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Agnipath Protest: संयुक्त किसान मोर्चा का 24 जून को अग्निपथ योजना के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध का ऐलान

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Published : Jun 20, 2022, 9:45 PM IST

सेना भर्ती में शुरू की गई अग्निपथ योजना के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन को संयुक्त किसान मोर्चा ने समर्थन किया है. मोर्चा अगल 24 जून को राष्ट्रव्यापी विरोध करेगा. सोमवार को करनाल में हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में ये फैसला लिया गया.

samyukt Kisan Morcha against Agneepath scheme
samyukt Kisan Morcha against Agneepath scheme

चंडीगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा ने सेना में भर्ती की नई अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं के राष्ट्रव्यापी विरोध को समर्थन का ऐलान किया है. विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने इस योजना को जवान-विरोधी, किसान-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी बताया है. संयुक्त मोर्चा का कहना है कि जब केंद्र सरकार जय जवान जय किसान के नारे की भावना को तहस-नहस करने पर तुली है, ऐसे में किसान आंदोलन का कर्तव्य है कि वह जवानों के साथ इस संघर्ष में कंधे से कंधा जोड़कर खड़ा हो. इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा इस शुक्रवार यानि 24 जून को देशभर में विरोध दिवस मनाएगा. यह फैसला संयुक्त किसान मोर्चा की 7 सदस्य कोऑर्डिनेशन कमिटी ने सोमवार को करनाल में हुई बैठक में लिया.

इस योजना को देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ है, बल्कि देश के किसान परिवारों के साथ भी धोखा है. इस देश का जवान वर्दीधारी किसान है. अधिकांश सैनिक किसान परिवार से हैं. सेना की नौकरी लाखों किसान परिवारों के मान और आर्थिक संबल से जुड़ी है. यह देश के लिए शर्म का विषय है. वन रैंक वन पेंशन के वादे के साथ पूर्व सैनिकों की रैली से अपना विजय अभियान शुरू करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब नो रैंक नो पेंशन की इस योजना को लाद दिया है.

सेना में नियमित भर्ती में भारी कटौती उन किसान पुत्रों के साथ धोखा है जिन्होंने बरसों से फौज में सेवा करने का सपना संजोया था. यह संयोग नहीं है कि इस योजना में ऑल इंडिया ऑल क्लास के नियम से भर्ती करने पर उन सभी इलाकों से भर्ती में सबसे ज्यादा कटौती होगी जहां किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया था. किसान आंदोलन के हाथों अपनी पराजय से तिलमिलाई हुई इस सरकार का किसानों से बदला उतारने का एक और हथकंडा है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने अग्निवीर भर्ती की शुरुआत के दिन यानि शुक्रवार 24 जून को ही इस योजना के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाने का फैसला किया है. उस दिन 'जय जवान जय किसान' के नारे के साथ सभी जिला, तहसील या ब्लॉक मुख्यालय पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित कर सेना के सर्वोच्च कमांडर भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया जाएगा और केंद्र सरकार का पुतला दहन किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने इस योजना का विरोध कर रहे सभी युवाओं से अपील की है की वे इस शांतिपूर्ण विरोध दिवस की मर्यादा का सम्मान करते हुए इस विरोध दिवस से जुड़ें. मोर्चा ने देश के सभी जनसंगठनों, जनआंदोलनों और राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे भी इस विरोध दिवस में शामिल हों. संयुक्त किसान मोर्चा की आगामी राष्ट्रीय बैठक 3 जुलाई रविवार को गाजियाबाद में तय की गई है. इस बैठक में मोर्चा के आगामी कार्यक्रम और संगठन संबंधी फैसले लिए जाएंगे.

चंडीगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा ने सेना में भर्ती की नई अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं के राष्ट्रव्यापी विरोध को समर्थन का ऐलान किया है. विरोध प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बनाए रखने की अपील करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने इस योजना को जवान-विरोधी, किसान-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी बताया है. संयुक्त मोर्चा का कहना है कि जब केंद्र सरकार जय जवान जय किसान के नारे की भावना को तहस-नहस करने पर तुली है, ऐसे में किसान आंदोलन का कर्तव्य है कि वह जवानों के साथ इस संघर्ष में कंधे से कंधा जोड़कर खड़ा हो. इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा इस शुक्रवार यानि 24 जून को देशभर में विरोध दिवस मनाएगा. यह फैसला संयुक्त किसान मोर्चा की 7 सदस्य कोऑर्डिनेशन कमिटी ने सोमवार को करनाल में हुई बैठक में लिया.

इस योजना को देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ है, बल्कि देश के किसान परिवारों के साथ भी धोखा है. इस देश का जवान वर्दीधारी किसान है. अधिकांश सैनिक किसान परिवार से हैं. सेना की नौकरी लाखों किसान परिवारों के मान और आर्थिक संबल से जुड़ी है. यह देश के लिए शर्म का विषय है. वन रैंक वन पेंशन के वादे के साथ पूर्व सैनिकों की रैली से अपना विजय अभियान शुरू करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब नो रैंक नो पेंशन की इस योजना को लाद दिया है.

सेना में नियमित भर्ती में भारी कटौती उन किसान पुत्रों के साथ धोखा है जिन्होंने बरसों से फौज में सेवा करने का सपना संजोया था. यह संयोग नहीं है कि इस योजना में ऑल इंडिया ऑल क्लास के नियम से भर्ती करने पर उन सभी इलाकों से भर्ती में सबसे ज्यादा कटौती होगी जहां किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया था. किसान आंदोलन के हाथों अपनी पराजय से तिलमिलाई हुई इस सरकार का किसानों से बदला उतारने का एक और हथकंडा है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने अग्निवीर भर्ती की शुरुआत के दिन यानि शुक्रवार 24 जून को ही इस योजना के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस मनाने का फैसला किया है. उस दिन 'जय जवान जय किसान' के नारे के साथ सभी जिला, तहसील या ब्लॉक मुख्यालय पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित कर सेना के सर्वोच्च कमांडर भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया जाएगा और केंद्र सरकार का पुतला दहन किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने इस योजना का विरोध कर रहे सभी युवाओं से अपील की है की वे इस शांतिपूर्ण विरोध दिवस की मर्यादा का सम्मान करते हुए इस विरोध दिवस से जुड़ें. मोर्चा ने देश के सभी जनसंगठनों, जनआंदोलनों और राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे भी इस विरोध दिवस में शामिल हों. संयुक्त किसान मोर्चा की आगामी राष्ट्रीय बैठक 3 जुलाई रविवार को गाजियाबाद में तय की गई है. इस बैठक में मोर्चा के आगामी कार्यक्रम और संगठन संबंधी फैसले लिए जाएंगे.

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