चंडीगढ़: राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए प्रदेश की दो बेटियों के नामों की सिफारिश की गई है, पहलवान विनेश फोगाट और महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल. इन दोनों खिलाड़ियों ने देश और प्रदेश को कई गौरव के पल दिए हैं. आज ये दोनों जिस मुकाम पर हैं वहां तक पहुंचने के लिए इन्होंने कई मुश्किलों का सामना किया है. आइए नजर डालते हैं इन दोनों खिलाड़ियों के अब तक के सफर पर.
विनेश ने एक बार फिर बढ़ाया मान
चरखी दादरी के छोटे से गांव बलाली की रहने वाली विनेश ने एक बार फिर प्रदेश का नाम बढ़ाया है. एक समय था जब रियो ओलंपिक के दौरान चोट लगने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें पहलवानी छोड़ने की सलाह दे दी थी.
डॉक्टरों का कहना था कि अगर अब दोबारा चोट लगी तो जान पर बन सकती है. उसके बावजूद विनेश ने हिम्मत नहीं हारी और फिर से पदक जीते. कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाली देश की महिला पहलवान विनेश फोगाट को खेल रत्न के लिए लगातार तीसरे साल नॉमिनेट किया गया है.
उन्होंने पिछले साल वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. विनेश फोगाट एकमात्र भारतीय महिला पहलवान हैं, जिन्होंने अब तक तोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वॉलीफाई किया है.
दंगल गर्ल गीता-बबीता की चचेरी बहन विनेश को अगले साल होने वाले तोक्यो ओलिंपिक खेलों में पदक का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है. वे गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल 2018 और 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं.
इसके अलावा 2019 में वह लॉरेस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवॉर्ड के लिए नामित होने वाली पहली भारतीय ऐथलीट बनी थीं. उनकी इन्हीं उपलब्धियों को देखते हुए इस अवार्ड के लिए उनके नाम की सिफारिश की गई है. फिलहाल विनेश अपनी ससुराल खरखौदा में घर पर ही प्रेक्टिस कर रही हैं.
रानी रामपाल के लिए स्वर्णिम रहा 2020
दिनेश के साथ-साथ महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल के नाम की भी राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए सिफारिश की गई है. रानी रामपाल के लिए 2020 स्वर्णिम रहा है. 30 जनवरी, 2020 को जहां रानी ने वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर जीता था, वहीं इसी वर्ष रानी को देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्मश्री के लिए चुना गया था. अब रानी रामपाल के नाम की सिफारिश राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड के लिए की गई है.
पिता चलाते थे घोड़ा गाड़ी, बेटी ने थामी हॉकी
रानी रामपाल कुरुक्षेत्र के शाहाबाद की रहने वाली हैं. उनका पिता रामपाल घोड़ा गाड़ी चलाते थे. छोटी उम्र से ही रानी को हॉकी का खेल पसंद था. अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने अपने सपनों का साकार करके दिखाया.
रानी केवल तीसरी और पहली महिला हॉकी खिलाड़ी हैं जिनके नाम की सिफारिश इस सम्मान के लिए की गई है. रानी से पहले धनराज पिल्लै (2000) और सरदार सिंह (2017) को खेल रत्न पुरस्कार मिला था. भारतीय महिला हॉकी टीम ने रानी रामपाल की कप्तानी में पिछले साल टोक्यो ओलिंपिक का टिकट हासिल किया है.
उसी साल उन्हें खेल रत्न के लिए भी नॉमिनेट किया गया था. रानी की कप्तानी में भारत ने 2017 में महिला एशिया कप जीता था. 2018 में एशियाई खेलों में सिल्वर मेडल भी अपने नाम किया था. रानी ने एफआईएच ओलिंपिक क्वालीफायर 2019 में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. यही नहीं टीम इस बीच अपनी सर्वश्रेष्ठ नौवीं रैंकिंग पर पहुंची.
कोरोना के कारण पुरस्कार समारोह हो सकता है वर्चुअल
इस साल के राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह का आयोजन कोविड-19 महामारी के कारण वर्चुअल होने की संभावना है. विजेता अपने संबंधित क्षेत्रों से लॉग इन करके 29 अगस्त को इस समारोह का हिस्सा बनेंगे. आम तौर पर इनका आयोजन राष्ट्रपति भवन में होता रहा है. हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन 29 अगस्त को देश में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है.
पुरस्कार में मिलता है ये इनाम
खेल रत्न में पदक, प्रमाणपत्र और 7.5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है. वहीं अर्जुन पुरस्कार में पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार तथा अर्जुन की प्रतिमा दी जाती है. राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों में कोचिंग के लिये द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कार भी दिये जाते हैं. प्रत्येक वर्ष राष्ट्रपति इन पुरस्कारों से खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं.
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