चंडीगढ़: सुषमा स्वराज पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहीं थी. उनका किडनी ट्रासप्लांट भी हुआ था और बीमारी की वजह से ही मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने पर उन्होंने मंत्री पद लेने से मना कर दिया था. आपको बताते हैं सुषमा स्वराज के बारे में-
- सुषमा स्वराज का जन्म हरियाणा के अम्बाला कैंट में 14 फरवरी, 1952 को हुआ था.
- उनके पिता आरएसएस के प्रमुख सदस्य थे.
- अम्बाला छावनी के एसएसडी कॉलेज से बीए करने के बाद उन्होंने चंडीगढ़ से लॉ किया था.फाइल फोटो.
- 1973 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस शुरू की.
- उनका विवाह सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील स्वराज कौशल से हुआ.
- सुषमा स्वराज की एकमात्र संतान बांसुरी कौशल हैं जो कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक और इनर टेम्पल से कानून में बैरिस्टर की डिग्री ले चुकी हैं.पति स्वराज कौशल के साथ सुषमा स्वराज (फाइल फोटो).
- बांसुरी वकील हैं और दिल्ली हाईकोर्ट तथा सुप्रीम कोर्ट में वकालत करती हैं.
- सुषमा स्वराज की बहन वंदना शर्मा हरियाणा के 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ चुकी हैं.
- सुषमा स्वराज ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ शुरू की. वे अपने छात्र जीवन से ही प्रखर वक्ता हैं.फाइल फोटो.
- उन्होंने आपातकाल के विरोध में सक्रिय प्रचार किया.
- 1977 में उन्हें मात्र 25 वर्ष की उम्र में हरियाणा में चौ. देवीलाल की सरकार सबसे युवा कैबिनेट मंत्री बनीं और 27 वर्ष की उम्र में वे राज्य में भाजपा जनता पार्टी की प्रमुख बन गईं.
- सुषमा स्वराज अप्रैल 1990 में सांसद बनीं और 1990-96 के दौरान राज्यसभा में रहीं.चौ. देवीलाल के साथ सुषमा स्वराज (फाइल फोटो).
- 1996 में वे 11वीं लोकसभा के लिए चुनी गईं और अटल बिहारी वाजपेयी की तेरह दिन की सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री रहीं.
- 12वीं लोकसभा के लिए वे फिर दक्षिण दिल्ली से चुनी गईं और पुन: उन्हें सूचना प्रसारण मंत्रालय के अलावा दूरसंचार मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया.
- अक्टूबर 1998 में उन्होंने केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. बाद में जब विधानसभा चुनावों में पार्टी हार गई तो वे राष्ट्रीय राजनीति में लौट आईं.फाइल फोटो.
- वर्ष 1999 में उन्होंने आम चुनावों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्लारी संसदीय क्षेत्र, कर्नाटक से चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गईं.
- 2000 में वे फिर से राज्यसभा में पहुंचीं थीं और उन्हें पुन: सूचना प्रसारण मंत्री बना दिया गया. वे मई 2004 तक सरकार में रहीं.
- अप्रैल 2009 में वे मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिए चुनी गईं और वे राज्यसभा में प्रतिपक्ष की उपनेता रहीं.
- 2009 के लोकसभा चुनाव में विदिशा से लोकसभा के लिए चुनी गईं और उन्हें लालकृष्ण आडवाणी के स्थान पर नेता प्रतिपक्ष बनाया गया.फाइल फोटो.
- 2014 के लोकसभा चुनाव में विदिशा सीट से जीत दर्ज की.
- 2014 में मोदी सरकार में उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया.
- 2019 में उन्होंने स्वस्थ्य कारणों को लेकर लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था.फाइल फोटो.
- उनके साथ कई अन्य विशेषताएं भी जुड़ी हैं. वे किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल की पहली महिला प्रवक्ता, भाजपा की पहली महिला मुख्यमंत्री, पहली केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री, महासचिव और नेता प्रतिपक्ष रही हैं.
- वे भारतीय संसद में अकेली महिला सांसद हैं जिन्हें असाधारण सांसद का पुरस्कार मिला है.
- वे भाजपा की एकमात्र नेता हैं, जिन्होंने उत्तर और दक्षिण भारत, दोनों क्षेत्र से चुनाव लड़ा है. वह देश की विदेश मंत्री भी रह चुकी थी.