ETV Bharat / city

तबादले से नाराज अशोक खेमका ने सीएम को पत्र लिखकर सरकार पर साधा निशाना

आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने अपने तबादले से नाराज हो कर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर निशाना साधा है.

ashok khemka letter to manohar lal
ashok khemka letter to manohar lal
author img

By

Published : Dec 13, 2019, 5:01 PM IST

Updated : Dec 13, 2019, 9:40 PM IST

चंडीगढ़: अशोक खेमका ने सीएम मनोहर लाल को पत्र में लिखा है कि मनोहर सरकार के दौरान उनके कई तबादले जनहित में नहीं थे. खेमका ने पत्र में प्रदेश में भ्रष्टाचार के कई मामलों को भी उठाया.

अशोक खेमका ने भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने की भी इजाजत मांगी है. खेमका ने कहा जीआईएस से संबंधित टेंडर देने में काफी अनिमित्ताएं हुई हैं. शहरी स्थानीय निकाय विभाग में प्रॉपर्टी सर्वे के लिए 103 करोड़ का टेंडर दिया गया जबकि HARSAC ने इसकी अनुमानित लागत 56 करोड़ तय की थी.

तबादले से नाराज अशोक खेमका ने सीएम को पत्र लिखकर सरकार पर साधा निशाना.

ये भी पढ़ेंः नो टू प्लास्टिक : ओडिशा की इन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा यह अभियान

खेमका ने सरकार पर रोबर्ट वाड्रा डीएलएफ लैंड डील का जिक्र करते हुए सीधा आरोप लगाया और कहा कि 2014 के चुनाव में देश से जो वादे किए गए थे वो अब भुला दिए गए हैं. 2014 में जिस घोटाले के मुद्दे पर एक पार्टी सत्ता में पहुंची उस मामले में आज तक एक भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई. इस सरकार में भ्रष्ट अधिकारी सेवा में रहते हुए और रिटायरमेंट के बाद भी फल फूल रहे हैं.

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही हरियाणा के सीनियर आईएएस अशोक खेमका का 53वां तबादला किया गया था. अब उन्हें अभिलेखागार, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग में प्रमुख सचिव बनाया गया है. खेमका इससे पहले विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के प्रमुख सचिव पद पर कार्यरत थे. 8 महीने बाद खेमका का यह तबादला किया गया है.

  • फिर तबादला। लौट कर फिर वहीं।
    कल संविधान दिवस मनाया गया। आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया। कुछ प्रसन्न होंगे।
    अंतिम ठिकाने जो लगा। ईमानदारी का ईनाम जलालत।

    — Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) November 27, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तबादला होने के बाद खेमका ने एक ट्वीट कर अपना दुख जाहिर किया था. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि फिर तबादला, लौट कर फिर वहीं, कल संविधान दिवस मनाया गया, आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया. कुछ प्रसन्न होंगे. अंतिम ठिकाने जो लगा, ईमानदारी का ईनाम जलालत.

  • 9 दिसंबर को भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया गया। सच कहूँ तो सच्चाई का अनुभव नहीं हुआ। क्या ऐसे आयोजनों से भ्रष्टाचार कम हो जाएगा? सिर्फ यही पता लगा लें कि आयोजन में कुल कितना खर्च हुआ।

    — Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) December 11, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

खेमका ने हरियाणा सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम पर भी सवाल उठाते हुए एक ट्वीट किया था और लिखा था अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी का आयोजन करने से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा. इसी आयोजन पर कितना पैसा खर्च हुआ, यही पता लगा लें तो भ्रष्टाचार का पता लग जायेगा. बता दें कि इस आयोजन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत तमाम आईएएस और आईपीएस अधिकारी मौजूद थे. खेमका भी समारोह में शामिल थे.

ये भी पढ़ेंः अब हाई क्वालिटी कैमरे करेंगे दादरी की रखवाली, वायरलैस CCTV लगाने की तैयारी में प्रशासन

चंडीगढ़: अशोक खेमका ने सीएम मनोहर लाल को पत्र में लिखा है कि मनोहर सरकार के दौरान उनके कई तबादले जनहित में नहीं थे. खेमका ने पत्र में प्रदेश में भ्रष्टाचार के कई मामलों को भी उठाया.

अशोक खेमका ने भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने की भी इजाजत मांगी है. खेमका ने कहा जीआईएस से संबंधित टेंडर देने में काफी अनिमित्ताएं हुई हैं. शहरी स्थानीय निकाय विभाग में प्रॉपर्टी सर्वे के लिए 103 करोड़ का टेंडर दिया गया जबकि HARSAC ने इसकी अनुमानित लागत 56 करोड़ तय की थी.

तबादले से नाराज अशोक खेमका ने सीएम को पत्र लिखकर सरकार पर साधा निशाना.

ये भी पढ़ेंः नो टू प्लास्टिक : ओडिशा की इन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा यह अभियान

खेमका ने सरकार पर रोबर्ट वाड्रा डीएलएफ लैंड डील का जिक्र करते हुए सीधा आरोप लगाया और कहा कि 2014 के चुनाव में देश से जो वादे किए गए थे वो अब भुला दिए गए हैं. 2014 में जिस घोटाले के मुद्दे पर एक पार्टी सत्ता में पहुंची उस मामले में आज तक एक भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई. इस सरकार में भ्रष्ट अधिकारी सेवा में रहते हुए और रिटायरमेंट के बाद भी फल फूल रहे हैं.

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही हरियाणा के सीनियर आईएएस अशोक खेमका का 53वां तबादला किया गया था. अब उन्हें अभिलेखागार, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग में प्रमुख सचिव बनाया गया है. खेमका इससे पहले विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के प्रमुख सचिव पद पर कार्यरत थे. 8 महीने बाद खेमका का यह तबादला किया गया है.

  • फिर तबादला। लौट कर फिर वहीं।
    कल संविधान दिवस मनाया गया। आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया। कुछ प्रसन्न होंगे।
    अंतिम ठिकाने जो लगा। ईमानदारी का ईनाम जलालत।

    — Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) November 27, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तबादला होने के बाद खेमका ने एक ट्वीट कर अपना दुख जाहिर किया था. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि फिर तबादला, लौट कर फिर वहीं, कल संविधान दिवस मनाया गया, आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया. कुछ प्रसन्न होंगे. अंतिम ठिकाने जो लगा, ईमानदारी का ईनाम जलालत.

  • 9 दिसंबर को भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया गया। सच कहूँ तो सच्चाई का अनुभव नहीं हुआ। क्या ऐसे आयोजनों से भ्रष्टाचार कम हो जाएगा? सिर्फ यही पता लगा लें कि आयोजन में कुल कितना खर्च हुआ।

    — Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) December 11, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

खेमका ने हरियाणा सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम पर भी सवाल उठाते हुए एक ट्वीट किया था और लिखा था अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी का आयोजन करने से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा. इसी आयोजन पर कितना पैसा खर्च हुआ, यही पता लगा लें तो भ्रष्टाचार का पता लग जायेगा. बता दें कि इस आयोजन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत तमाम आईएएस और आईपीएस अधिकारी मौजूद थे. खेमका भी समारोह में शामिल थे.

ये भी पढ़ेंः अब हाई क्वालिटी कैमरे करेंगे दादरी की रखवाली, वायरलैस CCTV लगाने की तैयारी में प्रशासन

Intro:Body:

ब्रेकिंग



अपने तबादले से नाराज़ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर साधा निशाना



खेमका ने कहा मनोहर सरकार के दौरान उनके कई तबादले जनहित में नही थे



खेमका ने पत्र में प्रदेश में भ्रष्टाचार के कई मामलों को भी उठाया



खेमका ने भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने की भी मांगी इज़ाज़त



खेमका ने कहा GIS से संबंधित टेंडर देने में काफी अनिमित्ताएँ हुई हैं शहरी स्थानीय निकाय विभाग में प्रॉपर्टी सर्वे के लिए 103 करोड़ का टेंडर दिया गया



जबकि HARSAC ने इसकी अनुमानित लागत 56 करोड़ तय की थी



खेमका ने सरकार पर रोबर्ट वाड्रा डीएलएफ लैंड डील का जिक्र करते हुए लगाया सीधा आरोप कहा 2014 के चुनाव में देश से जो वादे किए गए थे वो अब भुला दिए गए हैं



खेमका ने कहा इस सरकार में भ्रष्ट अधिकारी सेवा में रहते हुए और रिटायरमेंट के बाद भी फल फूल रहे हैं



2014 में जिस घोटाले के मुद्दे पर एक पार्टी सत्ता में पहुंची उस मामले में आज तक एक भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नही की गई


Conclusion:
Last Updated : Dec 13, 2019, 9:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.