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कहानी चंडीगढ़ की उस एथलीट की जिसने अपने सीनियर खिलाड़ियों को हराकर गोल्ड जीता - Simran Kaur Info Chandigarh

चंडीगड़ की सिमरन कौर ने अपने से सीनियर एथलीटों के साथ दौड़ते हुए उन्हें हराकर 100 मीटर रेस में गोल्ड हासिल किया है. जिसके बाद चारों ओर उनकी तारीफ हो रही है.

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Published : Mar 31, 2021, 2:06 PM IST

चंडीगढ़ः कुछ करने का जुनून और सबकुछ हासिल करने का जज्बा हो तो इंसान क्या नहीं कर सकता. इसी जज्जे और जुनून की कहानी का दूसरा नाम है सिमरन कौर, सिमरन महज 17 साल की हैं और 12वीं क्लास में पढ़ती हैं. 11 साल की उम्र से एथलेटिक्स में हाथ आजमा रही सिमरन कौर 14 बार राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा ले चुकी हैं और 5 बार मेडल जीता है. उन्हें 11 बार चंडीगढ़ की बेस्ट एथलीट भी चुना गया है. लेकिन इस बार सिमरन की तारीफ इसलिए हो रही है कि उन्होंने अपने सीनियर खिलाड़ियों के साथ चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और गोल्ड हासिल किया.

मिल्खा सिंह से सिमरन को मिली तारीफ

अपने जमाने के शानदार एथलीट मिल्खा सिंह से सिमरन को काफी तारीफ मिली है. सिमरन ने बताया कि जब उन्होंने तिरुपति में राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लिया था और वहां मीट रिकॉर्ड बनाया था. उस वक्त उन खेलों को फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह ने भी देखा था और सिमरन को दौड़ते हुए देखकर उन्होंने सिमरन को बुलाकर खूब तारीफ की थी.

कहानी चंडीगढ़ की उस एथलीट की जिसने अपने सीनियर खिलाड़ियों को हराकर गोल्ड जीता

सिमरन की उपलब्धियां

  • अपने से सीनियर चैंपियनशिप में 100 मीटर में गोल्ड
  • 14 बार राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लिया
  • 5 बार राष्ट्रीय मेडल जीता
  • 11 बार चंडीगढ़ की बेस्ट एथलीट

ये भी पढ़ेंः लॉकडाउन के बाद अब मैदानों में पसीना बहा रहे खिलाड़ी, हरियाणा में जल्द शुरू होंगे खेल

ये है सिमरन की दिनचर्या

11 साल की उम्र से एथलीट बनने का सपना देखने वाली सिमरन 17 साल की हैं और 12वीं क्लास में पढ़ती हैं वो दो ट्यूशन लेती हैं, सुबह दो घंटे प्रैक्टिस करती हैं और शाम को 4 घंटे प्रैक्टिस करती हैं. उनका पूरा दिन प्रैक्टिस और स्कूल में निकलता है. सिमरन कहती हैं कि ये आसान नहीं है लेकिन अब आदत सी हो गई है पूरा दिन बिजी शैड्यूल है कुछ और करने का वक्त ही नहीं मिलता है.

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दौड़ लगाती सिमरन कौर

ये भी पढ़ेंः विशेष: 23 बेटियों को गोद लेने वाले अजीत नांदल पूरी दुनिया के लिए हैं मिसाल

सिमरन का अगला लक्ष्य ?

सिमरन ने कहा कि उनका अगला लक्ष्य है यूथ एशिया चैंपियनशिप में हिस्सा लेना. इसके लिए वो जीतोड़ मेहनत कर रही हैं. इसके लिए उनके माता-पिता भी उन्हें पूरा सपोर्ट कर रहे हैं. सिमरन ने कहा कि उनके माता-पिता पढ़ाई के लिए ज्यादा दबाव नहीं डालते हैं, वे कहते हैं पढ़ाई सामान्य तरीके से चलती रहे उतना ही ठीक है. इसलिए वे खेलों पर ज्यादा ध्यान दे पा रही हैं.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा का ये गांव कहलाता है देश का 'मिनी ब्राजील', हर घर में है महिला फुटबॉल चैंपियन

सिमरन के पिता ने क्या कहा ?

सिमरन के पिता ने कहा कि सिमरन खुद ही सीनियर खिलाड़ियों के साथ खेलना चाहती है, इसलिए हमने उसे सीनियर गेम्स में हिस्सा लेने से नहीं रोका. क्योंकि सिमरन अपनी क्षमता जानती है और उसी क्षमता के बल पर ही उसने यह तय किया है कि वह सीनियर खिलाड़ियों के साथ ज्यादा चैंपियनशिप में हिस्सा लेगी. सिमरन के पिता गुरप्रीत सिंह उनके बचपन को याद करते हुए कहते हैं कि जब छोटी थी तब उसने कहा था कि पापा दौड़ना है मुझे लगा बच्चे का शौक है एक दो दिन में उतर जाएगा लेकिन देखिए आज व कहां तक आ पहुंची है.

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प्रैक्टिस करती सिमरन कौर

ये भी पढ़ेंः इस गांव में बच्चा पैदा होने पर दी जाती है बास्केटबॉल, निकले हैं कई इंटरनेशनल खिलाड़ी

ओलंपिक है सिमरन का सपना

सिमरन का कहना है कि उनका सपना ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीतना है. जिसके लिए वो तैयारी में जुटी हैं और जब वक्त आएगा तो खुद को साबित करके दिखाएंगी.

चंडीगढ़ः कुछ करने का जुनून और सबकुछ हासिल करने का जज्बा हो तो इंसान क्या नहीं कर सकता. इसी जज्जे और जुनून की कहानी का दूसरा नाम है सिमरन कौर, सिमरन महज 17 साल की हैं और 12वीं क्लास में पढ़ती हैं. 11 साल की उम्र से एथलेटिक्स में हाथ आजमा रही सिमरन कौर 14 बार राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा ले चुकी हैं और 5 बार मेडल जीता है. उन्हें 11 बार चंडीगढ़ की बेस्ट एथलीट भी चुना गया है. लेकिन इस बार सिमरन की तारीफ इसलिए हो रही है कि उन्होंने अपने सीनियर खिलाड़ियों के साथ चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और गोल्ड हासिल किया.

मिल्खा सिंह से सिमरन को मिली तारीफ

अपने जमाने के शानदार एथलीट मिल्खा सिंह से सिमरन को काफी तारीफ मिली है. सिमरन ने बताया कि जब उन्होंने तिरुपति में राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लिया था और वहां मीट रिकॉर्ड बनाया था. उस वक्त उन खेलों को फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह ने भी देखा था और सिमरन को दौड़ते हुए देखकर उन्होंने सिमरन को बुलाकर खूब तारीफ की थी.

कहानी चंडीगढ़ की उस एथलीट की जिसने अपने सीनियर खिलाड़ियों को हराकर गोल्ड जीता

सिमरन की उपलब्धियां

  • अपने से सीनियर चैंपियनशिप में 100 मीटर में गोल्ड
  • 14 बार राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लिया
  • 5 बार राष्ट्रीय मेडल जीता
  • 11 बार चंडीगढ़ की बेस्ट एथलीट

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ये है सिमरन की दिनचर्या

11 साल की उम्र से एथलीट बनने का सपना देखने वाली सिमरन 17 साल की हैं और 12वीं क्लास में पढ़ती हैं वो दो ट्यूशन लेती हैं, सुबह दो घंटे प्रैक्टिस करती हैं और शाम को 4 घंटे प्रैक्टिस करती हैं. उनका पूरा दिन प्रैक्टिस और स्कूल में निकलता है. सिमरन कहती हैं कि ये आसान नहीं है लेकिन अब आदत सी हो गई है पूरा दिन बिजी शैड्यूल है कुछ और करने का वक्त ही नहीं मिलता है.

simran kaur
दौड़ लगाती सिमरन कौर

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सिमरन का अगला लक्ष्य ?

सिमरन ने कहा कि उनका अगला लक्ष्य है यूथ एशिया चैंपियनशिप में हिस्सा लेना. इसके लिए वो जीतोड़ मेहनत कर रही हैं. इसके लिए उनके माता-पिता भी उन्हें पूरा सपोर्ट कर रहे हैं. सिमरन ने कहा कि उनके माता-पिता पढ़ाई के लिए ज्यादा दबाव नहीं डालते हैं, वे कहते हैं पढ़ाई सामान्य तरीके से चलती रहे उतना ही ठीक है. इसलिए वे खेलों पर ज्यादा ध्यान दे पा रही हैं.

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सिमरन के पिता ने क्या कहा ?

सिमरन के पिता ने कहा कि सिमरन खुद ही सीनियर खिलाड़ियों के साथ खेलना चाहती है, इसलिए हमने उसे सीनियर गेम्स में हिस्सा लेने से नहीं रोका. क्योंकि सिमरन अपनी क्षमता जानती है और उसी क्षमता के बल पर ही उसने यह तय किया है कि वह सीनियर खिलाड़ियों के साथ ज्यादा चैंपियनशिप में हिस्सा लेगी. सिमरन के पिता गुरप्रीत सिंह उनके बचपन को याद करते हुए कहते हैं कि जब छोटी थी तब उसने कहा था कि पापा दौड़ना है मुझे लगा बच्चे का शौक है एक दो दिन में उतर जाएगा लेकिन देखिए आज व कहां तक आ पहुंची है.

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प्रैक्टिस करती सिमरन कौर

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ओलंपिक है सिमरन का सपना

सिमरन का कहना है कि उनका सपना ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीतना है. जिसके लिए वो तैयारी में जुटी हैं और जब वक्त आएगा तो खुद को साबित करके दिखाएंगी.

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