चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका की एक याचिका पर केंद्र सरकार ने जवाब नहीं दिया. जिसके बाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार पर 1000 रुपये का जुर्माना लगा दिया और 7 दिन के भीतर जवाब दायर करने के निर्देश दिए. खेमका ने हाईकोर्ट में याचिका केंद्र में सेवाएं देने के संबंध में दायर की है.
हाईकोर्ट ने 24 अगस्त को केंद्र सरकार को 10 दिन के भीतर जवाब दायर करने को कहा था. लेकिन वीरवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से जवाब दायर करने के लिए समय की मांग की गई. जिसके बाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार पर 1000 रुपये का जुर्माना लगा दिया. हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब देने के निर्देश दिए.
खेमका ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण चंडीगढ़ बेंच के उस आदेश को चुनौती दी है. जिसके तहत केंद्र में अतिरिक्त सचिव बनाने की उनकी मांग को खारिज कर दिया गया था. खेमका का कहना है कि उन्हें केंद्र में सेवाएं देनी है. ऐसे में उन्हें केंद्र में अतिरिक्त सचिव या समकक्ष पद पर नियुक्ति दी जाए. उन्होंने कई बार केंद्र में अतिरिक्त सचिव बनाए जाने के लिए आवेदन दिया है. लेकिन बार-बार उनका आवेदन रद्द कर दिया गया.
उन्होंने तीन अन्य अफसरों के नाम दिए. जिन्होंने आवेदन भी नहीं किया था. लेकिन फिर भी उन्हें केंद्र में अतिरिक्त सचिव बना दिया गया. कैट ने खेमका की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि केंद्र का कैडर EX-CADRE है. यहां पर नियुक्ति के लिए कोई दावा नहीं कर सकता.
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ये अक्सर देखा जाता है कि केंद्र की इंपैनलमेंट के लिए आवेदन किया जाता है. लेकिन दावा करने के स्थान पर याचिकाकर्ता को इसके लिए अपनी सेवाओं के स्तर पर और अधिक बेहतर कार्य करना चाहिए. एक्स कैडर में नियुक्ति के लिए न्यूनतम 3 साल का डिप्टी सेक्रेटरी पद का अनुभव अनिवार्य है. कैट द्वारा याचिका खारिज किए जाने को अशोक खेमका ने लगातार गलत करार देते हुए हाईकोर्ट से कैट के आदेश को रद्द करने की अपील की है. इस पर हाईकोर्ट ने केंद्र से एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.