चंडीगढ़: आज महाअष्टमी का दिन है. मां के मंदिरों पर भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगी हैं. खास तौर से मां के शक्तिपीठ पर श्रद्धालुओं का तांता लगा है.
आज होती है महागौरी की पूजा-अर्चना
महागौरी देवी का आठवां रूप हैं. महाअष्टमी के दिन इन्हीं की पूजा का विधान है. मां महागौरी परम कल्याणकारी हैं. ये ममता की मूरत हैं और भक्तों की सभी जरूरतों को पूरा करने वाली हैं. अगर आप आर्थिक कष्ट से परेशान हैं, तो मां महागौरी की पूजा आपके आर्थिक कमी की परेशानी को दूर कर सकती है. इसके अलावा महागौरी से मनचाहे विवाह का वरदान भी मिल सकता है.
महागौरी के स्वरूप की महिमा
नवरात्रि के आठवें दिन देवी महागौरी की पूजा अर्चना की जाती है. देवी का रंग गौर होने के कारण इनका नाम महागौरी पड़ा है. महागौरी की पूजा अर्चना से पूर्व जन्म के पाप नष्ट होते हैं. इसके साथ ही इस जन्म के दुख, दरिद्रता और कष्ट भी मिट जाते हैं. देवी महागौरी की पूजा अर्चना से कुंडली का कमजोर शुक्र मजबूत होता है. इसलिए शादी विवाह में आई हुई परेशानियों को दूर करने के लिए महागौरी का पूजन किया जाता है. महागौरी की पूजा अर्चना से दांपत्य जीवन सुखद होता है साथ ही पारिवारिक कलह क्लेश खत्म होता हैं.
क्या है मां गौरी की पूजा विधि?
- पीले वस्त्र धारण करके पूजा आरंभ करें
- मां के समक्ष दीपक जलाएं और उनका ध्यान करें
- पूजा में मां को श्वेत या पीले फूल अर्पित करें
- उसके बाद इनके मन्त्रों का जाप करें
- अगर पूजा मध्य रात्रि में की जाय तो इसके परिणाम ज्यादा शुभ होंगे
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कैसे मां गौरी की पूजा कर दूर करें विवाह बाधा?
- लकड़ी के पटरे पर स्वच्छ पीला वस्त्र बिछाकर देवी महागौरी की प्रतिमा को स्थापित करें
- स्वयं भी पीले वस्त्र धारण करके पूरे पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें
- देवी महागौरी के सामने गाय के घी का दिया जलाएं और उनका ध्यान करें
- देवी मां को सफेद या पीले फूल दोनों हाथों से अर्पण करें तथा मंत्र का जाप करें
- प्रसाद के रूप में देवी महागौरी को नारियल अर्पण करें