चंडीगढ़: राजस्थान के बाड़मेर में वीरवार रात को दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय वायु सेना के मिग-21 विमान हादसे (MiG-21 Crash in Rajasthan) में शहीद हुए विंग कमांडर मोहित राणा (Himachal Pilot Mohit Rana Martyred) शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. शहीद मोहित राणा को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.
3 साल की बेटी ने दी श्रद्धांजलि- शहीद का पार्थिव शरीर शनिवार दोपहर 12 बजे न्यू चंडीगढ़ स्थित उनके आवास पर लाया गया. जहां से दोपहर 3 बजे सेक्टर-25 स्थित श्मशान घाट में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. शहीद मोहित राणा को उनकी पत्नी (Wing Commander Mohit Rana) ने मुखाग्नि दी. मोहित राणा की 3 साल की बेटी ने जब अपने पिता को श्रद्धांजलि दी तो वहां मौजूद तमाम लोगों की आंखें भर आईं. इस दौरान भारतीय वायु सेना के आला अधिकारी भी मौजूद रहे.
पिता को शहादत पर गर्व- मोहित राणा का पार्थिव शरीर जब उनके आवास पर पहुंचा तो मानो आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. परिवार के बेटे की शहादत की खबर सुनकर नाते-रिश्तेदार पहले ही चंडीगढ़ पहुंच चुके थे. मोहित के पिता ओम प्रकाश राणा भी पूर्व सैनिक हैं. उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है. मोहित के पिता ने कहा कि मेरा बेटा चाहता तो अपनी जान बचाने प्लेन क्रैश होने से पहले कूद सकता था, लेकिन उसने भारत माता के सच्चे सपूत का धर्म निभाया. अपने आखिरी वक्त में भी मोहित ने सूझबूझ दिखाई और प्लेन को रिहायशी इलाके से दूर खाली इलाके में मिग को क्रैश करवाया. उसने सैकड़ों लोगों की जान बचाने के लिए सर्वोच्च बलिदान दे दिया. जो मेरे लिए गर्व की बात है.
नम आंखों से विदाई- शहीद विंग कमांडर मोहित राणा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया. इस वीर सपूत को आखिरी विदाई देने जितने भी परिजन पहुंचे थे उनकी आंखों में आंसू तो थे लेकिन सीना गर्व से चौड़ा था. सभी ने नम आंखों से वीर सपूत को आखिरी सलाम किया.
हिमाचल से है संबंध- शहीद मोहित राणा मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के संधोल के रहने वाले थे. लेकिन उनका परिवार न्यू चंडीगढ़ में रहता है. मोहित के पिता ओम प्रकाश राणा सेना से लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से सेवानिवृत हैं. बता दें कि भारत-पाकिस्तान बॉर्डर स्थित राजस्थान के बाड़मेर जिले (Barmer plane crash) में वीरवार रात को भारतीय वायु सेना का लड़ाकू विमान मिग-21 क्रैश (Mig 21 crash in barmer) हो गया था. इस हादसे में जम्मू कश्मीर के फ्लाइट लेफ्टिनेंट अद्वितीय बल और हिमाचल के विंग कमांडर मोहित राणा शहीद हुए थे.
कुछ दिन पहले ही आए थे हिमाचल- मोहित राणा 17 दिन पहले ही छुट्टी से बाड़मेर ड्यूटी पर लौटे थे. अपनी छुट्टी के दौरान वो अपने पैतृक गांव संधोल भी आए थे. तब शायद किसी को भी अंदाजा नहीं रहा होगा कि मोहित आखिरी बार अपने गांव और परिजनों से मिल रहे हैं. चंडीगढ़ में जब मोहित राणा का अंतिम संस्कार (Mohit Rana Funeral) हुआ तो उनके पैतृक गांव से भी लोग अपने बेटे की शहादत को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे.
2005 में एयरफोर्स में हुए थे शामिल: शहीद विंग कमांडर मोहित राणा ने 2001 में एनडीए की परीक्षा पास की थी. इसके बाद 2005 में वह एयरफोर्स में शामिल हुए थे. विंग कमांडर मोहित राणा मौजूदा समय में इंस्ट्रक्टर के पद पर तैनात थे और वह देश के लिए 200 से ज्यादा पायलट तैयार कर चुके थे.