगों की जान गई. सरकार द्वारा तय की गई है कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

राजेंद्र दहिया ने बताया कि फरीदाबाद में कुछ बाहर के लोग भी शामिल हैं. जिनका इलाज फरीदाबाद के अस्पताल में हुआ और इलाज के दौरान उनकी कोरोना से मौत हो गई. उनका भी फरीदाबाद के श्मशान घाट में ही कोविड की गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

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उन्होंने बताया कि दिल्ली शहर में बेड ना मिलने के चलते उन्हें दिल्ली एनसीआर के आसपास के जिलों में इलाज के लिए भर्ती करवा दिया जाता है. यही कारण है कि बाहरी शवों का अंतिम संस्कार भी फरीदाबाद में किया जा रहा है.

यहां किया जा रहा है अंतिम संस्कार

शवों को जलाने के लिए अजरौंदा चौक ले जाया जाता है जहां पीएनजी के स्टेशन है. पीएनजी में एक दिन में केवल दो शवों का ही अंतिम संस्कार किया जा सकता है. बाकी शवों का लकड़ियों के माध्यम से अंतिम संस्कार किया जाता है.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा सेक्टर-37, पटेल चौक हनुमान मंदिर, प्याली, एनएच-3, सेक्टर-23 मुजेसर, बल्लभगढ़ तिगांव रोड, खेड़ी पुल, ओल्ड फरीदाबाद, गौछी इत्यादि क्षेत्र भी शामिल हैं. शवों का दाह संस्कार करने से पहले कोविड-19 के लिए जारी की गई गाइडलाइंस का पालन करते हैं, और पीपीई किट पहन कर ही संस्कार किया जाता है.

श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर रहे आचार्य मोहन ने बताया कि स्थिति भयावह हो चुकी है. वह पिछले डेढ़ साल से कोविड-19 से ग्रस्त मरीजों के शवों का दाह संस्कार करने में जुटे हुए हैं. अभी तक वे ढाई-तीन सौ से ज्यादा शवों का दाह संस्कार कर चुके हैं. वहीं हाल ही में मृतकों की संख्या तेजी से बढ़ी है.

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