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RBI के ब्याज दर घटाने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर को मंदी से उबरने की उम्मीद

भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 75 बीपीएस से कम करने से प्रमुख बैंकों की होम लोन की ब्याज दरें 7.2 प्रतिशत तक कम हो गई हैं. जानकारो के मुताबिक ये रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती और बढ़ावा देने का काम करेगा.

Real estate sector hope for recover from recession
प्रतीक मित्तल, सुषमा ग्रुप
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Published : Apr 25, 2020, 8:28 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना और लॉकडाउन के चलते देश के हर सेक्टर में लगातार मंदी में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर इस मंदी से अछूता नहीं है. लेकिन हाउस लोन की दर को कम किए जाने के बाद रियल स्टेट सेक्टर में फिर से एक उम्मीद जगी है.

रियल एस्टेट सेक्टर को मंदी से उबरने की जगी उम्मीद

रियल एस्टेट कंपनी सुषमा ग्रुप के एग्जुक्यूटिव डायरेक्टर प्रतीक मित्तल ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 75 बीपीएस से कम करने से प्रमुख बैंकों की होम लोन की ब्याज दरें 7.2 प्रतिशत तक कम हो गई हैं. ये रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती और बढ़ावा देने का काम करेगा. अगर हम 2004 में रेपो रेट के रुझानों को देखें तो ये दर 4.5 प्रतिशत के करीब थी और हमने रियल एस्टेट बाजार में भारी उछाल देखा था.

वहीं 2010 में भी रेपो रेट 4.3 प्रतिशत के करीब था और हमने तब भी बाजार में वृद्धि देखी. 2011 और 2016 के बीच के वर्षों में रेपो दरों ने 8 से 9 प्रतिशत के स्तर को छुआ. उन्होंने बताया कि अब रेपो दर फिर से घटकर 4.4 प्रतिशत हो गई है. आरबीआई के इस कदम से रियल एस्टेट सेक्टर को मंदी से उबरने में काफी सहायता मिलेगी.

ये भी पढ़ें- निलांबरी जगदाले EXCLUSIVE: इसी कोरोना वॉरियर पर है चंडीगढ़ की सुरक्षा का जिम्मा

चंडीगढ़: कोरोना और लॉकडाउन के चलते देश के हर सेक्टर में लगातार मंदी में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर इस मंदी से अछूता नहीं है. लेकिन हाउस लोन की दर को कम किए जाने के बाद रियल स्टेट सेक्टर में फिर से एक उम्मीद जगी है.

रियल एस्टेट सेक्टर को मंदी से उबरने की जगी उम्मीद

रियल एस्टेट कंपनी सुषमा ग्रुप के एग्जुक्यूटिव डायरेक्टर प्रतीक मित्तल ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 75 बीपीएस से कम करने से प्रमुख बैंकों की होम लोन की ब्याज दरें 7.2 प्रतिशत तक कम हो गई हैं. ये रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती और बढ़ावा देने का काम करेगा. अगर हम 2004 में रेपो रेट के रुझानों को देखें तो ये दर 4.5 प्रतिशत के करीब थी और हमने रियल एस्टेट बाजार में भारी उछाल देखा था.

वहीं 2010 में भी रेपो रेट 4.3 प्रतिशत के करीब था और हमने तब भी बाजार में वृद्धि देखी. 2011 और 2016 के बीच के वर्षों में रेपो दरों ने 8 से 9 प्रतिशत के स्तर को छुआ. उन्होंने बताया कि अब रेपो दर फिर से घटकर 4.4 प्रतिशत हो गई है. आरबीआई के इस कदम से रियल एस्टेट सेक्टर को मंदी से उबरने में काफी सहायता मिलेगी.

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