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हरियाणा में 2 लाख से ज्यादा पशुओं का हुआ टीकाकरण, 29 हजार से ज्यादा हुए स्वस्थ

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के पशुपालकों से अपील करते हुए कहा कि लंपी स्किन बीमारी (एलएसडी) से घबराने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है.

Manohar Lal statement on Lumpy virus
Manohar Lal statement on Lumpy virus
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Published : Aug 25, 2022, 10:39 PM IST

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल गुरुवार को चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे. मनुष्यों में एलएसडी वायरस के संक्रमण के संबंध में अफवाहों को स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालकों को इस बीमारी से डरना नहीं चाहिए, क्योंकि यह बीमारी मनुष्यों में नहीं फैलती है. इसलिए बीमार पशुओं की देखभाल करने वाले पशुपालकों को डरने की कोई जरूरत नहीं है.

2 लाख से ज्यादा पशुओं का टीकाकरण- सीएम मनोहर लाल ने कहा कि कोविड-19 की तरह हरियाणा एलएसडी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए मिशन मोड पर काम कर रहा है. एलएसडी के नियंत्रण के लिए हर स्तर पर वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. अब तक 2 लाख 45 हजार 249 गौवंश को इस रोग से बचाव के लिए गोट पोक्स टीका लगाया जा चुका है. इसके प्रभावी नियंत्रण के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें की जा रही हैं.

29 हजार से ज्यादा पशु स्वस्थ हुए- मुख्यमंत्री ने कहा कि लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) के नियंत्रण के लिए पशुओं का अधिक से अधिक टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने व्यापक अभियान शुरू किया है. इसके तहत पशुओं का मुफ्त टीकाकरण किया जा रहा है. लगभग 20 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से मृत्यु दर बहुत कम अर्थात केवल 1 से 5 प्रतिशत है. विशेषकर उन पशुओं को अधिक खतरा है जो पहले से ही अन्य रोगों से ग्रस्त हैं. बीमारी की शुरुआत में ही इलाज मिलने पर इस रोग से ग्रस्त पशु 2-3 दिन में बिल्कुल स्वस्थ हो जाता है. एलएसडी बीमारी से प्रभावित 29 हजार 104 पशु स्वस्थ हो चुके हैं.

लंपी पायरस के कुल मामले- मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 3 हजार 497 गांवों तक 52 हजार 544 पशु इस बीमारी से ग्रस्त हुए हैं. इनमें से 29 हजार 104 पशु स्वस्थ हो चुके हैं. अब तक 633 पशुओं की मृत्यु हो चुकी है. उन्होंने बताया कि प्रदेश की 286 गौशालाओं में 7 हार 938 गौवंश इस बीमारी से ग्रस्त हैं. इनमें से 126 गौवंश की मृत्यु हो चुकी है. मृत्यु का प्रतिशत 1.2 प्रतिशत है.

लंपी वायरस से बचाव के उपाय- मुख्यमंत्री ने एलएसडी बीमारी की रोकथाम के लिए पशुपालकों को फॉगिंग करवाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि किसानों को मक्खियों और मच्छरों को नियंत्रित करने की भी सलाह दी जा रही है, जो बीमारी फैलने का प्रमुख कारक हैं. इसलिए पशुपालक सफाई का विशेष ध्यान रखें. जानवरों को अन्य जानवरों से अलग रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए ग्वालों द्वारा पशुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने पर रोक लगाई गई है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में लंपी वायरस को लेकर सीएम ने संभाली कमान, मिशन मोड पर वैक्सीनेशन का आदेश

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल गुरुवार को चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे. मनुष्यों में एलएसडी वायरस के संक्रमण के संबंध में अफवाहों को स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालकों को इस बीमारी से डरना नहीं चाहिए, क्योंकि यह बीमारी मनुष्यों में नहीं फैलती है. इसलिए बीमार पशुओं की देखभाल करने वाले पशुपालकों को डरने की कोई जरूरत नहीं है.

2 लाख से ज्यादा पशुओं का टीकाकरण- सीएम मनोहर लाल ने कहा कि कोविड-19 की तरह हरियाणा एलएसडी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए मिशन मोड पर काम कर रहा है. एलएसडी के नियंत्रण के लिए हर स्तर पर वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. अब तक 2 लाख 45 हजार 249 गौवंश को इस रोग से बचाव के लिए गोट पोक्स टीका लगाया जा चुका है. इसके प्रभावी नियंत्रण के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें की जा रही हैं.

29 हजार से ज्यादा पशु स्वस्थ हुए- मुख्यमंत्री ने कहा कि लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) के नियंत्रण के लिए पशुओं का अधिक से अधिक टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने व्यापक अभियान शुरू किया है. इसके तहत पशुओं का मुफ्त टीकाकरण किया जा रहा है. लगभग 20 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से मृत्यु दर बहुत कम अर्थात केवल 1 से 5 प्रतिशत है. विशेषकर उन पशुओं को अधिक खतरा है जो पहले से ही अन्य रोगों से ग्रस्त हैं. बीमारी की शुरुआत में ही इलाज मिलने पर इस रोग से ग्रस्त पशु 2-3 दिन में बिल्कुल स्वस्थ हो जाता है. एलएसडी बीमारी से प्रभावित 29 हजार 104 पशु स्वस्थ हो चुके हैं.

लंपी पायरस के कुल मामले- मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 3 हजार 497 गांवों तक 52 हजार 544 पशु इस बीमारी से ग्रस्त हुए हैं. इनमें से 29 हजार 104 पशु स्वस्थ हो चुके हैं. अब तक 633 पशुओं की मृत्यु हो चुकी है. उन्होंने बताया कि प्रदेश की 286 गौशालाओं में 7 हार 938 गौवंश इस बीमारी से ग्रस्त हैं. इनमें से 126 गौवंश की मृत्यु हो चुकी है. मृत्यु का प्रतिशत 1.2 प्रतिशत है.

लंपी वायरस से बचाव के उपाय- मुख्यमंत्री ने एलएसडी बीमारी की रोकथाम के लिए पशुपालकों को फॉगिंग करवाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि किसानों को मक्खियों और मच्छरों को नियंत्रित करने की भी सलाह दी जा रही है, जो बीमारी फैलने का प्रमुख कारक हैं. इसलिए पशुपालक सफाई का विशेष ध्यान रखें. जानवरों को अन्य जानवरों से अलग रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए ग्वालों द्वारा पशुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने पर रोक लगाई गई है.

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