चंडीगढ़: दुनियाभर में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day 2022) के रूप में मनाया जाता है जो पर्यावरण को समर्पित होता है. इस दिन को मनाने का उदेश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का है और पर्यावरण का किस तरह बचाव किया जा सकता है इस बारे में लोगों को बताया जाता है. बता दें, आज पर्यावरण और प्रकृति को इस तरीके से नुकसान पहुंचाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में यह इंसानों के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है. इसीलिए पर्यावरण की रक्षा बेहद जरूरी है.
एनवायरनमेंट डे थीम 'वन अर्थ': इस समय सभी देश लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने में तरह-तरह की मुहिम चला रहे हैं और विश्व पर्यावरण दिवस भी इन्हीं में से एक है. वहीं इस अवसर पर ईटीवी भारत की टीम से खास बातचीत के दौरान पंजाब यूनिवर्सिटी की पर्यावरण विभाग की एचओडी प्रोफेसर सुमन मोर (PU Professor Suman Mor) ने बताया कि पर्यावरण की रक्षा आज बेहद जरूरी है लेकिन इसके बावजूद लोग पर्यावरण को लेकर ज्यादा जागरूक दिखाई नहीं देते. इस साल एनवायरनमेंट डे की थीम 'वन अर्थ' रखी गई है यानी धरती हम सब की है और इसको सुरक्षित रखना भी हमारी जिम्मेदारी है. इसके लिए कोई एक व्यक्ति या कोई एक संस्था अकेले सफल नहीं हो सकती बल्कि हम सबको इसमें शामिल होना होगा.
हर रोज पर्यावरण के लिए काम करना जरूरी: अगर पर्यावरण को बचाना है तो साल में एक दिन पर्यावरण दिवस मना कर कुछ नहीं होगा, बल्कि हमें हर रोज पर्यावरण के लिए काम करना होगा. पर्यावरण को बचाने के लिए पौधे लगाना सबसे महत्वपूर्ण काम है ( Importance of Environment Day) और इस काम को लोगों के जीवन में उतारना होगा. हमें भारत की संस्कृति को पहले की तरह अपनाना होगा. क्योंकि भारतीय संस्कृति में पेड़ पौधों और प्रकृति का सम्मान करना सिखाया गया है. अगर हम प्रकृति का सम्मान करेंगे तो प्रकृति हमारी रक्षा करेगी.
हर कार्यक्रम में पौधारोपण शामिल करना आवश्यक: उन्होंने कहा कि हमें पौधारोपण को एक ऐसा काम बनाना होगा जो हमारी जिंदगी की जरूरी कामों में शामिल हो. जैसे हम घर में तीज त्यौहार मनाते हैं (Suman Mor On World Environment Day) , पूजा पाठ करते हैं या किसी समारोह का आयोजन करते हैं, उसी तरह इन सभी कामों में हमें पौधारोपण को भी शामिल करना चाहिए या जब भी हम घर में ऐसा कोई काम करें तो उसमें पौधारोपण भी करें. प्रोफेसर सुमन मोर ने कहा की पौधारोपण करने के साथ-साथ हमें यह भी देखना होगा कि पौधों को बड़ा होने तक हमें उनकी देखभाल भी करनी है.
वृक्षारोपण में बच्चों को शामिल करना जरूरी: ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम कोई पौधा लगाएं और बाद में उसकी देखरेख ना करें. इससे वह पौधा कुछ ही दिनों में मर जाएगा और पौधारोपण का कोई फायदा नहीं होगा. इसके अलावा हमें एक और जरूरी काम करना चाहिए. पौधारोपण को बच्चों की जिंदगी का अभिन्न अंग बनाना चाहिए बच्चों को बचपन से ही पौधारोपण का महत्व बताना चाहिए और उनसे पौधे भी लगवाने चाहिए. साथ ही साथ बच्चों से यह भी पूछना चाहिए कि उन्होंने जो पौधा लगाया था. उसकी स्थिति क्या है. वह पौधा अब कितना बड़ा हो गया है.
पौधों की कटाई से पर्यावरण में बदलाव: इससे बच्चों के मन में पौधों के लिए प्यार बढ़ेगा और वे पौधों की देखभाल भी करेंगे अगर बच्चों का लगाया एक पौधा बड़ा होगा तो उन्हें और ज्यादा पौधे लगाने की इच्छा होगी और बच्चे बचपन से ही पर्यावरण से जुड़ जाएंगे. उन्होंने कहा कि पौधों की कटाई होने से पर्यावरण में तेजी से बदलाव आ रहा है. गर्मियां ज्यादा लंबी हो गई है. गर्मियां पहले ही शुरू हो रही है और तेज गर्मी पड़ रही है. यह पर्यावरण में बदलाव का ही नतीजा है.
सभी को पर्यावरण की रक्षा करना जरूरी: गर्मी की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है. हमें यह समझना चाहिए कि अगर हमने पर्यावरण की रक्षा नहीं की तो हमारा खुद का जीवन खतरे में पड़ जाएगा. हमें भारतीय संस्कृति पर चलते हुए पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं का सम्मान करना चाहिए और उन सब की रक्षा करनी चाहिए यही एकमात्र ऐसा रास्ता है. जिससे हम पर्यावरण को बचा सकते हैं.