चंडीगढ़: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रदेश की गठबंधन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा के युवाओं का भविष्य प्रदेश सरकार अंधकार की ओर धकेल रही है. उन्होंने कहा कि नौकरियों के नतीजे लटकाने, ज्वॉइनिंग ना देने, पेपर लीक मामले को रफा-दफा करने में महारत हासिल करने वाली खट्टर सरकार युवाओं की नौकरी पर श्वेत पत्र जारी करे.
'युवाओं का भविष्य अंधकारमय'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने डिजिटल पत्रकार वार्ता आयोजित कर कहा कि प्रदेश सरकार ने हरियाणा के युवाओं का भविष्य अंधकारमय बना दिया है. 6 सालों तक नौकरियों के परिणाम अटकाने, परिणाम आने के बावजूद युवाओं को ज्वॉइनिंग ना देने और पेपर लीक के सभी मामलों को रफा-दफा करने में इस सरकार को विशेष महारत हासिल है.
उन्होंने कहा कि कच्चे कर्मचारियों को सरकारी महकमों से निकालने की मुहिम चला रखी है. जबकि निजी क्षेत्र में व्यापार व सब कंपनी ठप होने के कारण हजारों युवा नौकरी से हाथ धो बैठे हैं. सुरजेवाला ने कहा कि 1 लाख 10 हजार युवाओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है. हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने पिछले साढे 5 सालों से 9 कैटेगरी की 1538 पोस्ट का परिणाम लटकाया हुआ है. अब 6 साल के बाद नतीजे निकालने की बजाए इन सभी पोस्टों को खारिज करने की तैयारी सरकार की ओर से कर ली गई है.
उन्होंने कहा कि साल 2015 में प्रदेश सरकार ने व्यापक स्तर पर सरकारी नौकरियां देने की कवायद कर खूब वाहवाही लूटने का काम किया था. लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार का अब यह आलम है कि साढे 5 साल बीत चुके हैं व इन पदों के लिए लिखित परीक्षा व साक्षात्कार भी किए जा चुके हैं. बावजूद इसके 10 लाख के करीब हरियाणा के युवाओं को प्रदेश सरकार ने अधर में लटकाकर उनके भविष्य पर ग्रहण लगा दिया है.
'संस्कृत अध्यापक खा रहे ठोकरें'
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कई पदों का परिणाम घोषित होने के बाद भी उन्हें ज्वॉइनिंग नहीं दी जा रही. इसका सबसे बड़ा उदाहरण 523 पीजीटी संस्कृत अध्यापक हैं. जिनका विज्ञापन अप्रैल 2015 में निकाला गया और परिणाम 23 फरवरी 2017 को आया. पिछले ढाई वर्षों से ये पीजीटी संस्कृत अध्यापक दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. लेकिन उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री इन पदों के लिए नियुक्ति पत्र जारी नहीं करवा रहे.
'कच्चे कर्मचारियों को निकाल रही सरकार'
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बीचों-बीच पिछले 2 महीने में 1500 से अधिक कच्चे कर्मचारियों की नौकरी भी प्रदेश सरकार की ओर से बर्खास्त की जा चुकी है. मुख्यमंत्री सार्वजनिक तौर से निजी क्षेत्र को उपदेश दे रहे हैं कि वो अपने कर्मियों को नौकरी से ना निकाले लेकिन खुद वो कच्चे कर्मचारियों की नौकरियां बर्खास्त कर गरीब के पेट पर लात मारने का काम कर रहे हैं.
'पोर्टल को बताया लॉलीपॉप'
सुरजेवाला ने कहा कि उपमुख्यमंत्री द्वारा युवाओं को नौकरी देने के लिए एक पोर्टल लॉन्च कर भद्दा मजाक किया है. सरकार द्वारा इस तरह का पोर्टल बनाकर युवाओं को बेवकूफ बनाने का काम किया जा रहा है.
सुरजेवाला ने दावा किया कि एसएमआईई के अनुसार देश में मौजूदा समय में 70% व हरियाणा में 50% बेरोजगारी पार कर चुकी है तो प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को हटा वेब पोर्टल का लॉलीपॉप दे रही है.
'श्रमिक ट्रेनों का बंदोबस्त करे सरकार'
रणदीप सुरजेवाला ने जगह-जगह मजदूरों की दयनीय स्थिति पर कहा कि प्रदेश सरकार ने मजदूरों के अपने मूल प्रदेशों में जाने के लिए खास प्रबंध नहीं किए हैं. कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रदेश की सरकार को 4200000 रुपये की पहली किस्त सौंपी जा चुकी है. ताकि प्रदेश सरकार इन श्रमिकों के लिए श्रमिक ट्रेनों की व्यवस्था करे जिससे ये श्रमिक बिना किराए के अपने मूल प्रदेश पहुंच सके. सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ये बताना चाहिए कि उनकी ओर से कितनी श्रमिक ट्रेनों का बंदोबस्त किया गया.
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