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चंडीगढ़ प्रशासन के ट्यूशन फीस जमा करवाने के आदेश के खिलाफ HC में याचिका

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Published : May 22, 2020, 11:30 AM IST

चंडीगढ़ प्रशासन के एक आदेश के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. यचिका में चंडीगढ़ प्रशासन के 31 मई तक स्कूलों की ट्यूशन फीस जमा करवाने के आदेश को चुनौती दी गई है.

punjab haryana high court
ट्यूशन फीस जमा करवाने के आदेश के खिलाफ HC में याचिका

चंडीगढ़: चंडीगढ़ प्रशासन ने अभिभावकों के लिए आदेश जारी किया है कि 31 मई तक स्कूलों की ट्यूशन फीस जमा करवाई जाए. जिसको लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के वकील पंकज चांदगोठिया द्वारा एक जनहित याचिका दायर की गई है.

याचिका में कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण लोगों का काम बंद है. जिस कारण हर माता-पिता सक्षम नहीं है कि वो फीस जमा करवा सके. इसलिए प्रशासन को इस बारे में भी सोचना चाहिए.

चंडीगढ़ प्रशासन के ट्यूशन फीस जमा करवाने के आदेश के खिलाफ HC में याचिका

वकील पंकज चांदगोठिया ने कहा कि स्कूलों ने फरवरी और मार्च में ही एडमिशन फीस ली है और हर साल 200 बच्चे एक स्कूल में एडमिशन लेते हैं. जहां किसी से 50 हजार तो किसी से 1 लाख रुपये तक एडमिशन फीस ली जाती है. ऐसे में स्कूलों का बजट करोड़ों तक पहुंच जाता है. जिसमें वो आने वाले कई महीनों तक स्कूल का खर्चा चला सकते हैं.

इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि छात्र अभी स्कूल नहीं जा रहे हैं. इस कारण उनका लाखों में आने वाला बिजली का बिल भी बच रहा है. ऐसे में सिर्फ ऑनलाइन क्लासेस दे रहे अध्यापकों को तनख्वाह देने की बात की जा रही है. वो बिल्कुल गलत है.

आपको बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन द्वारा एक याचिका पहले ही दायर की गई है. जिसमें ये मांग की गई थी कि स्कूलों के और भी कई खर्चे होते हैं. कई लोग होते हैं जिसकी अदायगी के लिए उन्हें पैसों की जरूरत है. इसलिए प्रशासन माता-पिता को आदेश दें कि वो स्कूलों की फीस भरें.

ये भी पढ़ें- विधानसभा स्पीकर की मीटिंग में बोले विधायक, कोरोना काल में फोन तक नहीं उठाते अधिकारी

चंडीगढ़: चंडीगढ़ प्रशासन ने अभिभावकों के लिए आदेश जारी किया है कि 31 मई तक स्कूलों की ट्यूशन फीस जमा करवाई जाए. जिसको लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के वकील पंकज चांदगोठिया द्वारा एक जनहित याचिका दायर की गई है.

याचिका में कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण लोगों का काम बंद है. जिस कारण हर माता-पिता सक्षम नहीं है कि वो फीस जमा करवा सके. इसलिए प्रशासन को इस बारे में भी सोचना चाहिए.

चंडीगढ़ प्रशासन के ट्यूशन फीस जमा करवाने के आदेश के खिलाफ HC में याचिका

वकील पंकज चांदगोठिया ने कहा कि स्कूलों ने फरवरी और मार्च में ही एडमिशन फीस ली है और हर साल 200 बच्चे एक स्कूल में एडमिशन लेते हैं. जहां किसी से 50 हजार तो किसी से 1 लाख रुपये तक एडमिशन फीस ली जाती है. ऐसे में स्कूलों का बजट करोड़ों तक पहुंच जाता है. जिसमें वो आने वाले कई महीनों तक स्कूल का खर्चा चला सकते हैं.

इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि छात्र अभी स्कूल नहीं जा रहे हैं. इस कारण उनका लाखों में आने वाला बिजली का बिल भी बच रहा है. ऐसे में सिर्फ ऑनलाइन क्लासेस दे रहे अध्यापकों को तनख्वाह देने की बात की जा रही है. वो बिल्कुल गलत है.

आपको बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन द्वारा एक याचिका पहले ही दायर की गई है. जिसमें ये मांग की गई थी कि स्कूलों के और भी कई खर्चे होते हैं. कई लोग होते हैं जिसकी अदायगी के लिए उन्हें पैसों की जरूरत है. इसलिए प्रशासन माता-पिता को आदेश दें कि वो स्कूलों की फीस भरें.

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