चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने इन दिनों प्रदेश में ट्रैफिक रूल्स को लेकर एक मुहिम छेड़ रखी है. ये महिम खासकर विद्यार्थियों को जागरुक करने को लेकर चलाया जा रहा है, इसके लिए प्रदेश सरकार ने एक फैसला लेते हुए इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है, अब भविष्य में विद्यार्थियों को लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए एसडीएम दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. सरकार की ओर से जारी इस अधिसूचना के तहत अब प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के लर्निंग लाइसेंस की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
प्रदेश सरकार ने जारी की अधिसूचना
गौरतलब है कि उच्च शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के संदर्भ में प्रदेश सरकार ने 7 अगस्त को एक अधिसूचना जारी की है. इसके तहत कहा गया है कि मोटरयान अधिनियम-1988 की धारा 28,65,96 और 213 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए इनमें कुछ संशोधन कर नए नियम बनाए गए हैं.
शिक्षण संस्थान बना सकेगा विद्यार्थियों के लर्निंग लाइसेंस
अब विद्यार्थियों के लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का अधिकार शिक्षण संस्थानों के प्रधानाध्यापक को होगा, प्रशासनिक जानकारों के अनुसार इस प्रक्रिया हेतु शिक्षण संस्थानों में जरूरी संसाधनों की पूर्ति करने को भी कहा गया है. इसके तहत निर्देश दिए गए हैं कि लर्निंग लाइसेंस की प्रक्रिया के लिए दो कमरों की आवश्यकता होगी और इनमें एक कमरे में विद्यार्थी की एप्लीकेशन और दूसरे में लर्निंग टेस्ट ऑनलाइन लिए जाने को कहा गया है. साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि कम्प्यूटर में उच्च स्तर के सॉफ्टवेयर और डाटा फीड रखने का स्पेस भी होना चाहिए. लर्निंग लाइसेंस की प्रकिया हेतु एक नोडल अधिकारी व क्लर्क डाटा एंट्री ऑपरेटर नियुक्त किए जाएंगे.
ये लोग बना सकेंगे विद्यार्थियों के लर्निंग लाइसेंस
- लर्निंग लाइसेंस संबंधित जारी अधिसूचना तहत सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों
- AICTE द्वारा मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी संस्थानों के निदेशक एवं प्रधानाचार्य
- राजकीय सहायता प्राप्त शिक्षा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य
- राजकीय पॉलिटेक्निक तथा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्य
- राजकीय नर्सिंग महाविद्यालयों की प्रधानाचार्या
- राजकीय फार्मेसी महाविद्यालयों की प्रधानाचार्या
- राजकीय आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी महाविद्यालयों के निदेशक एवं प्रधानाचार्य