चंडीगढ़: सुषमा स्वराज ने देश और हरियाणा में कई बड़े-बड़े पद संभाले. देश में उनको सबसे प्रिय नेता के तौर पर देखा जाता था. विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने जो काम किए उससे कई बार लोगों का दिल भी जीता. हालांकि देश की राजनीति में नाम कमा चुकी अंबाला की बेटी सुषमा स्वराज के लिए हरियाणा की राजनीति का अनुभव अच्छा नहीं रहा.
सुषमा स्वराज हरियाणा में तीन बार एक ही सीट पर चुनाव हारी थीं. ये सीट थी करनाल लोकसभा सीट. सुषमा स्वराज ने करनाल से तीन बार चुनाव लड़ा और तीनों ही बार उन्हें हार मिली. दो बार उनका मुकाबला बेहद करीबी रहा. पहला चुनाव सुषमा स्वराज ने करनाल से 1980 में लड़ा जिसमें कांग्रेस के चिरंजीलाल शर्मा ने उन्हें हराया था. 1984 में दूसरा चुनाव फिर भाजपा की टिकट से करनाल सीट पर ही लड़ा, चिरंजी लाल फिर उनके सामने थे और वो फिर हार गईं.
1989 में सुषमा ने एक बार फिर करनाल से ही किस्मत आजमाई, मगर इस बार भी नसीब में जीत नहीं थी. चिरंजीलाल के सामने उन्हें करीबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. सुषमा लगातार तीसरी बार हार गई थीं और इसके बाद सुषमा ने कभी हरियाणा से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा.