फरीदाबाद: कोरोना महामारी हो या कोई भी बीमारी, इस दौरान डॉक्टरों की जिम्मेदारी सबसे अहम मानी जाती है, लेकिन संकट की इस घड़ी में फरीदाबाद के मेट्रो हॉस्पिटल में अलग ही विवाद चल रहा है. फरीदाबाद के सेक्टर-16 स्थित मेट्रो हॉस्पिटल के अंदर एडमिशन बंद है. इतना ही नहीं मेट्रो हॉस्पिटल के अंदर एडमिट साढ़े तीन सौ मरीजों को भी डिस्चार्ज कर घर भेजा गया है और अब मात्र 70 मरीज ही यहां अपना इलाज करवा रहे हैं.
ये है पूरा मामला
फरीदाबाद का मेट्रो हॉस्पिटल इन दिनों सुर्खियों में है क्योंकि इसी हॉस्पिटल के चेयरमैन और एमडी के बीच पिछले कुछ सालों से चला आ रहा विवाद जगजाहिर है. कुछ दिन पूर्व ही हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के अंदर यह फैसला लिया गया कि पिछले सालों से जो विवाद चला आ रहा था उसको सुलझाने का एक प्रयास किया गया. जिसमें दोनों पार्टनर्स के बीच एक एग्रीमेंट हुआ.
इसमें डॉक्टर पुरुषोत्तम लाल ने बोली लगाकर मेट्रो हॉस्पिटल को लेने की हामी भरी. वहीं उन्हें अब निर्धारित की गई राशि समय पर डॉक्टर बंसल को अदा करनी है और उसके बाद डाक्टर पुरुषोत्तम पूर्ण रूप से फरीदाबाद के सेक्टर-16 स्थित मेट्रो हॉस्पिटल के मालिक हो जाएंगे.
मरीज हो रहे हैं परेशान
दोनों पार्टनर्स में चल रही इस खींचातानी की वजह से हॉस्पिटल में नए लोगों को भर्ती नहीं किया जा रहा और इसका खामियाजा कहीं ना कहीं उन लोगों को उठाना पड़ रहा है जो अपना इलाज करवाने के लिए मेट्रो हॉस्पिटल में पहुंच रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने सुलह करवाने की कोशिश की
हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इस पूरे मामले का समाधान निकलने के आसार दिखाई दे रहे हैं, लेकिन प्रदेश के मुखिया की ये कोशिश कितनी कारगर साबित होगी ये तो आने वाला वक्त ही तय कर पायेगा.
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