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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में चंद्रावती शुक्ला को लगा बड़ा झटका, नामांकन हुआ खारिज - चंडीगढ़ पार्षद चंद्रावती शुक्ला

बीजेपी से बगावत करके निर्दलीय के तौर पर मेयर पद के लिए नामांकन भरने वाली चंद्रावती शुक्ला को झटका लगा है. नगर निगम के रिटर्निंग अधिकारी ने उनका नामांकन खारिज कर दिया है

chandravati shukla nomination rejected
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Published : Jan 5, 2021, 1:22 PM IST

चंडीगढ़: मेयर चुनाव को लेकर कल तक जो राजनीतिक हलचल पैदा हो गई थी उस पर आज एक तरह का विराम लग गया है. मेयर चुनाव में भाजपा की बागी पार्षद चंद्रावती शुक्ला जिन्होंने मेयर पद के लिए निर्दलीय के तौर पर नामांकन भर था, उनका नामांकन खारिज हो गया है. जिससे मेयर पद के लिए नामांकन भरने वाली चंद्रावती शुक्ला को झटका लगा है.

नामांकन दाखिल करते नियमों की हुई अनदेखी

नगर निगम के रिटर्निंग अधिकारी ने उनका नामांकन खारिज कर दिया है क्योंकि कांग्रेसी पार्षद सतीश कैंथ ने चंद्रावती शुक्ला को प्रपोज किया था. सतीश कैंथ इससे पहले कांग्रेस के मेयर पद के उम्मीदवार दविंदर सिंह बबला के नामांकन को भी प्रपोज किया था. नियमों के अनुसार एक पार्षद एक से ज्यादा नामांकन को प्रपोज नहीं कर सकता जिस कारण चंद्रावती शुक्ला का नामांकन खारिज कर दिया गया है.

कांग्रेस के मनसूबों पर फिरा पानी

बता दें कि, सोमवार को जब भाजपा ने मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के उम्मीदवार घोषित किए थे तो चंद्रावती शुक्ला ने नाराजगी जाहिर करते हुए निर्दलीय तौर पर नामांकन भर दिया था. तब से चंद्रावती शुक्ला को भाजपा नेताओं की ओर से मनाया भी जा रहा था. चंद्रावती शुक्ला के नामांकन भरने के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी उन्हें समर्थन देने का दावा किया था. ऐसे में चंद्रावती शुक्ला का नामांकन खारिज होने से कांग्रेस की रणनीति में भी पानी फिर गया है.

दो नामांकन पर एक पार्षद नहीं बन सकता प्रपोजर

कांग्रेस के मेयर पद के उम्मीदवार दविंदर सिंह बबला ने भी दो नामांकन भरे थे. ऐसे में कैंथ की ओर से उन्हें भी प्रपोज करने पर उनका एक नामांकन खारिज कर दिया गया है और एक नामांकन मंजूर किया है. उधर चंद्रावती शुक्ला की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उनका नामांकन सत्ता पक्ष की ओर से जानबूझकर खारिज किया गया है क्योंकि उन्हें भी पता था कि वे मेयर पद का चुनाव जीत जाएंगी. शुक्ला का ये भी दावा है कि उनके पास 14 पार्षदों का भी समर्थन था.

भाजपा में इस बार हो रही बगावत

भाजपा के खिलाफ इस समय पार्षद भरत कुमार भी हैं. भरत कुमार ने भाजपा के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद अपने सभी पदों से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी. पार्षद भरत कुमार को भाजपा नेताओं की ओर से मनाने का काफी प्रयास किया जा रहा है, लेकिन भरत कुमार मानने के लिए तैयार नहीं है. भरत कुमार का कहना है कि अब वे भाजपा के पार्षद नहीं है वे सिर्फ अपने एरिया के पार्षद हैं.

भाजपा को मिली राहत

चंद्रावती शुक्ला का नामांकन खारिज होने से भाजपा को राहत मिली है क्योंकि चंद्रावती शुक्ला के मैदान में होने से भाजपा में क्रॉस वोटिंग की संभावना थी. नामांकन के दस्तावेज को चेक करने के लिए रिटर्निंग अधिकारी ने सभी दलों के उम्मीदवारों को बुलाया हुआ था. इस मौके पर भाजपा के मेयर पद के उम्मीदवार रवि कांत शर्मा भी मौजूद थे. उन्होंने भी चंद्रावती शुक्ला के नामांकन पर आपत्ति जाहिर की थी.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़: मेयर पद के लिए कांग्रेस के देवेंद्र बाबला ने भरा नामांकन, चुनाव जीतने का किया दावा

चंडीगढ़: मेयर चुनाव को लेकर कल तक जो राजनीतिक हलचल पैदा हो गई थी उस पर आज एक तरह का विराम लग गया है. मेयर चुनाव में भाजपा की बागी पार्षद चंद्रावती शुक्ला जिन्होंने मेयर पद के लिए निर्दलीय के तौर पर नामांकन भर था, उनका नामांकन खारिज हो गया है. जिससे मेयर पद के लिए नामांकन भरने वाली चंद्रावती शुक्ला को झटका लगा है.

नामांकन दाखिल करते नियमों की हुई अनदेखी

नगर निगम के रिटर्निंग अधिकारी ने उनका नामांकन खारिज कर दिया है क्योंकि कांग्रेसी पार्षद सतीश कैंथ ने चंद्रावती शुक्ला को प्रपोज किया था. सतीश कैंथ इससे पहले कांग्रेस के मेयर पद के उम्मीदवार दविंदर सिंह बबला के नामांकन को भी प्रपोज किया था. नियमों के अनुसार एक पार्षद एक से ज्यादा नामांकन को प्रपोज नहीं कर सकता जिस कारण चंद्रावती शुक्ला का नामांकन खारिज कर दिया गया है.

कांग्रेस के मनसूबों पर फिरा पानी

बता दें कि, सोमवार को जब भाजपा ने मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के उम्मीदवार घोषित किए थे तो चंद्रावती शुक्ला ने नाराजगी जाहिर करते हुए निर्दलीय तौर पर नामांकन भर दिया था. तब से चंद्रावती शुक्ला को भाजपा नेताओं की ओर से मनाया भी जा रहा था. चंद्रावती शुक्ला के नामांकन भरने के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी उन्हें समर्थन देने का दावा किया था. ऐसे में चंद्रावती शुक्ला का नामांकन खारिज होने से कांग्रेस की रणनीति में भी पानी फिर गया है.

दो नामांकन पर एक पार्षद नहीं बन सकता प्रपोजर

कांग्रेस के मेयर पद के उम्मीदवार दविंदर सिंह बबला ने भी दो नामांकन भरे थे. ऐसे में कैंथ की ओर से उन्हें भी प्रपोज करने पर उनका एक नामांकन खारिज कर दिया गया है और एक नामांकन मंजूर किया है. उधर चंद्रावती शुक्ला की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उनका नामांकन सत्ता पक्ष की ओर से जानबूझकर खारिज किया गया है क्योंकि उन्हें भी पता था कि वे मेयर पद का चुनाव जीत जाएंगी. शुक्ला का ये भी दावा है कि उनके पास 14 पार्षदों का भी समर्थन था.

भाजपा में इस बार हो रही बगावत

भाजपा के खिलाफ इस समय पार्षद भरत कुमार भी हैं. भरत कुमार ने भाजपा के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद अपने सभी पदों से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी. पार्षद भरत कुमार को भाजपा नेताओं की ओर से मनाने का काफी प्रयास किया जा रहा है, लेकिन भरत कुमार मानने के लिए तैयार नहीं है. भरत कुमार का कहना है कि अब वे भाजपा के पार्षद नहीं है वे सिर्फ अपने एरिया के पार्षद हैं.

भाजपा को मिली राहत

चंद्रावती शुक्ला का नामांकन खारिज होने से भाजपा को राहत मिली है क्योंकि चंद्रावती शुक्ला के मैदान में होने से भाजपा में क्रॉस वोटिंग की संभावना थी. नामांकन के दस्तावेज को चेक करने के लिए रिटर्निंग अधिकारी ने सभी दलों के उम्मीदवारों को बुलाया हुआ था. इस मौके पर भाजपा के मेयर पद के उम्मीदवार रवि कांत शर्मा भी मौजूद थे. उन्होंने भी चंद्रावती शुक्ला के नामांकन पर आपत्ति जाहिर की थी.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़: मेयर पद के लिए कांग्रेस के देवेंद्र बाबला ने भरा नामांकन, चुनाव जीतने का किया दावा

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