चंडीगढ़ः जब से ओम प्रकाश चौटाला(op chautala) जेबीटी भर्ती घोटाले(jbt scam) की सजा पूरी करके जेल से बाहर आये हैं, तब से वो हरियाणा में चर्चा का विषय बने हुए हैं. इसी चर्चा ने इनेलो के हौसले बुलंद किए हैं, इनेलो नेताओं और कार्यकर्ताओं को लगता है कि ओपी चौटाला के वापस सक्रिय होने से उन्हें वो सियासी जमीन वापस मिलेगी जो दुष्यंत चौटाला परिवार के जाने से खोई है. अभय चौटाला(abhay chautala) भी ये मानते हैं कि उनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी.
इसके अलावा बीजेपी सरकार में मंत्री ओपी चौटाला के छोटे भाई रणजीत चौटाला भी ये कहते हैं कि ओपी चौटाला राजनीति में माहिर हैं. इसके अलावा ओपी चौटाला के चुनाव लड़ने की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं. हालांकि नियमों के मुताबिक वो 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते, लेकिन अगर चुनाव आयोग इजाजत दे दे तो ऐसा मुमकिन हो सकता है. लेकिन क्या ओपी चौटाला भी यही चाहते हैं. इसका जवाब उन्होंने दिल्ली में दिया. जब वो चौधरी देवी लाल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे.
यहां ओपी चौटाला ने कहा कि वैसे मुझे उम्मीद है कि चुनाव आयोग मुझ पर चुनाव लड़ने की पाबंदी नहीं लगाएगा, लेकिन मैं चुनाव लड़ने से ज्यादा लड़वाने में विश्वास रखता हूं. उनके इस जवाब के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई कि क्या ओपी चौटाला अब किंग मेकर की भूमिका में दिखाई देंगे, और अपनी अगली पीढ़ी को आगे बढ़ाएंगे? क्योंकि ओपी चौटाला की उम्र का भी तकाजा है और वो अब बीमार भी रहने लगे हैं.
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हालांकि अभय चौटाला ये साफ कह चुके हैं कि अगर ओपी चौटाला को चुनाव लड़ने की इजाजत मिली तो वो ऐलनाबाद से उप चुनाव लड़ेंगे, जो सीट अभय चौटाला के इस्तीफे की वजह से खाली हुई है. उन्होंने किसानों के समर्थन में इस्तीफा दिया था. लेकिन ओपी चौटाला का बयान इस ओर इशारा कर रहा है कि वो अब चुनाव लड़ेंगे नहीं बल्कि लड़ाएंगे और हरियाणा में किंग मेकर की भूमिका निभाएंगे.