चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को यहां प्रशासनिक सचिवों और जिला उपायुक्तों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान सीएम ने कहा कि हर साल की तरह इस बार भी खरीफ विपणन सीजन 2022-23 के खरीद कार्यों का निर्बाध और परेशानी मुक्त संचालन सुनिश्चित किया जाए. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में सरकारी खरीद एजेंसियों के अध्यक्ष भी शामिल हुए. बैठक में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल भी मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में खरीफ फसलों की खरीद (Purchase of Kharif crops in Haryana) शनिवार से होगी. इसलिए उचित परिवहन सुविधाओं के साथ मॉइश्चर मीटर, तौल तराजू, समय पर उठान, सीसीटीवी कैमरे की स्थापना और मंडी के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करना सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि चूंकि खरीद आरंभ होने से एक सप्ताह पहले हुई बेमौसम बारिश से उन किसानों को परेशानी हो रही है जो अपनी फसल पहले ही मंडियों में ला चुके हैं, इसलिए संबंधित अधिकारी सुनिश्चित करें कि खरीद से पहले ऐसी फसलें पूरी तरह से सूखी हों. उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि खरीद के लिए लाई गई फसल में नमी की मात्रा निर्धारित 17 प्रतिशत के भीतर हो. उन्होंने निर्देश दिए कि नमी मीटरों की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए. पुराने मीटरों को भी डिजिटल मीटर से बदला जाना चाहिए. अधिकांश मंडियों में डिजिटल नमी मीटर लगाए गए हैं, लेकिन किसानों की संतुष्टि के लिए मैनुअल मीटर भी रखे जाने चाहिए. किसानों की संतुष्टि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रशासनिक सचिवों के अलावा जिला उपायुक्त भी नियमित रूप से मंडियों का दौरा कर परेशानी मुक्त खरीद सुनिश्चित करें. किसानों की शिकायतों का समय से निस्तारण किया जाए. मिल मालिकों के साथ बैठक कर धान का वितरण पारदर्शी तरीके से किया जाए. खरीद का दैनिक डाटा भी अपडेट किया जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फसल स्टॉक की निकासी भी नियमित आधार पर की जाए. इसके लिए उपायुक्त मंडियों का नियमित निरीक्षण करें. उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि किसानों को अपनी फसल लाने का समय भी समय पर सुनिश्चित किया जाए और हर मण्डी में फसल उठान की पर्याप्त व्यवस्था की जाए. मंडियों में भीड़भाड़ से बचने के लिए प्रत्येक मंडियों के पास अतिरिक्त खरीद केंद्र भी स्थापित किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों, विपणन बोर्ड, मिल मालिकों, आढ़तियों और मंडियों के लिए अलग-अलग एसओपी भी तैयार की जाए. इसके अलावा, महत्वपूर्ण जानकारी के साथ पोस्टर भी मंडियों में वितरित किए जाने चाहिए. मनोहर लाल ने कहा कि खरीद व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए प्रशासनिक सचिवों को व्यक्तिगत रूप से मंडियों का दौरा करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मंडियों में आने वाले किसानों को कोई समस्या न हो.
बाजरा खरीद का लक्ष्य निर्धारित करें- मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले दिन से ही बाजरे की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया जाए. किसानों को एमएसपी और नीलामी दरों के बीच का अंतर दिया जाएगा.
किसानों को 72 घंटे के अंदर होगा भुगतान- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक किसान को समय पर भुगतान सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए प्रत्येक संबंधित अधिकारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भुगतान 72 घंटों के भीतर हो जाए. आई-फॉर्म के अनुमोदन से 72 घंटों के भीतर भुगतान ऑनलाइन होना चाहिए.
सरकार का लक्ष्य लगभग 55 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करना है- मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि इस सीजन के लिए सरकार का लक्ष्य लगभग 55 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करना है. खरीफ फसलों की खरीद भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाएगी. धान (सामान्य) के लिए 2040 रुपये प्रति क्विंटल, धान (ग्रेड-ए) के लिए 2060 रुपये प्रति क्विंटल और बाजरा के लिए 2350 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी तय किया गया है. विपणन सत्र 2022-23 के दौरान धान, बाजरा, मक्का, मूंग, सूरजमुखी, मूंगफली, तिल, अरहर और उड़द आदि फसलों की खरीद की जाएगी.
किसानों के लिए ई खरीद हरियाणा मोबाइल ऐप लॉन्च- मुख्यमंत्री ने किसानों की सुविधा के लिए ई खरीद हरियाणा मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया. यह द्विभाषी ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और इसमें किसानों को पंजीकृत फसलों की संख्या, गेट पास और खरीद के लिए लायी जा सकने वाली फसल की मात्रा के बारे में वास्तविक जानकारी मिलेगी है. कोई भी किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल (Kisan Meri Fasal Mera Byora Portal) पर पंजीकृत अपने मोबाइल नंबर दर्ज करके ये विवरण प्राप्त कर सकता है. इस ऐप पर किसान अपनी शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा, इस ऐप के माध्यम से, किसान तुरंत कहीं भी, कभी भी जे-फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं. वह भुगतान की स्थिति भी देख सकते हैं. किसानों की मदद के लिए एक टोल फ्री नंबर भी साझा किया गया है. एप में जिला-विशिष्ट सूचनाएं भेजने की सुविधा भी है.