चंडीगढ़: हरियाणा की राजनीति में फिर से नया मोड़ आ गया है. सूत्रों की माने तो अब जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला कोई पद नहीं लेंगे. उनकी जगह उनकी मां नैना उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं. पार्टी का अंतिम फैसला विधायक दल की बैठक के बाद होगा.
बीजेपी-जेजेपी के बीच गठजोड़
आपको बता दें कि शुक्रवार को बीजेपी और जेजेपी के बीच गठजोड़ हो गया. चुनाव नतीजों में 40 पर अटक जाने वाली बीजेपी को दस विधायकों वाली जेजेपी का समर्थन मिल गया और इसके साथ ही बहुमत का जादुई आंकड़ा भी पार हो गया. वैसे बीजेपी को गुरुवार को ही 6 निर्दलीयों और हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपाल कांडा के समर्थन का आश्वासन मिल गया था.
दुष्यंत चौटाला नहीं लेंगे कोई पद
समझौते के तहत ये तय हुआ था सरकार में मनोहर लाल सीएम होंगे, जबकि जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री पद मिलेगा. लेकिन अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि नैना चौटाला डिप्टी सीएम बन सकती हैं. दोनों दलों के बीच समझौते का ऐलान शाह ने देर रात अपने निवास पर दुष्यंत चौटाला के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया था.
इस दौरान दुष्यंत और मनोहर लाल के साथ बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी के हरियाणा प्रभारी अनिल जैन और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे. आज बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद दोनों दलों की तरफ से नई सरकार के गठन का दावा पेश किया जाएगा.
राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि हरियाणा में स्थिर सरकार देने के लिए बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन जरूरी था. आज मनोहर लाल राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.
सरकार गठन के लिए दोनों दल शनिवार दोपहर राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं. ये समझौता दोनों दलों के लिए अहम है. बीजेपी को निर्दलीयों पर निर्भरता कम करने के साथ ही इसके सहारे जाट सियासत को साधने का मौका मिलेगा. वहीं जेजेपी पहली बार चुनावी मैदान में उतरने के बाद सत्ता तक पहुंचने में कामयाब होगी.
बीजेपी और देवीलाल परिवार के बीच राजनीतिक रिश्तों का इतिहास
बीजेपी और देवीलाल परिवार के बीच राजनीतिक रिश्तों का इतिहास जनसंघ के समय से शुरू होता है. इनेलो का जनाधार सिमटता जा रहा है. दुष्यंत चौटाला की जेजेपी देवीलाल की विरासत की ध्वजवाहक के रूप में उभरी है.
इतिहास की बात करें तो बीजेपी देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला को सीएम बनवाने में सहयोगी रही है. बंसीलाल सरकार के गिरने पर 24 जुलाई 1999 को ओमप्रकाश चौटाला भी बीजेपी की मदद से ही सीएम बने थे.
कारगिल युद्ध के बाद का लोकसभा चुनाव और उसी साल 1999 का विधानसभा चुनाव इनेलो और बीजेपी ने मिलकर लड़ा था. चौटाला ने रोहतक में मेडिकल मोड़ पर देवीलाल और जनसंघ-भाजपा के दिग्गज मंगलसेन की प्रतिमाएं भी लगवाई थीं.
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