चंडीगढ़: अशोक खेमका ने सीएम मनोहर लाल को पत्र में लिखा है कि मनोहर सरकार के दौरान उनके कई तबादले जनहित में नहीं थे. खेमका ने पत्र में प्रदेश में भ्रष्टाचार के कई मामलों को भी उठाया.
अशोक खेमका ने भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने की भी इजाजत मांगी है. खेमका ने कहा जीआईएस से संबंधित टेंडर देने में काफी अनिमित्ताएं हुई हैं. शहरी स्थानीय निकाय विभाग में प्रॉपर्टी सर्वे के लिए 103 करोड़ का टेंडर दिया गया जबकि HARSAC ने इसकी अनुमानित लागत 56 करोड़ तय की थी.
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खेमका ने सरकार पर रोबर्ट वाड्रा डीएलएफ लैंड डील का जिक्र करते हुए सीधा आरोप लगाया और कहा कि 2014 के चुनाव में देश से जो वादे किए गए थे वो अब भुला दिए गए हैं. 2014 में जिस घोटाले के मुद्दे पर एक पार्टी सत्ता में पहुंची उस मामले में आज तक एक भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई. इस सरकार में भ्रष्ट अधिकारी सेवा में रहते हुए और रिटायरमेंट के बाद भी फल फूल रहे हैं.
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही हरियाणा के सीनियर आईएएस अशोक खेमका का 53वां तबादला किया गया था. अब उन्हें अभिलेखागार, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग में प्रमुख सचिव बनाया गया है. खेमका इससे पहले विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के प्रमुख सचिव पद पर कार्यरत थे. 8 महीने बाद खेमका का यह तबादला किया गया है.
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फिर तबादला। लौट कर फिर वहीं।
— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) November 27, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
कल संविधान दिवस मनाया गया। आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया। कुछ प्रसन्न होंगे।
अंतिम ठिकाने जो लगा। ईमानदारी का ईनाम जलालत।
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— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) November 27, 2019
कल संविधान दिवस मनाया गया। आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया। कुछ प्रसन्न होंगे।
अंतिम ठिकाने जो लगा। ईमानदारी का ईनाम जलालत।फिर तबादला। लौट कर फिर वहीं।
— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) November 27, 2019
कल संविधान दिवस मनाया गया। आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया। कुछ प्रसन्न होंगे।
अंतिम ठिकाने जो लगा। ईमानदारी का ईनाम जलालत।
तबादला होने के बाद खेमका ने एक ट्वीट कर अपना दुख जाहिर किया था. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि फिर तबादला, लौट कर फिर वहीं, कल संविधान दिवस मनाया गया, आज सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं नियमों को एक बार और तोड़ा गया. कुछ प्रसन्न होंगे. अंतिम ठिकाने जो लगा, ईमानदारी का ईनाम जलालत.
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9 दिसंबर को भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया गया। सच कहूँ तो सच्चाई का अनुभव नहीं हुआ। क्या ऐसे आयोजनों से भ्रष्टाचार कम हो जाएगा? सिर्फ यही पता लगा लें कि आयोजन में कुल कितना खर्च हुआ।
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— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) December 11, 20199 दिसंबर को भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाया गया। सच कहूँ तो सच्चाई का अनुभव नहीं हुआ। क्या ऐसे आयोजनों से भ्रष्टाचार कम हो जाएगा? सिर्फ यही पता लगा लें कि आयोजन में कुल कितना खर्च हुआ।
— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) December 11, 2019
खेमका ने हरियाणा सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम पर भी सवाल उठाते हुए एक ट्वीट किया था और लिखा था अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी का आयोजन करने से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा. इसी आयोजन पर कितना पैसा खर्च हुआ, यही पता लगा लें तो भ्रष्टाचार का पता लग जायेगा. बता दें कि इस आयोजन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत तमाम आईएएस और आईपीएस अधिकारी मौजूद थे. खेमका भी समारोह में शामिल थे.
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