चंडीगढ़: सेक्टर 32 में हुए पीजी हादसे को लेकर प्रशासन ने चंडीगढ़ में पीजी चलाने वालों के लिए सख्त नियम जारी कर दिए हैं. साथ में ये भी निर्देश दिए हैं कि चंडीगढ़ में वही व्यक्ति पीजी चला सकता है जो इन सभी नियमों को पूरा करता हो. जैसे घर का आकार 7.5 मरले से ज्यादा हो. पीजी में रहने वाले हर बच्चे के हिस्से में कम से कम 50 स्केयर फिट जगह आए और उस पीजी में आग से निपटने के लिए सुरक्षा के सभी प्रबंध किए गए हो.
चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने प्रशासन की इस सख्ती का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि वो पीजी हादसे में शिकार हुईं लड़कियों के प्रति संवेदन व्यक्त करते हैं और उन्हें इस बात का गहरा दुख भी है कि जो बच्चे चंडीगढ़ में पढ़ने और कुछ बनने के लिए आए थे वे चंडीगढ़ से मौत लेकर गए.
उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर भारत से बच्चे यहां पर पढ़ने आ रहे हैं. ऐसे में बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी बनती है लेकिन शायद चंडीगढ़ प्रशासन ने इस में लापरवाही बरती इस वजह से ये हादसा हो गया. हालांकि चंडीगढ़ प्रशासन ने इस हादसे के बाद पीजी के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है और इसके लिए कई नियम भी जारी कर दिए हैं.
प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि वो पीजी मालिकों को कम से कम 1 महीने का वक्त दें. ताकि वो सभी नियमों को पूरा कर सकें. इसके अलावा प्रशासन ने आग से बचाव के लिए भी कई नियम जारी किए हैं. जिन्हें हर किसी के लिए 100 फीसदी पूरा करना संभव नहीं है. इसलिए प्रशासन उन नियमों में थोड़ी ढील दे लेकिन बच्चों की सुरक्षा से भी समझौता ना करें. इससे बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ पीजी मालिकों को भी सभी नियमों को पूरा करने में आसानी होगी.
इसके अलावा प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि अगर चंडीगढ़ प्रशासन को चंडीगढ़ से पीजी कल्चर को कम करना है तो उन्हें बच्चों के लिए हॉस्टल्स का निर्माण करवाया जाना चाहिए. ताकि बच्चों को पीजी ना लेना पड़े और वे सुरक्षित माहौल में अपनी पढ़ाई कर सकें.
ये भी पढ़ें- फरीदाबाद के कई इलाकों में दंगों की अफवाह पर पुलिस ने दिया सुरक्षा का भरोसा