चंडीगढ़: भले ही कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो महीनों से विवाह शादियों के सभी कार्यक्रम बंद हैं, मैरिज पैलेस, वेडिंग प्लानर या संबंधित वेबसाइट ठप पड़े हैं, लेकिन अभी भी रोजाना लगभग दो दर्जन से अधिक प्रेमी जोड़े सुरक्षा की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में पहुंच रहे हैं.
कोर्ट में आ रहे एक चौथाई केस प्रेमी जोड़ों के
लॉकडाउन के कारण आजकल हाई कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मामलों की सुनवाई हो रही है. हाई कोर्ट में रोजाना 100 से 120 के बीच नए केस आ रहे हैं जिनमें से करीब एक चौथाई केस प्रेमी जोड़ों के आ रहे हैं जो अपने परिजनों से जान को खतरा बताकर हाई कोर्ट से सुरक्षा की मांग करते हैं. वहीं हाई कोर्ट के द्वारा ऐसे मामलों में संबंधित जिला पुलिस प्रमुख या एसएचओ को निर्देश जारी किये जा रहे हैं.
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हाई कोर्ट में सामान्य दिनों में भी जब रोजाना एक हजार से अधिक मामलों में सुनवाई होती थी तो उनमें से करीब 10 प्रतिशत मामले प्रेमी जोड़ों से जुड़े होते थे. वहीं हाई कोर्ट के सामने आने वाले अधिकतर प्रेमी जोड़े पंजाब और हरियाणा से हैं. चंडीगढ़ से कम ही प्रेमी जोड़ों के मामले कोर्ट में आ रहे हैं.
2002 से कोर्ट ने शुरू की थी सुनवाई
बता दें कि, हरियाणा और पंजाब से आने वाले प्रेमी जोड़े चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली पहुंचकर स्थानीय गुरुद्वारा या मंदिरों में शादी करने के बाद परिजनों से खतरा बताते हुए हाई कोर्ट के समक्ष सुरक्षा की गुहार लगाते हैं. वहीं अक्टूबर 2002 के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने ऐसे मामले सुनने शुरू किये था. जुलाई 2012 में हाईकोर्ट ने डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस, सत्र न्यायाधीशों को इन जोड़ों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करने का अधिकार दिया था.
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