चंडीगढ़: हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने गुरुवार को विभाग के अधिकारियों को महिलाओं व बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए भावी रणनीतियों पर गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए और भविष्य की योजनाओं को लेकर विचार-विमर्श किया.
कमलेश ढांडा ने विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक में आगामी योजनाओं पर चर्चा की और लॉकडाउन के दौरान विभाग द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा की. बैठक में जानकारी दी गई कि कोविड-19 के दौरान 24 मार्च, 2020 से 8 जून, 2020 तक विभाग द्वारा 2 लाख 80 हजार 770 महिलाओं को और 8 लाख 84 हजार 792 बच्चों तक पूरक पोषाहार पहुंचाया गया.
कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा अपने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, खण्ड और जिला स्तर के अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा राज्य में स्थापित आश्रय गृहों में रह रहे प्रवासियों के लिए नियमित काउंसलिंग, मेडिटेशन, योग कार्यशालाएं और बच्चों के मनोरंजन के लिए विभिन्न गतिविधियां चलाई गई.
इसके अलावा, 7572 प्रवासी कामगारों, 5628 महिलाओं व उनके 11184 बच्चों को भोजन, पंजीरी, दूध, फल, बिस्कुट, फेस मास्क, पेपर नेपकीन, सेनेटाइजर, सेनेटरी नेपकीन, डायपर व साबुन इत्यादि उपलब्ध करवाया गया. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व हेल्परों द्वारा 9 लाख 79 हजार 393 मास्क तैयार करके मुफ्त बांटे गए और 696 महिलाओं को सेनेटरी नेपकीन उपलब्ध करवाए गए.
बैठक में अधिकारियों ने महिला एवं बाल विकास मंत्री को बताया कि आश्रय गृहों में 5444 गर्भवती व अन्य महिलाओं और 10308 बच्चों को आवश्यकता अनुसार स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा उपलब्ध करवाई गई तथा 8 महिलाओं व 3 बच्चों को रैफरल सुविधाएं दी गई. इसके अतिरिक्त, 234 महिलाओं व 565 बच्चों का टीकाकरण करवाया और 1467 बच्चों को स्कूल-पूर्व अनौपचारिक शिक्षा दी गई. इसी तरह 5 बच्चों सहित 31 महिलाओं को वन स्टॉप सेंटर की सुविधा दी गई और 5460 महिलाओं को पोषण व स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी दी गई.
महिला एवं बाल विकास मंत्री को अवगत करवाया गया कि सामाजिक दूरी का पालन करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व हेल्परों द्वारा घर-घर जाकर लाभार्थियों को पोषाहार जैसे कि गेहूं, चावल, बेसन, सोयाबीन, चीनी, तेल इत्यादि वितरित किया गया. इस दौरान यह भी बताया गया कि प्रदेश में सभी 82 बाल देखरेख संस्थाओं का निरीक्षण हर सप्ताह किया जा रहा है.
बैठक में बताया गया कि लगभग 2100 बच्चों की काउंसलिंग की गई है. बच्चों का मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए नियमित तौर पर योग, सामाजिक दूरी बनाए रखने, मास्क, सेनेटाइजर आदि चीजों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है और साफ-सफाई रखने बारे प्रोत्साहित किया जा रहा है.
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