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जेजेपी का किसानों को खुला समर्थन हरियाणा सरकार के लिए बन सकता है संकट

पंजाब से उठी किसान आंदोलन की चिंगारी दिल्ली के दर पर शोला बनकर धधक रही है. अगर इसे जल्द शांत नहीं किया गया तो हरियाणा सरकार पर भी संकट आने के आसार हैं.

problems in haryana government
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Published : Dec 2, 2020, 9:25 PM IST

Updated : Dec 3, 2020, 3:32 PM IST

चंडीगढ़ः 1 दिसंबर को घंटों तक किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत हुई. लेकिन कोई हल नहीं निकला और तय हुआ कि 3 दिसंबर को फिर से बातचीत होगी. लेकिन 1 दिसंबर को ही हरियाणा सरकार से एक निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया. एक दिन पहले ही सोमबीर सांगवान ने पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन के पद से भी इस्तीफा दिया था. इससे पहले जब ये तीन कृषि कानून लाए गए थे उस वक्त भी एक और निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अपना समर्थन वापस ले लिया था. हालांकि इनके समर्थन वापस लेने के बाद भी सरकार पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ेगा.

अजय चौटाला के बयान ने बढ़ाई सरगर्मी

हरियाणा में बीजेपी ने जेजेपी के समर्थन से सरकार बनाई है जिसके 10 विधायक हैं और जेजेपी के संयोजक और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला ने कहा है कि जब कृषि मंत्री और प्रधानमंत्री खुद कह चुके हैं कि एमएसपी खत्म नहीं हो रही तो कानून में लिखने में क्या दिक्कत है. आगे उन्होंने कहा कि अगर किसान अपनी फसल के न्यूनतम दाम की गारंटी चाहते हैं तो इसमें गलत भी क्या है.

जेल और बिजली मंत्री ने भी किसानों के हक में बयान दिया

चौटाला परिवार से ही आने वाले लेकिन रानिया से निर्दलीय चुनाव जीते रणजीत चौटाला हरियाणा सरकार में जेल और बिजली मंत्री हैं. उन्होंने कहा कि किसान जिस मांग को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं वो जायज हैं और उन्हीं मांगों को लेकर किसान खुले आसमान के नीचे सड़क पर रात को कड़ाके की ठंड में पड़े हैं और उनके हालात बुरे हो रहे हैं.

दिग्विजय चौटाला ने किसानों के मुकदमे वापस करने की मांग की

जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि हरियाणा सरकार उन मुकदमों को वापस ले जो दिल्ली कूच के वक्त उन पर दायर किए गए हैं इसके लिए वो गृह मंत्री से भी मुलाकात करेंगे. उसके बाद हम मुख्यमंत्री से भी इस मांग को लेकर मिलेंगे.

farmer protest
दिल्ली जाने की कोशिश करते किसान

दिग्विजय चौटाला ने भी कहा किसानों की बात मान लो

ईटीवी भारत से बात करते हुए दिग्विजय चौटाला ने कहा कि पिछले 3-4 दिन से किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं और हालात समान्य नहीं हैं. उन्होंने आगे कहा कि किसान के मन में जो दुविधा है सरकार को उसे खत्म करना चाहिए और जो उनकी मांग है उसके अनुरूप आगे बढ़ना चाहिए. दिग्विजय चौटाला ने कहा कि सरकार पहले भी तो एमएसपी दे रही है तो किसानों की इस मांग को मान लेना चाहिए.

farmer and police
आमने-सामने पुलिस और किसान

ये भी पढ़ेंः पीएम ने कहा है MSP जारी रहेगी तो कानून में डालने में क्या दिक्कत: अजय चौटाला

सरकार का गणित क्या है ?

हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 46 सीटें चाहिए होती हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 41 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी जिसके बाद उन्हें जेजेपी के समर्थन से सरकार बनानी पड़ी जिसके 10 विधायक हैं इसके अलावा सरकार को 2019 में 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल था जिनमें से 2 ने अब समर्थन वापस ले लिया है और खाप पंचायतों का कहना है कि वो बाकी निर्दलीय विधायकों पर भी समर्थन वापस लेने का दबाव बनाएंगे. फिलहाल सरकार के पास गोपाल कांडा को मिलाकर 56 विधायकों का समर्थन है कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं और इनेलो का एक विधायक है.

farmer protest water cannon
प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पानी की बौछार करती पुलिस

ये भी पढ़ेंः बिजली मंत्री रणजीत चौटाला का बयान, किसानों की मांगें जायज हैं

संकट में हरियाणा सरकार ?

फिलहाल तो हरियाणा सरकार पर किसी प्रकार का संकट नजर नहीं आता लेकिन जिस तरीके से जेजेपी के तेवर बदल रहे हैं और रणजीत चौटाला का बयान आया है उससे राजनीतिक पंडित ये अंदाजा लगा रहे हैं कि अगर सरकार और किसानों में तकरार बढ़ी तो सबसे पहले हरियाणा में बीजेपी को इसका राजनीतिक रूप से सामना करना पड़ सकता है क्योंकि जेजेपी के वोट बैंक का बड़ा हिस्सा किसान है तो वो किसी भी हालत में अपने वोट बैंक की नजर में विलेन नहीं बनना चाहेगी. जिसकी बानगी है कृषि कानूनों पर बदला उनका मत, क्योंकि पहले वो लगातार इन कानूनों को किसानों के लिए फायदेमंद बता रहे थे लेकिन अब कह रहे हैं कि जो किसान चाहते हैं वो सुधार कर देने चाहिए. रणजीत चौटाला भी यही कह रहे हैं तो अगर सरकार और किसानों में तकरार बढ़ी तो हरियाणा सरकार पर भी संकट के बादल छा सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः सरकार को MSP पर किसानों की बात मान लेनी चाहिए: दिग्विजय चौटाला

चंडीगढ़ः 1 दिसंबर को घंटों तक किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत हुई. लेकिन कोई हल नहीं निकला और तय हुआ कि 3 दिसंबर को फिर से बातचीत होगी. लेकिन 1 दिसंबर को ही हरियाणा सरकार से एक निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया. एक दिन पहले ही सोमबीर सांगवान ने पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन के पद से भी इस्तीफा दिया था. इससे पहले जब ये तीन कृषि कानून लाए गए थे उस वक्त भी एक और निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अपना समर्थन वापस ले लिया था. हालांकि इनके समर्थन वापस लेने के बाद भी सरकार पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ेगा.

अजय चौटाला के बयान ने बढ़ाई सरगर्मी

हरियाणा में बीजेपी ने जेजेपी के समर्थन से सरकार बनाई है जिसके 10 विधायक हैं और जेजेपी के संयोजक और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला ने कहा है कि जब कृषि मंत्री और प्रधानमंत्री खुद कह चुके हैं कि एमएसपी खत्म नहीं हो रही तो कानून में लिखने में क्या दिक्कत है. आगे उन्होंने कहा कि अगर किसान अपनी फसल के न्यूनतम दाम की गारंटी चाहते हैं तो इसमें गलत भी क्या है.

जेल और बिजली मंत्री ने भी किसानों के हक में बयान दिया

चौटाला परिवार से ही आने वाले लेकिन रानिया से निर्दलीय चुनाव जीते रणजीत चौटाला हरियाणा सरकार में जेल और बिजली मंत्री हैं. उन्होंने कहा कि किसान जिस मांग को लेकर दिल्ली कूच कर रहे हैं वो जायज हैं और उन्हीं मांगों को लेकर किसान खुले आसमान के नीचे सड़क पर रात को कड़ाके की ठंड में पड़े हैं और उनके हालात बुरे हो रहे हैं.

दिग्विजय चौटाला ने किसानों के मुकदमे वापस करने की मांग की

जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि हरियाणा सरकार उन मुकदमों को वापस ले जो दिल्ली कूच के वक्त उन पर दायर किए गए हैं इसके लिए वो गृह मंत्री से भी मुलाकात करेंगे. उसके बाद हम मुख्यमंत्री से भी इस मांग को लेकर मिलेंगे.

farmer protest
दिल्ली जाने की कोशिश करते किसान

दिग्विजय चौटाला ने भी कहा किसानों की बात मान लो

ईटीवी भारत से बात करते हुए दिग्विजय चौटाला ने कहा कि पिछले 3-4 दिन से किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं और हालात समान्य नहीं हैं. उन्होंने आगे कहा कि किसान के मन में जो दुविधा है सरकार को उसे खत्म करना चाहिए और जो उनकी मांग है उसके अनुरूप आगे बढ़ना चाहिए. दिग्विजय चौटाला ने कहा कि सरकार पहले भी तो एमएसपी दे रही है तो किसानों की इस मांग को मान लेना चाहिए.

farmer and police
आमने-सामने पुलिस और किसान

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सरकार का गणित क्या है ?

हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 46 सीटें चाहिए होती हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 41 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी जिसके बाद उन्हें जेजेपी के समर्थन से सरकार बनानी पड़ी जिसके 10 विधायक हैं इसके अलावा सरकार को 2019 में 6 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी हासिल था जिनमें से 2 ने अब समर्थन वापस ले लिया है और खाप पंचायतों का कहना है कि वो बाकी निर्दलीय विधायकों पर भी समर्थन वापस लेने का दबाव बनाएंगे. फिलहाल सरकार के पास गोपाल कांडा को मिलाकर 56 विधायकों का समर्थन है कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं और इनेलो का एक विधायक है.

farmer protest water cannon
प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पानी की बौछार करती पुलिस

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संकट में हरियाणा सरकार ?

फिलहाल तो हरियाणा सरकार पर किसी प्रकार का संकट नजर नहीं आता लेकिन जिस तरीके से जेजेपी के तेवर बदल रहे हैं और रणजीत चौटाला का बयान आया है उससे राजनीतिक पंडित ये अंदाजा लगा रहे हैं कि अगर सरकार और किसानों में तकरार बढ़ी तो सबसे पहले हरियाणा में बीजेपी को इसका राजनीतिक रूप से सामना करना पड़ सकता है क्योंकि जेजेपी के वोट बैंक का बड़ा हिस्सा किसान है तो वो किसी भी हालत में अपने वोट बैंक की नजर में विलेन नहीं बनना चाहेगी. जिसकी बानगी है कृषि कानूनों पर बदला उनका मत, क्योंकि पहले वो लगातार इन कानूनों को किसानों के लिए फायदेमंद बता रहे थे लेकिन अब कह रहे हैं कि जो किसान चाहते हैं वो सुधार कर देने चाहिए. रणजीत चौटाला भी यही कह रहे हैं तो अगर सरकार और किसानों में तकरार बढ़ी तो हरियाणा सरकार पर भी संकट के बादल छा सकते हैं.

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Last Updated : Dec 3, 2020, 3:32 PM IST
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