चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि प्रदेश में गेहूं की फसल में पीला रतुआ नामक बीमारी की आशंका को देखते हुए इसके नियंत्रण के लिए विभाग की ओर से तैयारी कर ली गई हैं.
50 प्रतिशत अनुदान पर दवाई उपलब्ध उपलब्ध करवाई जाएगी
इस कड़ी में पीला रतुआ को रोकने के लिए किसानों को सरकारी संस्थानों के माध्यम से 50 प्रतिशत अनुदान पर दवाई उपलब्ध करवाने का प्रबंध किया गया है. कृषि मंत्री ने किसानों, विस्तार एजेंसियों, अधिकारियों और राज्य कृषि विभागों के स्टाफ, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों को निर्देश दिए हैं कि वे नियमित रूप से खेतों में जाकर गेहूं में पीले रतुए की जांच करें तथा इसके बारे में सतर्क रहें.
गेहूं की फसल में पीला रतुआ की आशंका
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने चंडीगढ़ में कहा कि प्रदेश में गेहूं की फसल में पीला रतुआ नामक बीमारी की आशंका को देखते हुए इसके नियंत्रण के लिए विभाग की ओर से तैयारी कर ली गई है.
ऐसे करें बचाव
उन्होंने किसानों को आह्वान करते हुए कहा कि खेतों में पीले रतुए के आने पर किसान अपने खेतों में 200 मिलीलीटर प्रोपेक्रोनैजोल 25% ईसी दवाई को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से प्रभावित फसल व आस-पास के क्षेत्र में छिड़काव करें और यदि मौसम रोग फैलाने के अनुकूल हो तो इस छिड़काव को 10-15 दिन के अंतराल के बाद दोहराएं. उन्होंने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर दवाई उपलब्ध करवाने का प्रबंध किया गया है, जिसकी अधिकतम सीमा 500 रुपये प्रति हेक्टेयर है.
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अनुदान प्राप्त करने के लिए किसान संबंधित संस्थानों जैसे हैफेड, हरियाणा भूमि सुधार विकास निगम, हरियाणा कृषि उद्योग निगम और हरियाणा बीज विकास निगम से पूरी कीमत में दवाई खरीद कर उसका बिल और बैंक खाते का विवरण अपने क्षेत्र के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कार्यालय में प्रस्तुत करें. ताकि अनुदान राशि सीधे उनके बैंक खाते में डाली जा सके. कृषि मंत्री ने पीला रतुआ के संक्रमण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 0-5 पौधों पर एक गोल दायरे में होता है और ये खेत में आगे फैलता है.
गेहूं की पीबीडब्लू 343, पीबीडब्ल्य 373, डब्ल्यूएच 147, पीबीडब्लू 550, एचडी 2967, डीबीडब्ल्यू 88, एचडी 3059, डब्ल्यूएच 1021 और सी 306 जैसी किस्मों में पीले रतुए का प्रकोप होने की संभावना है. इसलिए खेतों में ठीक प्रकार से नजर रखनी चाहिए.